ETV Bharat / state

Hunger Strike Till Death: अनुबंधित नर्सों के आमरण अनशन का 10वां दिन, 13 अनशनकारी हॉस्पिटल में भर्ती

एनएचएम की अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकलकर्मी पिछले 10 दिनों से अनशन पर हैं. कई लोगों की तबीयत भी खराब हो चुकी है. लेकिन इनका आंदोलन जारी है. नियमितीकरण मिलने तक ये आंदोलन करते रहेंगे.

author img

By

Published : Feb 3, 2023, 12:05 AM IST

10th day of fast unto death of NHM nurses
10th day of fast unto death of NHM nurses
जानकारी देते संवाददाता उपेंद्र

रांचीः सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की 21 अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकलकर्मी पिछले 10 दिन से आमरण अनशन पर हैं. राजभवन के समक्ष आमरण अनशन पर बैठे 21 स्वास्थ्यकर्मियों में से अब सिर्फ 08 अनशन स्थल पर हैं, जबकि 13 अनशनकारियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. रांची सिविल सर्जन ने आपात स्थिति से निपटने के लिए एक एम्बुलेंस और चिकित्सीय सुविधा राजभवन के पास उपलब्ध करा दी है.

सेवा स्थायीकरण तक जारी रहेगा आंदोलन, 4 फरवरी को भिक्षाटन की तैयारीः आमरण अनशन पर बैठे एनएचएम अनुबंधित नर्सों और पारा मेडिकलकर्मियों ने कहा कि इस बार मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा और वह नियमित होकर ही लौटेंगे. झारखंड पारा मेडिकलकर्मी संघ के संतोष कुमार ने कहा कि उनकी जायज मांगों पर भी सरकार मौन बनी हुई है. उन्होंने कहा कि 2019 में वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि 3 महीने में अनुबंध शब्द उनके पद के आगे से हट जाएगा, लेकिन अब 3 साल हो गए हैं. सरकार की ओर से मिलने तक कोई नहीं आया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और कांग्रेस के निलंबित विधायक राजेश कच्छप आमरण अनशनकारियों से मिले थे. अनशनकारियों को आश्वासन दिया था लेकिन कुछ हुआ नहीं.

अब तक 13 अनशनकारी अस्पताल में भर्ती, एक को दिल्ली ले जाया गयाः 24 जनवरी 2023 से अनशन पर बैठे 21 अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मीयों में से 13 की तबीयत बिगड़ चुकी है. उसमें से 1 को इलाज के लिए दिल्ली एम्स ले जाया गया है. वहीं वहीं 12 का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. सदर अस्पताल, रांची में भर्ती 12 अनशनकारियों में से 3 ICU में हैं और उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. अभी भी दो नर्स सदर अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.

ये है आंदोलित अनुबंधित नर्सों की मांगः राज्य के आठ हजार से ज्यादा अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ 15 वर्षों से भी अधिक समय से NHM के तहत अनुबंध पर सेवा दे रहें हैं. इनका कहना है कि 2019 में विधानसभा चुनाव के समय वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी सेवा नियमित करने का वादा किया था. आरोप है कि 3 साल बाद भी सरकार एक कदम आगे नहीं बढ़ी है. आंदोलित नर्सों के अनुसार विधानसभा सत्र के दौरान पूछे गए सवाल पर सकारात्मक उत्तर दिया लेकिन अब मौन हैं.

ये नर्स और लैब तकनीशियन बैठे हैं आमरण अनशन परः झारखंड राज्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जीएनएम एएनएम संघ के आमरण अनशन में बैठने वाले 21 नर्सों और लैब टेक्नीशियन सूची इस प्रकार है. धरनी कुमारी, सूर्यकांति कुमारी, ममता कुमारी, पूर्णिमा कुमारी, वीणा कुमारी, शिवरानी अंजलिना खाका, पूनम कुमारी, नंदनी कुमारी, ललिता कुमारी, अनिता कुमारी, बबीता कुमारी, टेरेसा मिंज, अरुणा टोप्पो, सुनीता कुमारी, विनय कुमार सिंह, सत्येंद्र कुमारी, नवीन कुमार,
रंजन सुशांत. कुमारी दास. रंजीत सोरेन और प्रदीप कुमार. इनमें से बारी बारी से कई की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया और ठीक होकर ये फिर आमरण अनशन में शामिल हो जाते हैं. अनशनकारियों के समर्थन में हर दिन अलग अलग जिलों से सैकड़ों की संख्या में अनुबंधित नर्सें राजभवन के समक्ष पहुंचती हैं और धरना देती हैं. आंदोलनकारियों ने साफ शब्दों में कहा कि इस बार वह सरकार से सेवा नियमितीकरण लेकर ही घर लौटेंगे.

16 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री आवास का घेराव के बाद से लगातार आंदोलन पर हैं अनुबंधित नर्सः झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी संघ और झारखंड राज्य एनएचएम एएनएम /जीएनएम संघ के संयुक्त तत्वावधान में राज्य भर के समस्त पारा मेडिकल कर्मी, एएनएम /जीएनएम के अनुबंधित नर्से/ लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, आप्थाल्मिक असिस्टेंट, फिजियोथैरेपिस्ट ने 16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था. 17 से 23 जनवरी तक राजभवन के समक्ष अपनी मांगों के समर्थन में धरना भी दिया था. 24 जनवरी से अलग अलग जिले की 21 नर्स एवं पारा मेडिकलकर्मी आमरण अनशन पर हैं.

स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ रहा है प्रतिकूल असरः राज्यभर के आठ-साढ़े आठ हजार अनुबंधित नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ की हड़ताल की वजह से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हुई है. रूटीन टीकाकरण से लेकर ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हुई है. एमटीसी सेंटर पर भी इसका असर हुआ है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आउटसोर्सिंग से बहाल नर्सों के भरोसे स्वास्थ्य सेवा सुचारू रखने का दावा करते हैं पर वह पर्याप्त नहीं है.

जानकारी देते संवाददाता उपेंद्र

रांचीः सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की 21 अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकलकर्मी पिछले 10 दिन से आमरण अनशन पर हैं. राजभवन के समक्ष आमरण अनशन पर बैठे 21 स्वास्थ्यकर्मियों में से अब सिर्फ 08 अनशन स्थल पर हैं, जबकि 13 अनशनकारियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. रांची सिविल सर्जन ने आपात स्थिति से निपटने के लिए एक एम्बुलेंस और चिकित्सीय सुविधा राजभवन के पास उपलब्ध करा दी है.

सेवा स्थायीकरण तक जारी रहेगा आंदोलन, 4 फरवरी को भिक्षाटन की तैयारीः आमरण अनशन पर बैठे एनएचएम अनुबंधित नर्सों और पारा मेडिकलकर्मियों ने कहा कि इस बार मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा और वह नियमित होकर ही लौटेंगे. झारखंड पारा मेडिकलकर्मी संघ के संतोष कुमार ने कहा कि उनकी जायज मांगों पर भी सरकार मौन बनी हुई है. उन्होंने कहा कि 2019 में वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि 3 महीने में अनुबंध शब्द उनके पद के आगे से हट जाएगा, लेकिन अब 3 साल हो गए हैं. सरकार की ओर से मिलने तक कोई नहीं आया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और कांग्रेस के निलंबित विधायक राजेश कच्छप आमरण अनशनकारियों से मिले थे. अनशनकारियों को आश्वासन दिया था लेकिन कुछ हुआ नहीं.

अब तक 13 अनशनकारी अस्पताल में भर्ती, एक को दिल्ली ले जाया गयाः 24 जनवरी 2023 से अनशन पर बैठे 21 अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मीयों में से 13 की तबीयत बिगड़ चुकी है. उसमें से 1 को इलाज के लिए दिल्ली एम्स ले जाया गया है. वहीं वहीं 12 का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. सदर अस्पताल, रांची में भर्ती 12 अनशनकारियों में से 3 ICU में हैं और उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. अभी भी दो नर्स सदर अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.

ये है आंदोलित अनुबंधित नर्सों की मांगः राज्य के आठ हजार से ज्यादा अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ 15 वर्षों से भी अधिक समय से NHM के तहत अनुबंध पर सेवा दे रहें हैं. इनका कहना है कि 2019 में विधानसभा चुनाव के समय वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी सेवा नियमित करने का वादा किया था. आरोप है कि 3 साल बाद भी सरकार एक कदम आगे नहीं बढ़ी है. आंदोलित नर्सों के अनुसार विधानसभा सत्र के दौरान पूछे गए सवाल पर सकारात्मक उत्तर दिया लेकिन अब मौन हैं.

ये नर्स और लैब तकनीशियन बैठे हैं आमरण अनशन परः झारखंड राज्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जीएनएम एएनएम संघ के आमरण अनशन में बैठने वाले 21 नर्सों और लैब टेक्नीशियन सूची इस प्रकार है. धरनी कुमारी, सूर्यकांति कुमारी, ममता कुमारी, पूर्णिमा कुमारी, वीणा कुमारी, शिवरानी अंजलिना खाका, पूनम कुमारी, नंदनी कुमारी, ललिता कुमारी, अनिता कुमारी, बबीता कुमारी, टेरेसा मिंज, अरुणा टोप्पो, सुनीता कुमारी, विनय कुमार सिंह, सत्येंद्र कुमारी, नवीन कुमार,
रंजन सुशांत. कुमारी दास. रंजीत सोरेन और प्रदीप कुमार. इनमें से बारी बारी से कई की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया और ठीक होकर ये फिर आमरण अनशन में शामिल हो जाते हैं. अनशनकारियों के समर्थन में हर दिन अलग अलग जिलों से सैकड़ों की संख्या में अनुबंधित नर्सें राजभवन के समक्ष पहुंचती हैं और धरना देती हैं. आंदोलनकारियों ने साफ शब्दों में कहा कि इस बार वह सरकार से सेवा नियमितीकरण लेकर ही घर लौटेंगे.

16 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री आवास का घेराव के बाद से लगातार आंदोलन पर हैं अनुबंधित नर्सः झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी संघ और झारखंड राज्य एनएचएम एएनएम /जीएनएम संघ के संयुक्त तत्वावधान में राज्य भर के समस्त पारा मेडिकल कर्मी, एएनएम /जीएनएम के अनुबंधित नर्से/ लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, आप्थाल्मिक असिस्टेंट, फिजियोथैरेपिस्ट ने 16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था. 17 से 23 जनवरी तक राजभवन के समक्ष अपनी मांगों के समर्थन में धरना भी दिया था. 24 जनवरी से अलग अलग जिले की 21 नर्स एवं पारा मेडिकलकर्मी आमरण अनशन पर हैं.

स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ रहा है प्रतिकूल असरः राज्यभर के आठ-साढ़े आठ हजार अनुबंधित नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ की हड़ताल की वजह से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हुई है. रूटीन टीकाकरण से लेकर ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हुई है. एमटीसी सेंटर पर भी इसका असर हुआ है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आउटसोर्सिंग से बहाल नर्सों के भरोसे स्वास्थ्य सेवा सुचारू रखने का दावा करते हैं पर वह पर्याप्त नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.