रामगढ़ः पतरातू समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दूधमुंहे बच्चे की मौत के बाद परिजन और स्थानीय लोगों ने जमकर बवाल काटा और स्वास्थ्य केंद्र में तोड़फोड़ की कोशिश की. इसके बाद लोगों ने पतरातू ब्लॉक चौक को पूरी तरह जाम कर दिया. एएनएम और डॉक्टर को बुलाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि गलत टीकाकारण की वजह से बच्चे की मौत हुई है.
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मिली जानकारी अनुसार गुरुवार शाम को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पतरातू में बबलू साव के 3 महीने के बच्चे को टीका दिया गया था. टीका लगने के बाद शुक्रवार की सुबह 7:30 बजे के करीब बच्चे की तबीयत बिगड़ गयी. परिजन आनन-फानन में बच्चे को पास के निजी क्लीनिक लेकर पहुंचे लेकिन यहां चिकित्सक ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद परिजन आक्रोशित हो गए और ग्रामीणों के साथ मिलकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का घेराव कर दिया.
इसके साथ साथ पतरातू ब्लॉक चौक को भी पूरी तरह से जाम कर दिया और परिजनों ने एएनएम और डॉक्टर को बुलाने की मांग कर हंगामा किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पतरातू पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन परिजनों की ओर से मांग की गयी कि लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर और सुई देने वाले एएनएम पर एफआईआर की जाए.
पतरातू थाना प्रभारी सीएचसी के रजिस्टर को अपने कब्जे में लेकर चिकित्सक और एएनएम व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों से टीकाकरण किए जाने के बाबत जांच की. लेकिन परिजन बच्चे के शव के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य गेट के समीप पहुंचे और आरोपी चिकित्सक और एएनएम की बर्खास्तगी की मांग की. इस दौरान आक्रोशित लोगों ने स्वास्थ्य केद्र में तोड़फोड़ करने की भी कोशिश की पर थाना प्रभारी ने लोगों को ऐसा करने से रोक दिया.
मुखिया ने भी कहा कि इस पूरे मामले में लापरवाही बरती गई है. अस्पताल में डॉक्टर नहीं रहते हैं, आने वाले मरीजों की देखरेख ठीक नहीं हो पा रही है, ये इसी का नतीजा है. इसलिए पूरे मामले में जांच होनी चाहिए. ग्रामीणों का आक्रोश और उनका विरोध सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था और वहां की लापरवाही को उजागर किया है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग पतरातू की ओर से इस मामले को लेकर किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
पतरातू बाजार राम जानकी मंदिर के पास रहने वाले बबलू साव और ललिता कुमारी के पुत्र अभिराज कुमार जिसकी उम्र लगभग साढ़े तीन महीने है. अपने बच्चे की मौत से परिजन काफी मर्माहत हैं. माता पिता ने लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों को बर्खास्त करने की मांग की और सीएचसी की व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं.