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जंगल जमीन अधिकार के लिए 75 किमी की पदयात्रा, आजसू ने भी किया समर्थन - Jharkhand government

रामगढ़ में जंगल जमीन अधिकार के लिए पदयात्रा की जा रही है. इस पदयात्रा को रामगढ़ जिले में झारखंड सरकार में शामिल आजसू ने भी समर्थन किया है.

जंगल जमीन अधिकार के लिए पदयात्रा
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Published : Feb 24, 2019, 2:13 AM IST

रामगढ़: जिले में जंगल जमीन अधिकार पदयात्रा की जा रही है. बताया जा रहा है कि यह पदयात्रा हजारीबाग से शुरू होकर राजभवन में समाप्त होगी. इस पदयात्रा को रामगढ़ जिले में झारखंड सरकार में शामिल आजसू ने भी समर्थन किया है.


आपको बता दें कि पदयात्रा में पारंपरिक ढोल-नगाड़े के साथ हजारों महिला-पुरुष इस पदयात्रा में शामिल हुए. ये पदयात्रा 20 फरवरी से शुरू हुई और 27 फरवरी को रांची राजभवन तक जाएगी. इस पदयात्रा को संचालित कर रहे लोगों ने कहा कि जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाएगी तब तक चरणबद्ध आंदोलन चलता रहेगा. यह आंदोलन सांकेतिक रूप से है जहां सैकड़ों की संख्या में लोग स्वेच्छा से शामिल हुए हैं.

जंगल जमीन अधिकार के लिए पदयात्रा

वहीं, पदयात्रा को झारखंड मंत्रिमंडल में शामिल आजसू ने भी समर्थन किया है. पदयात्रा का समर्थन करते हुए विधानसभा प्रभारी मांडू ने कहा कि रामगढ़ विधायक झारखंड सरकार में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी भी इसका समर्थन कर रहे हैं और जंगल जमीन पदयात्रा में वह भी शामिल होंगे.

क्या है मांगे
जनजाति अधिकार और कल्याण संबंधित कानून की समीक्षा कर विकसित करने हेतु जनजातीय विभाग की गठन की मांग सीएनटी और एसपीटी एक्ट को कड़ाई से लागू करने. साथ ही जमीन अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करने, जमीन अधिग्रहण के पूर्व ग्राम सभा की इजाजत के बिना जमीन अधिग्रहण नहीं करने, भूमि समस्या समाधान के लिए भूमि आयोग की गठन, भूमि अधिग्रहण कानून 2017 को रद्द करने, ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को रोकने के लिए मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 159 रूपे से बढ़ाकर 500 रूपए करने सहित 16 मांगे शामिल हैं.

रामगढ़: जिले में जंगल जमीन अधिकार पदयात्रा की जा रही है. बताया जा रहा है कि यह पदयात्रा हजारीबाग से शुरू होकर राजभवन में समाप्त होगी. इस पदयात्रा को रामगढ़ जिले में झारखंड सरकार में शामिल आजसू ने भी समर्थन किया है.


आपको बता दें कि पदयात्रा में पारंपरिक ढोल-नगाड़े के साथ हजारों महिला-पुरुष इस पदयात्रा में शामिल हुए. ये पदयात्रा 20 फरवरी से शुरू हुई और 27 फरवरी को रांची राजभवन तक जाएगी. इस पदयात्रा को संचालित कर रहे लोगों ने कहा कि जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाएगी तब तक चरणबद्ध आंदोलन चलता रहेगा. यह आंदोलन सांकेतिक रूप से है जहां सैकड़ों की संख्या में लोग स्वेच्छा से शामिल हुए हैं.

जंगल जमीन अधिकार के लिए पदयात्रा

वहीं, पदयात्रा को झारखंड मंत्रिमंडल में शामिल आजसू ने भी समर्थन किया है. पदयात्रा का समर्थन करते हुए विधानसभा प्रभारी मांडू ने कहा कि रामगढ़ विधायक झारखंड सरकार में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी भी इसका समर्थन कर रहे हैं और जंगल जमीन पदयात्रा में वह भी शामिल होंगे.

क्या है मांगे
जनजाति अधिकार और कल्याण संबंधित कानून की समीक्षा कर विकसित करने हेतु जनजातीय विभाग की गठन की मांग सीएनटी और एसपीटी एक्ट को कड़ाई से लागू करने. साथ ही जमीन अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करने, जमीन अधिग्रहण के पूर्व ग्राम सभा की इजाजत के बिना जमीन अधिग्रहण नहीं करने, भूमि समस्या समाधान के लिए भूमि आयोग की गठन, भूमि अधिग्रहण कानून 2017 को रद्द करने, ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को रोकने के लिए मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 159 रूपे से बढ़ाकर 500 रूपए करने सहित 16 मांगे शामिल हैं.

Intro:शांति और न्याय के लिए राष्ट्र गठबंधन की गाई साझा मंच के तत्वधान में जंगल जमीन अधिकार पदयात्रा की जा रही है यह पदयात्रा हजारीबाग से शुरू होकर राजभवन में समाप्त होगी 8 दिनों की यात्रा 75 किलोमीटर की होगी जहां 8 पड़ाव है इस पदयात्रा को रामगढ़ जिले में झारखंड सरकार में शामिल आजसू ने भी समर्थन किया है


Body:पदयात्रा में पारंपरिक ढोल नगाड़े के साथ हजारों महिला पुरुष शामिल है इस पदयात्रा के आज का पड़ाव पटेल चौक स्थित पटेल छात्रावास है 20 फरवरी से शुरू हुई यह पदयात्रा 27 फरवरी को रांची राजभवन तक जाएगी इस पदयात्रा को संचालित कर रहे लोगों ने कहा कि जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाएगी तब तक चरणबद्ध आंदोलन चलता रहेगा यह आंदोलन सांकेतिक रूप से है जहां सैकड़ों की संख्या में लोग स्वेच्छा से शामिल हुए हैं ।


बाइट :वीरेंद्र कुमार

पदयात्रा को झारखंड मंत्रिमंडल में शामिल आजसू ने भी समर्थन दिया है पदयात्रा का समर्थन आजसू भी इनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हो गई है विधानसभा प्रभारी मांडू ने कहा कि रामगढ़ विधायक झारखंड सरकार में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी भी इसका समर्थन कर रहे हैं और जंगल जमीन पदयात्रा में वह भी शामिल होंगे ।

बाईट तिवारी महतो विधानसभा प्रभारी मांडू


क्या है माँगे


जनजाति अधिकार और कल्याण संबंधित कानून की समीक्षा कर विकसित करने हेतु जनजातीय विभाग की गठन की मांग सीएनटी और एसपीटी एक्ट को कड़ाई से लागू करने जमीन अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करने जमीन अधिग्रहण के पूर्व ग्राम सभा की इजाजत के बिना जमीन अधिग्रहण नहीं करने भूमि समस्या समाधान के लिए भूमि आयोग के गठन भूमि अधिग्रहण कानून 2017 को रद्द करने ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को रोकने के लिए मनरेगा मजदूरों की मजदूरी ₹159 से बढ़ाकर ₹500 करने सहित 16 मांगे शामिल हैं ।




Conclusion:जैसे-जैसे पदयात्रा अपने पढ़ाओ पर पहुंच रही है वैसे वैसे लोगों की भीड़ इस पदयात्रा में खुद ही शामिल हो जा रही है और इनको अपार समर्थन मिल रहा है यह तो आने वाला समय ही बताएगा की इन एपीजे की इकाई साझा मंच को इस पदयात्रा से कितना लाभ मिलेगा
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