रामगढ़: आसमान छूती पेट्रोल की कीमतों से आम नागरिक के साथ-साथ वाहन मालिक, व्यवसायी वर्ग भी खासा परेशान है. चैंबर ऑफ कॉमर्स से जुड़े व्यवसायियों की मानें तो पेट्रोल की कीमतों में रोजाना इजाफा होने से उनके व्यवसाय पर खासा असर पड़ रहा है. वहीं पेट्रोल पंप के मालिकों का कहना है कि पेट्रोल की कीमतों में हर दिन बढ़ोतरी होने से पेट्रोल की बिक्री में 15 प्रतिशत की गिरावट हुई है, गाड़ियां भी कम निकलने लगी है.
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वहीं वाहन चालकों का कहना है कि भाड़े में रोजाना की वृद्धि संभव नहीं है, लेकिन जब पेट्रोल पंप पर पहुंचते हैं तो रोजाना डीजल-पेट्रोल की कीमतें बढ़ी रहती है, ऐसी स्थिति में जब सवारी से अधिक भाड़ा मांगा जाता है तो उनके साथ हाथापाई तक की नौबत आ जाती है. वहीं आम लोगों का कहना है कि पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर केंद्र सरकार लगाम नहीं लगा रही है, जिसके कारण काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि टैक्स में रियायत नहीं मिल रही है और केंद्र सरकार कीमतों पर भी लगाम नहीं लगा रही है, ऐसी सरकार को तो इस्तीफा दे देना चाहिए.
महंगाई पर लगाम लगाने की मांग
चैंबर अध्यक्ष बिमल बुधिया का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थ के कीमतों में बढ़ोतरी का असर व्यवसायी वर्ग पर हो रहा है, क्योंकि वस्तुओं का एमआरपी पहले से लागत के अनुरूप तय होता है, रोजाना डीजल-पेट्रोल की कीमत बढ़ती है तो व्यापारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं विशेषज्ञ महावीर अग्रवाल का कहना है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों का असर सबसे ज्यादा मध्यमवर्ग पर पड़ रहा है, यदि वह सवारी वाहनों से जाते हैं तो 2 गुना भाड़ा देना पड़ रहा है और अपने वाहन से जा रहे हैं तो उनकी जेब और ज्यादा ढीली हो रही है, इसलिए केंद्र सरकार को कीमत पर लगाम लगाने की जरूरत है.