रामगढ़ः देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ रजरप्पा मंदिर में शारदीय नवरात्रि को लेकर मंदिर न्यास समिति की ओर से तैयारी शुरू हो गई है मंदिर परिसर को भव्य तरीके से आकर्षक फूलों से सजाने के लिए कोलकाता से कारीगरों की टीम पहुंच चुकी है. मंदिर परिसर स्थित सभी हवन कुंड की सफाई की जा रही है. बाहर से आए साधक और श्रद्धालुओं द्वारा कलश की स्थापना की जाती है और नौ दिनों तक भारी संख्या में श्रद्धालु, साधक द्वारा पूजा अर्चना करते हैं. नवरात्रि के अवसर पर देशभर से भक्त यहां पहुंचते हैं. इस बार दामोदर भैरवी नदी के संगम स्थल पर पहली बार गंगा आरती लगातार नौ दिनों तक की जाएगी.
मां छिन्नमस्तिके का दरबार विश्व प्रसिद्ध है. शरदीय नवरात्रि में मंदिर को फूलों से भव्य रूप देने की तैयारी मंदिर न्यास समिति की ओर से शुरू कर दी गई है. बंगाल से आई 40 कारीगरों की टीम इस बार दक्षिणेश्वर काली मंदिर का प्रारूप देंगे. षष्ठी तक हाइड्रेंजस, पियोनिया, लिली, एंथुरियम, फल, फूल, पक्षी आदि विभिन्न फूलो फलों से मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया जाएगा. जिसकी छटा देखने लायक होगी.
इस बार सिद्ध पीठ में नवरात्रि के दौरान नौ दिन तक लगातार गंगा आरती भी होगी. रजरप्पा के इतिहास में पहली बार नौ दिनों तक गंगा आरती आयोजित की जाएगी. साथ ही साथ सभी गाड़ियों को ऊपर ही रोक दिया जाएगा ताकि किसी तरह का कोई हादसा न हो.
मां छिन्मस्तिका मंदिर में देश के कोने-कोने से भक्त पहुंचते हैं और आराधना करते हैं. यहां साधक नौ दिनों के नवरात्र में पाठ के लिए भी पहुंचते हैं और नौ दिनों तक मंदिर परिसर के अलग-अलग हवन कुंडों में साधक पूजा पाठ हवन करते हैं. परिसर के सभी हवन कुंडों की साफ-सफाई और रंग रोगन किया जा रहा है. जिससे साधकों व मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी ना हो.
हिंदू पंचांग के अनुसार, नवरात्रि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनायी जाती है. पूरे नौ दिनों तक मां आदिशक्ति जगदम्बा के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस बार नवरात्रि महापर्व की शुरुआत रविवार 15 अक्टूबर 2023 से होगी. 23 अक्टूबर 2023 को नवरात्रि समाप्त होगी. वहीं 24 अक्टूबर को विजयादशमी या दशहरा मनाया जाएगा.