रामगढ़: 1971 में भारतीय सेना के हाथों पाकिस्तान की करारी हार के 50 साल साल पूरे होने के उपलक्ष्य में डीएवी पब्लिक स्कूल बरकाकाना में शस्त्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. पंजाब रेजीमेंट द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी को लेकर छात्रों में काफी उत्साह था. हथियारों को देखने आए छात्रों को सेना में कैसे शामिल हों इसके बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई.
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स्वदेशी और विदेशी हथियारों की प्रदर्शनी
छात्रों में देश प्रेम और राष्ट्रीय सुरक्षा की भावना को बढ़ाने के उद्देश्य से शस्त्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. जिसमें कई प्रकार के हथियारों को छात्रों को दिखाया गया. स्वदेशी और विदेशी दोनों तरह के हथियारों से छात्र रूबरू हुए और उनकी उपयोगिता को जाना. हथियारों की मारक क्षमता कितनी है और इसका कैसे इस्तेमाल किया जाता है, साथ ही कैसे युद्ध किया जाता है इसका भी डिस्प्ले छात्रों को दिखाया गया.
छात्रों में दिखा उत्साह
हथियार प्रदर्शनी को लेकर छात्रों में काफी उत्साह दिखा. बच्चों ने कहा कि इस तरह के हथियारों को पहली बार देखने और जानने का मौका मिला है. छात्रों के मुताबिक इससे पहले वे टीवी और अखबारों में ही इस तरह के हथियारों को देखते थे लेकिन आज इन्हें छूना काफी रोमांचित कर रहा है. स्कूल की प्राचार्य उर्मिला सिंह के मुताबिक ये प्रदर्शनी 1971 की याद दिलाती है. इससे बच्चों को स्वर्णिम इतिहास जानने में काफी मदद मिली है.
गोल्डन जुबली मना रही है सेना
पंजाब रेजिमेंट रामगढ़ के अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल नीलेश भागवत ने बताया कि 1971 की इंडो-पाक वॉर की 50वीं वर्षगाठ पर सेना गोल्डन जुबली मना रही है. उनके मुताबिक हथियारों की प्रदर्शनी का उद्देश्य बच्चों में देशप्रेम की भावना को जगाना था ताकि वे भविष्य में सेना में शामिल हो सकें.