रांचीः चीन और कजाकिस्तान के 11 संदिग्ध नागरिकों को रांची के तमाड़ इलाके से पकड़ा गया है. कुछ स्थानीय लोगों ने इन्हें पनाह दिया हुआ था. यहां उन्हें छिपा कर रखा गया था. जानकारी मिलने के बाद सभी को क्वारेंटाइन के लिए मुसाबनी स्थित कांस्टेबल ट्रेनिंग सेंटर भेजा गया. बताया जा रहा सोमवार को ही सभी तमाड़ के रडगांव पहुंचे थे. पुलिस सभी के पासपोर्टों की जांच कर रही है, आशंका जतायी जा रही है कि सभी के पासपोर्ट फर्जी हैंं. ये सभी एक धार्मिक स्थल में छुपे हुए थे.
कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित देश चीन, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान के 11 नागरिकों के रांची के तमाड़ के रडग़ांव स्थित एक मस्जिद में ठहरे होने की सूचना पर इलाके में हड़कंप मच गया. इसकी सूचना पुलिस प्रशासन को दी गई. पुलिस-प्रशासन मेडिकल टीम के साथ वहां पहुंची और सभी मौलवियों की स्वास्थ्य जांच की. इसके बाद सभी को रेस्क्यू करते हुए क्वारनटाइन के लिए मुसाबनी स्थिति कांस्टेबल ट्रेनिंग स्कूल भेजा दिया गया. ग्रामीण एसपी ऋषभ कुमार झा ने बताया कि पूछताछ में सभी 11 नागारिकों ने बताया है कि वे भारत देश के मुस्लिम कल्चर पर स्टडी के लिए यहां आए थे. उन्होंने खुद को स्कॉलर भी बताया है. उनका पासपोर्ट, वीजा सभी वैध लग रहे. हालांकि उनके यहां आने और उनके दस्तावेजों का सत्यापन किया जा रहा है. वीजा-पासपोर्ट जब्त किया गया है.
चाइनिज नागिरकों के रुके होने की मिली थी सूचना
तमाड़ के रडग़ांव मस्जिद से 11 चाइनिज नागरिकों के रूके होने की सूचना पुलिस-प्रशासन को मिली थी. इस सूचना पर तमाड़ थाना प्रभारी चंद्रशेखर आजाद, सीओ कमल किशोर सिंह व बीडीओ राहुल कुमार जांच करने पहुंचे. बुंडू डीएसपी अजय कुमार को गुप्त सूचना मिली थी की तमाड़ के रडग़ांव स्थित मस्जिद में कुछ विदेशी मौलवी रूके हुए हैं. इसी पर जांच के क्रम में पता चला कि चाइना के तीन, कजाकिस्तान के चार व किर्गिस्तान के चार संदिग्ध मौलवी मस्जिद में रुके थे.
प्रारंभिक जांच में कोरोना के नहीं मिले लक्षण
तमाड़ चिकित्सा प्रभारी आशुतोष त्रिपाठी नें बताया की सभी 11 विदेशियों की प्रारंभिक जांच कर ली गई है. किसी के कोरोना संक्रमित रोग के लक्षण नही मिले हैं. फिर भी सभी को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुसाबनी स्थित कांस्टेबल ट्रेनिंग स्कूल जमशेदपुर में 15 दिनों के क्वारनटाइन के लिए दिया भेजा गया. बताया जा रहा है कि सभी मौलवी 19 मार्च को दिल्ली से रांची पहुंचे थे. रांची सें जमशेदपुर जाने के क्रम में सभी रडग़ांव स्थित मस्जिद में शरण ले लिए थे. तब से वे सभी रडग़ांव में ही रह रहे थे. अपने आप को धर्म प्रचारक भी बताया है. वे पिछले डेढ़ महीने से भारत में हैं.