रामगढ़: जिला के सांडी मंदिर में बाबा अनाथ गिरि हरिद्वार से पैदल छिन्नमस्तिके मंदिर पहुंचे. वो नौ दिनों तक मां दुर्गा की अराधना करते हुए अपने सीने पर कलश रख मां भगवती का आह्वान कर रहे हैं. साथ ही साथ वैश्विक महामारी कोरोना से लोगों को जल्द से जल्द निजात मिले, इसकी कामना कर रहे हैं.
आस्था से अचंभित हैं लोग
सार्वजनिक हनुमान मंदिर में अनाथ गिरि बाबा नवरात्र में मां दुर्गा के लिए स्थापित कलश को छाती पर 24 घंटे 9 दिनों तक लेटे हुए पूजा पूर्ण किया जाएगा. इसी कड़ी में NH-33 सड़क के किनारे एक मंदिर में एक साधक अनाथ गिरि ने नवरात्र के पहले दिन से अपने सीना पर कलश स्थापित कर माता का आह्वान कर रहे हैँ, जिसे देखने आसपास के अलावा दूर-दूर श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, बाबा की मां दुर्गे की प्रति आस्था देख लोग अचंभित हो रहे हैं. अनाथ गिरि बाबा 9 दिनों तक छाती में कलश स्थापना कर, मां दुर्गा की उपासना कर रहे हैं.
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20 साल तक होगी पूजा
बाबा अनाथ गिरि बताते हैं यह कलश लगभग 20 साल तक रहेगा और यह नौ दिन तक चलेगा. उनकी मां भगवती में आस्था है. वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे विश्व को संकट में डाल दिया है. वैश्विक महामारी में वो चार महीना 20 दिनों के बाद पैदल रजरप्पा मंदिर आये है.
पूरा विश्व में संकट
मंदिर के सरंक्षक जगत नारायण साह ने बताया कि पूरे विश्व ऐसे संकट से जूझ रहा है. देश के साथ पूरे समाज में कल्याण के लिए यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
मां हरेंगी लोगों के संकट
रामगढ़ में बाबा की कलश सीने में रखने की खबर सुनकर उसे देखने पहुंचे एक श्रद्धालु ने बताया कि जिस प्रकार देशभर में संकट आया है. ऐसे समय में मां भगवती सकंट हरनी माता है, मां पूरे समाज का संकट हर लेंगी.
कौन है अनाथ बाबा
अनाथ बाबा हरिद्वार के एक तपस्वी हैं. ये विगत 35 वर्षों से मां दुर्गा के उपासक बताये जाते हैं. वो विगत 3 वर्षों से छाती पर कलश रखकर उपासना कर रहे हैं. अनाथ बाबा 1,217 किलोमीटर की पदयात्रा कर देश के सिद्धपीठ मां छिन्नमस्तिका पहुंचे हैं.