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अनोखा है रामगढ़ का टूटी झरना मंदिर, सालों से मां गंगा कर रही है शिवलिंग पर जलाभिषेक - झारखंड न्यूज

टूटी झरना मंदिर है एक ऐसी मंदिर है जहां गंगा सालों भर शिव का जलाभिषेक करती हैं.झारखंड ही नहीं बल्कि कई राज्यों से आते हैं और पूजा करते हैं. भगवान भोले सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं यही नहीं यहां मुंडन शादी विवाह आदि भी किया जाता है.

अनोखा है रामगढ़ का टूटी झरना मंदिर
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Published : Mar 4, 2019, 12:50 PM IST

रामगढ़ः जिले के रांची रोड स्थित टूटी झरना मंदिर है एक ऐसी मंदिर है जहां गंगा सालों भर शिव का जलाभिषेक करती हैं. मंदिर में सुबह से ही भोले बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं और शिव आराधना करते हैं.

अनोखा है रामगढ़ का टूटी झरना मंदिर

मंदिर के पुजारी ने बताया कि टूटी झरना मंदिर में सावन और शिवरात्रि में असाधारण भीड़ जुटती है लेकिन यहां भक्त सालों भर आते हैं. भगवान भोले की पूजा-अर्चना करते हैं भक्त झारखंड ही नहीं बल्कि कई राज्यों से आते हैं और पूजा करते हैं. भगवान भोले सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं यही नहीं यहां मुंडन शादी विवाह आदि भी किया जाता है.

मंदिर का इतिहास

साल1925 में अंग्रेजों ने टूटी झरना के इलाके से रेल लाइन बिछाने का काम कर रहे थे. लोग नाले के बगल में पानी के लिए खुदाई कर रहे थे इसी बीच उन्हें जमीन के अंदर गुंबदनुमा चीज दिखाई पड़ी. खोदाई करने पर ये मंदिर नजर आया. मंदिर के अंदर भगवान भोले के शिवलिंग मिली और ठीक उसके ऊपर मां गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा और प्रतिमा की नाभि से अपने आप जल निकल रहा था. उनके दोनों हाथों की हथेलियों से गुजरते हुए शिवलिंग पर वह जल गिर रहा है. मंदिर के अंदर गंगा की प्रतिमा कैसे आया और वहां से पानी कहां आ रहा है.

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ये भी पढे़ं-शुभ संयोग बनने से बेहद खास है महाशिवरात्रि, इस वेशभूषा से बाबा होते हैं प्रसन्न

विज्ञान के समझ से बाहर

यहां पर कई शोधकर्ता भी आए और यह जानने का प्रयास किया कि आखिर यह पानी कहां से आ रहा है लेकिन उनको भी इस रहस्य का पता नहीं चला कुछ सालों पहले मंदिर परिसर में पानी के लिए दो चांपा नल लगाया गया. लोगों को पानी निकालना नहीं पड़ता है. चौबीसों घंटे पानी की मोटी धारा गिरती रहती है लोग इसे भगवान का चमत्कार मानते हैं. ठीक मंदिर के बगल में एक छोटी नदी बहती है लेकिन इस नदी में पानी नाम मात्र का ही रहता है.

रामगढ़ः जिले के रांची रोड स्थित टूटी झरना मंदिर है एक ऐसी मंदिर है जहां गंगा सालों भर शिव का जलाभिषेक करती हैं. मंदिर में सुबह से ही भोले बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं और शिव आराधना करते हैं.

अनोखा है रामगढ़ का टूटी झरना मंदिर

मंदिर के पुजारी ने बताया कि टूटी झरना मंदिर में सावन और शिवरात्रि में असाधारण भीड़ जुटती है लेकिन यहां भक्त सालों भर आते हैं. भगवान भोले की पूजा-अर्चना करते हैं भक्त झारखंड ही नहीं बल्कि कई राज्यों से आते हैं और पूजा करते हैं. भगवान भोले सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं यही नहीं यहां मुंडन शादी विवाह आदि भी किया जाता है.

मंदिर का इतिहास

साल1925 में अंग्रेजों ने टूटी झरना के इलाके से रेल लाइन बिछाने का काम कर रहे थे. लोग नाले के बगल में पानी के लिए खुदाई कर रहे थे इसी बीच उन्हें जमीन के अंदर गुंबदनुमा चीज दिखाई पड़ी. खोदाई करने पर ये मंदिर नजर आया. मंदिर के अंदर भगवान भोले के शिवलिंग मिली और ठीक उसके ऊपर मां गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा और प्रतिमा की नाभि से अपने आप जल निकल रहा था. उनके दोनों हाथों की हथेलियों से गुजरते हुए शिवलिंग पर वह जल गिर रहा है. मंदिर के अंदर गंगा की प्रतिमा कैसे आया और वहां से पानी कहां आ रहा है.

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विज्ञान के समझ से बाहर

यहां पर कई शोधकर्ता भी आए और यह जानने का प्रयास किया कि आखिर यह पानी कहां से आ रहा है लेकिन उनको भी इस रहस्य का पता नहीं चला कुछ सालों पहले मंदिर परिसर में पानी के लिए दो चांपा नल लगाया गया. लोगों को पानी निकालना नहीं पड़ता है. चौबीसों घंटे पानी की मोटी धारा गिरती रहती है लोग इसे भगवान का चमत्कार मानते हैं. ठीक मंदिर के बगल में एक छोटी नदी बहती है लेकिन इस नदी में पानी नाम मात्र का ही रहता है.

Intro:झारखंड के रामगढ़ जिले रांची रोड टूटी झरना स्थित एक ऐसा मंदिर है जहां गंगा सालों भर शिव का जलाभिषेक करती हैं मंदिर में सुबह से ही भोले बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं और शिव आराधना करते हैं


Body:पूरे झारखंड में यही एक मंदिर है जहां भगवान शंकर के शिवलिंग पर जल अभिषेक कोई और नहीं खुद मा गंगा करती हैं यहां जल अभी से 24 घंटे हर दम होती रहती है देवी गंगा की यह पूजा सदियों से चली आ रही है कहते हैं कि यह जल अभिषेक की कथा पुराणों में भी इसका जिक्र है यहां सच्चे दिल से मांगी गई मुरादे पूरी होती हैं
मंदिर के पुजारी ने बताया कि टूटी झरना मंदिर में सावन और शिवरात्रि में असाधारण भीड़ जुटती है लेकिन यहां भक्तों सालों भर आते हैं और भगवान भोले की पूजा-अर्चना करते हैं भक्त झारखंड की नहीं बल्कि कई राज्यों से आते हैं और वह पूजा करते हैं और भगवान भोले सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं यही नहीं यहां मुंडन शादी विवाह आदि भी किया जाता है


बाइक शैलेश कुमार पांडे पूजारी टूटी झरना मंदिर



मंदिर का इतिहास


मंदिर का इतिहास कुछ इस प्रकार से है कि वर्ष 1925 ईसवी अंग्रेज टूटी झरना के इस इलाके से रेल लाइन बिछाने का काम कर रहे थे और वह लोग नाले के बगल में पानी के लिए खुदाई कर रहे थे इसी बीच उन्हें जमीन के अंदर घुमत नुमा चीज दिखाई पड़ी पूरी कूद करने के बाद यह मंदिर नजर आया मंदिर के अंदर भगवान भोले के शिवलिंग मिली और ठीक उसके ऊपर मां गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा और प्रतिमा की नाभि से आप रूपी जल निकल रहा है उनके दोनों हाथों की हथेलियों से गुजरते हुए शिवलिंग पर वह जल गिर रहा है मंदिर के अंदर गंगा की प्रतिमा कैसे आप रूपी आई और वहां से पानी कहां आ रहा है अभी तक यह रहस्य बना हुआ है यहां पर कई शोधकर्ता भी आए और यह जानने का प्रयास किया कि आखिर यह पानी कहां से आ रहा है लेकिन उनको भी इस रहस्य का पता नहीं चला कुछ वर्षों पहले मंदिर परिसर में पानी के लिए दो चांपा नल लगाया गया था लेकिन यहां इस जापान ऑल से भी लोगों को पानी निकालना नहीं पड़ता बल्कि चौबीसों घंटे खुद पानी की मोटी धारा गिरती रहती है लोग इसे भगवान का चमत्कार मानते हैं ठीक मंदिर के बगल में एक छोटी नदी बहती है लेकिन इस नदी में पानी नाम मात्र का ही रहता है


Conclusion:शिव की महिमा अपने भक्तों पर विशेष रूप में होती है यही कारण है कि भोले बाबा को मनाने के लिए और उनका विशेष आशीर्वाद पाने के लिए वक्त इनकी भक्ति में लीन हो जाते हैं विश्व कल्याण के लिए खुद विषपान कर संसार का विनाश से बचाया तभी से शिवलिंग पर जलाभिषेक करना का एक अलग ही महत्व है शिवलिंग पर गिरने वाला चमत्कारी जल आज भी इस इलाके के लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है बाहर हाल यहां आने वाले बाबा के भक्तों की मनोकामना हमेशा पूरी हो यह हम कामना करते हैं
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