रामगढ़: लॉकडाउन की विषम परिस्थिति में रामगढ़ जिले की भुरकुंडा पुलिस की सराहनीय भूमिका रही है. पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार के निर्देश पर वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के साथ-साथ जरूरतमंदों की आवश्यक मदद भी कर रही है.
पुलिसकर्मी 24 घंटे कोरोना योद्धा के रूप मुस्तैद रहकर वैश्विक महामारी कोरोना से सीधा लोहा ले रहे हैं. कोरोना के खिलाफ जंग में रामगढ़ पुलिस भी पीछे नहीं है. उनकी ओर से भी लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है ,तो कहीं मास्क व ग्रामीणों को सेनेटाइज किया जा रहा है.
यही नहीं रामगढ़ पुलिस ने कोविड-19 महामारी के खतरे को देखते हुए ऐसे लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने का जिम्मा उठाया है जिन्हें आकस्मिक चिकित्सीय सुविधा की आवश्यकता है या फिर राशन डायल 100 पर फोन करने के पर रामगढ़ पुलिस द्वारा विशेष सुविधा दी जा रही है.
सामुदायिक किचन जारी
यदि किसी को दवा की आवश्यकता है और उनके घर पर कोई नहीं है तो पुलिस द्वारा दवा भी उपलब्ध करा रही है. यही नहीं बेवजह घर से बाहर नहीं निकलने को लेकर रामगढ़ पुलिस द्वारा मोबाइल होम डिलीवरी सेवा भी शुरू एक महीने से चल रही है जिससे लोग राशन सामग्री मंगवा रहे हैं.
साथ ही लॉकडाउन का अनुपालन कराने में कहीं हाथ जोड़ रही है ,तो कहीं फूल दे रही है ,कहीं सख्ती बरत रही है. साथ ही साथ भुरकुंडा पुलिस द्वारा पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जरूरतमंदों को सामुदायिक किचन के तहत सुबह-शाम भोजन भी कराया जा रहा है
सड़क पर घूमने वाले भिखारी और गरीब लोगों को भुरकुंडा पुलिस खुद ही मास्क बांध रही है, ताकि इस वैश्विक महामारी से बचाव हो सके.
लॉकडाउन के दौरान ही नहीं बल्कि पुलिस का चेहरा कई बार मानवीय दिखता है. हालांकि पुलिस अधिकतर लाठी-डंडे और कानून को हाथ में लेने वालों को सजा दिलाने का काम करती है
लेकिन, लॉकडाउन के दौरान पुलिस के कई चेहरा दिख रहे हैं. रामगढ़ पुलिस कहीं लॉकडाउन तोड़ने वालों को लोगों को हाथ में तख्ती पकड़वायी जिसमें यह लिखा था कि कि वे समाज के दुश्मन हैं.
भिखारियों को बांध रहे मास्क
साथ ही गरीबों व सड़क पर घूमने वाले भिखारियों को खुद ही मास्क पहना रही हैं, कहीं फूल देकर लोगों को घर में रहने की अपील कर रही है तो कहीं हाथ जोड़कर लोगों को बेवजह घरों से नहीं निकलने की गुहार लगा रही है.
कहीं पुलिस द्वारा बेवजह घर से घूमने वालों पर डंडे भी बरसा रही है. पुलिस द्वारा गाड़ियों को जब्त किया गया फाइन किया गया. पुलिस द्वारा सहायता मांगने वालों के घर जाकर उनको दवा या सामान तथा साथ में उसका बिल देकर उनसे केवल सामान की कीमत ली जाती है. पुलिस हर हाल में चाह रही है कि लोग लॉकडाउन का पालन करें और घरों से न निकलें.