रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के लिए वर्ष 2019 संघर्ष और चुनौतियों भरा रहा है, 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में जहां कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा, वहीं झारखंड विधानसभा चुनाव में मिले जनादेश के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर है. हालांकि इसके बावजूद पार्टी का मानना है कि नए वर्ष में पार्टी को और भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
उतार-चढ़ाव भरा रहा 2019
इस बारे में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि 2019 में जहां पार्टी को लोकसभा चुनाव में करारी हार मिली, वहीं झारखंड गठन के 19 वर्षों बाद यह पहला मौका आया कि प्रदेश में कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत हासिल की और महागठबंधन की सरकार में बड़ी पार्टी के रूप में शामिल हुई. ऐसे में 2019 प्रदेश कांग्रेस के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा. हालांकि इसका अंत जिस तरह हुआ उसे लेकर कांग्रेस में उत्साह की लहर है. वहीं वे मानते हैं कि 2020 में भी पार्टी को कई उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिल सकता है.
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जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास
वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शमशेर आलम का कहना है कि 2020 में महागठबंधन की सरकार में घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने का प्रयास पार्टी की ओर से होगा. वहीं पिछले 5 सालों में बीजेपी सरकार में राज्य में जिस तरह से अराजकता फैली है, उसको खत्म करना नए वर्ष में सबसे बड़ी चुनौती होगी.