रामगढ़ः जिला सदर अस्पताल में इंसानियत को शर्मसार करने वाला वाकया पेश आया है. अल्ट्रासाउंड के लिए इंजतार कर रही गर्भवती महिला का कमरे के बाहर ही प्रसव हो गया और उन्होंने फर्श पर ही एक बच्चे को जन्म दिया. सिविल सर्जन ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए जांच कर कार्रवाई की बात कही है.
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यह पूरा मामला शुक्रवार का है. पतरातू प्रखंड के बरकाकाना क्षेत्र से चांदनी देवी अपनी सास और सहिया के साथ इलाज कराने के लिए रामगढ़ सदर अस्पताल आई. दर्द से परेशान वो काफी देर तक ओपीडी में बैठकर अपनी बारी का इंतजार किया. ओपीडी में महिला चिकित्सक टेशू श्रीवास्तव से जब मिलीं तो महिला ने बताया कि वह अपना कार्ड लाना भूल गई हैं, जिसके बाद चिकित्सक ने पहले अल्ट्रासाउंड कराने को कहा. महिला उसी दर्द में चलकर सदर अस्पताल के पुराने भवन स्थित अल्ट्रासाउंड कक्ष पहुंची. वहां भी उससे कॉर्ड की मांग की गई. वहां कार्ड नहीं रहने पर अल्ट्रासाउंड कर रहीं चिकित्सक ने महिला से पैसे जमा करने पर ही अल्ट्रासाउंड कराने की बात करते हुए उसे वापस भेज दिया और दूसरे दिन आने की बात कही. इस दौरान दर्द से तड़प रही चांदनी देवी की पीड़ा का ख्याल किसी ने नहीं आया.
अल्ट्रासाउंड कक्ष से जैसे ही महिला बाहर निकली वैसे ही वो बेसुध होकर चेंबर के बाहर ही लेट गईं. प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला की न ही किसी चिकित्सक ने सुध ली और न ही वहां उपस्थित किसी नर्स ने महिला को देखने की जहमत उठाई. वहीं पर लारी पंचायत की सहिया नीलम देवी ने संवेदना दिखाते हुए आगे बढ़ीं और डॉक्टर के चेंबर में लगे पर्दे से महिला को घेर दिया, जिसके बाद जमीन पर ही महिला का प्रसव कराया गया, जिसमें महिला ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया.
फर्श पर प्रसव होने पर वहां मौजूद महिलाओं ने हंगामा शरू कर दिया. जिसके बाद एक महिला चिकित्साकर्मी वहां पहुंचीं और नवजात को जमीन से उठाकर कपड़े में लपेटकर ट्रे में रखा. फिर महिला को व्हीलचेयर में बैठाकर प्रसव कक्ष ले जाया गया, जहां जच्चा बच्चा की जांच शुरू हुई. महिला की सास पंचिया देवी और मौके पर सहिया ने बताया कि इलाज करने वाली चिकित्सक और अल्ट्रासाउंड करने वाली चिकित्सक से गुहार लगाई गयी लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी और गर्भवती का जमीन पर ही प्रसव हो गया. पूरे मामले में रामगढ़ सिविल सर्जन डॉक्टर महालक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि पहले तो इसकी जांच होगी और जो इसमें दोषी पाए जाएंगे उसपर उचित कार्रवाई की जाएगी.
रामगढ़ सदर अस्पताल देश भर में तीसरा और झारखंड का रामगढ़ एकमात्र जिला है, जिसे नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) अवार्ड मिला है. यह अवार्ड उसी को मिलता है जिस अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था से लेकर साफ-सफाई और मानक का पूरा ख्याल रखा जाता है. लेकिन सर्वोच्च स्थान प्राप्त होने के बावजूद चिकित्सीय सुविधा में अनदेखी के कारण या यूं कहें लापरवाही के कारण अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला आया है और फर्श पर प्रसव होना इस सम्मान पर दाग के समान होगा.