रामगढ़: आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह को कोर्ट ने गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई है. रामगढ़ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम शेष नाथ सिंह ने भारतीय दंड संहिता 302 के तहत यह सजा सुनाई. साथ ही 307 में 10 हजार का जुर्माना भी लगाया. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर घटना के नौ महीने बाद पवन को गिरफ्तार किया गया था. रामगढ़ जिले के बरकाकाना जीआरपी थाना की पुलिस ने नाटकीय ढंग से उसे गिरफ्तार किया था. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी उसके पैतृक गांव से थी. रिमांड में लेने के बाद आरोपी पवन को जेल भेज दिया गया था. बिहार के आरा जिले के करथ गांव से 22 मार्च 2020 उसकी गिरफ्तारी हुई थी.
क्या है पूरा मामला: रामगढ़ जिले के बरकाकाना क्षेत्र में आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह सेवा दे रहे थे. 17 अगस्त 2019 को उन्होंने सर्विस रिवाल्वर से रेलकर्मी के परिवार के पांच सदस्यों को गोली मार दी थी. जिसमें गर्भवती महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी. परिवार के दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. पवन ने गर्भवती वर्षा उर्फ मीना देवी, रेलकर्मी अशोक राम और पत्नी लीलावती देवी की हत्या कर दी थी. इस गोलीकांड में सुमन कुमारी और संजय राम जख्मी हुए थे. घटना 17 अगस्त की रात बरकाकाना जीआरपी क्षेत्र के गांधी मैदान रेलवे क्वार्टर में घटी थी. इसी में तीन लोगों की हत्या पवन ने कर दी थी. पूरे मामले में आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह को 13 मार्च को दोषी करार दिया था. रामगढ़ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम शेष नाथ सिंह के न्यायालय ने दोषी पाया था. केस में 16 मार्च को सजा सुनाई गई.