रामगढ़ः जिला का बरकाकाना जोड़ा तालाब में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, पानी में जलकुंभी का ढेर लगा हुआ है. इसके साथ ही कचरे का ढेर चारों ओर फैला हुआ है. इसकी सफाई को लेकर जिला प्रशासन के साथ साथ नगर परिषद अब तक उदासीन रवैया अपनाए हुए है.
इसे भी पढ़ें- बड़ा तालाब की सफाई के बाद किनारे पर ही छोड़ दिया गया गाद, दुर्गंध से आसपास के लोग परेशान
आगामी 17 नवंबर से लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत हो जाएगी. छठ पूजा में व्रती नदी, तालाब, पोखर में डूबते सूर्य और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. मान्यता है कि सूर्य की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है. बरकाकाना जोड़ा तालाब में बड़ी संख्या में श्रद्धालु छठ पूजा करते हैं. बरकाकाना जोड़ा तालाब में आसपास के दर्जनों गांव के लोग छठ में पूजा करने के लिए पहुंचते हैं.
लेकिन वर्तमान समय में इस बदलते परिवेश में इस तालाब की दुर्दशा हो चुकी है. जोड़ा तालाब में गंदगी का अंबार लगा हुआ है और इस ओर किसी का ध्यान नहीं है. इस तालाब में दुर्गा पूजा के समय प्रतिमा का विसर्जन हुआ. पूजा से पूर्व स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से इसकी साफ-सफाई कराए जाने की मांग की थी लेकिन न ही छावनी परिषद और न ही नगर परिषद ने इसकी सफाई करायी. स्थानीय लोगों के सहयोग से प्रशासन के लोग केवल पूजा के समय ही करते दिखाई देते हैं.
इस तालाब का पानी कई कामों में इस्तेमाल किया जाता है. यहां से रेलवे कॉलोनी में सप्लाई के लिए पानी फिल्टर हाउस जाता है और फिर कॉलोनी में सप्लाई की जाती है. इसके साथ ही पूजा पाठ समेत अन्य मौकों पर लोग यहां डूबकी लगाते हैं. छठ नजदीक है लेकिन इस तालाब में जलकुंभी और गंदगी देखकर ऐसा नहीं लगता है कि 15 दिन में तालाब की सफाई हो पाएगी. छठ घाट पहुंचे लोग इस गंदगी को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं. स्थानीय वीरेंद्र कुमार ने बताया कि अभी चारों गंदगी है. उपायुक्त से छठ घाट की सफाई कराने की मांग की गयी है ताकि छठ पूरे धूमधाम से मनाया जा सके.
- 17 नवंबर, दिन शुक्रवार, छठ पूजा का पहला दिन नहाए खाए.
- 18 नवंबर, दिन शनिवार, छठ पूजा का दूसरा दिन, खरना.
- 19 नवंबर, दिन रविवार, छठ पूजा का तीसरा दिन, संध्या अर्घ्य.
- 20 नवंबर, दिन सोमवार, छठ पूजा का चौथा और अंतिम दिन, उगते सूर्य को अर्घ्य.