रांची: बुधवार को पूरा देश संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 130वीं जयंती मना रहा है. 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू में जन्मे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जीवन समानता के लिए संघर्ष में बीता और इसी कारण समानता और ज्ञान के वे प्रतीक माने जाते हैं. हर साल की तरह इस साल भी बाबा साहब को लोगों ने उनके जन्मदिवस पर याद किया, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इस बार उनका जयंती समारोह फीका रहा.
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बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण
रांची के अंबेडकर चौक स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा पर हर साल आज के दिन लोगों का तांता लगा रहता था. मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल और आम लोगों की भीड़ बाबा साहेब की मूर्ति पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए लगी रहती थी, लेकिन कोरोना के कारण राजधानी में बदले हालात ने इस अवसर को भी लोगों ने घरों में ही मनाना उचित समझा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर नमन करते हुए कहा कि उन्होंने समस्त मानव को समानता का संदेश दिया था. इस दिवस पर बाबा साहेब की सोच के अनुरूप काम करने की हम सभी को संकल्प लेना चाहिए. वहीं, राज्यपाल ने राजभवन में बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया.
कोरोना के कारण कार्यक्रम फीका
हाल ही में लोक अदालत में किन्नर जज के रूप में सुर्खियों में आई अल्पेश सोनी ने बाबा साहेब को याद करते हुए कहा कि कोरोना के कारण कार्यक्रम जरूर फीका पड़ गया है, लेकिन उनके प्रति हमारी आस्था हमेशा बनी रहेगी. एसीबी में कार्यरत अजय कुमार रजक बुधवार सुबह से ही लोगों को बाबा साहेब की जयंती की बधाई देते रहे. बाबा साहेब को नमन करने पहुंचे अजय रजक ने उनके कृतित्व को याद करते हुए कहा कि वे हमेशा लोगों के दिलों में बसे रहेंगे.