रांची: कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए सोमवार से राज्य के 38 हजार अधिवक्ता ने अदालती कार्य से खुद को अलग रखा है. झारखंड हाई कोर्ट से लेकर राज्य के सभी सिविल कोर्ट और अन्य अदालत ट्रिब्यूनल में अधिवक्ता और उनके क्लर्कों ने किसी भी प्रकार की अदालती कार्यवाही से अपने को अलग रखा है.
अदालती कार्यवाही से दूर रहे 38 हजार अधिवक्ता
झारखंड में कोविड-19 का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. इसे लेकर झारखंड के 38 हजार अधिवक्ताओं ने खुद को अदालती कार्यवाही से दूर रखा, ताकि खुद के साथ-साथ अपने परिवार को सुरक्षित रख सके और कोविड-19 का चेन तोड़ा जा सके. इसे लेकर सोमवार को झारखंड के अधिवक्ता और कर्मचारियों ने किसी भी अदालती कार्य में भाग नहीं लिया. वे अपने-अपने घरों में रहें. वहीं, अदालत अपने समय से बैठी. पूर्व से निर्धारित मामले पर सुनवाई भी की और कुछ आदेश भी जारी किया.
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप से लिया फैसला
बता दें कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने आपात बैठक कर सर्वसम्मति से निर्णय लिया था कि वे अगले 7 दिन तक किसी भी प्रकार की अदालती कार्यवाही में भाग नहीं लेंगे. इसी को लेकर सोमवार को राज्य के सभी अधिवक्ताओं ने किसी प्रकार की अदालती कार्यवाही में भाग नहीं लिया. इसकी खास वजह है झारखंड में कोविड-19 संक्रमण का बढ़ना. राज्य में स्वास्थ्य की स्थिति का बदतर होना. स्वास्थ्य सुविधा समय से उपलब्ध ना होना. आवश्यक दवाओं की कमी होना.