रामगढ़ः जिला परिषद भाग संख्या 5 से पर्चा भरने वाले पांडे गिरोह के सदस्य निशांत सिंह को पुलिस ने उम्मीदवारों को डरा धमकाकर नामांकन पर्चा भरने से रोकने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इस मामले में जेल में बंद विकास तिवारी, पाण्डेय गिरोह की सदस्य निशी पांडेय (किशोर पांडेय की पत्नी) सहित 5 अन्य पर पतरातू थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. रामगढ़ पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी है.
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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2022 को लेकर झारखंड का पांडे गिरोह फिर सुर्खियों में आ गया है. गिरोह के किशोर पांडे की पत्नी निशी पांडे के भाई निशांत सिंह पर आरोप है कि उसने पतरातु भाग संख्या 5 से जिला परिषद के पद पर नामांकन करने के बाद दूसरे उम्मीदवारों को डरा कर पर्चा भरने से रोक दिया.
बता दें कि पतरातू भाग संख्या 5 पर नामांकन दाखिल करने के लिए कुल 10 पर्चा उम्मीदवारों ने खरीदा था. लेकिन 10 पर्चा खरीदे जाने और केवल एक नामांकन 1 से निशांत निर्विरोध जीतने की स्थिति में आ गया. इधर, शक होने पर तहकीकात शुरू हुई और जब पुलिस ने कड़ियां खोलनी शुरू की तब पता चला कि डरा धमका कर किसी भी उम्मीदवार को पर्चा नहीं दाखिल करने का दबाव पांडे गिरोह के सदस्यों ने बनाया था, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी निशांत को गिरफ्तार कर लिया.
एक प्रत्याशी को किया किडनैपः बता दें कि झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2022 की प्रक्रिया चल रही है. गांव की सरकार की इस चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की रामगढ़ जिले से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है. जहां फिल्मी तर्ज पर अन्य उम्मीदवारों को डराया गया धमकाया गया, पर्चा फाड़ा गया व उमीदवार को किडनैप करके रखा गया और नामांकन पत्र दाखिल नहीं करने दिया गया और आरोपी ने अकेले नामांकन पत्र दाखिल किया.
ऐसे खुली पोलः रामगढ़ जिले के एसपी प्रभात कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पतरातू प्रखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 2 मई को थी, जिसमें जिला पार्षद पद के लिए भाग संख्या 5 से 10 नामांकन पत्र खरीदे गए थे. निशांत सिंह के अलावा अन्य किसी ने भी अपना नामांकन पत्र नहीं दाखिल किया. इधर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि भाग संख्या 5 के उम्मीदवारों को पांडे गैंग से धमकी मिली है कि आप इस चुनावी प्रक्रिया से हट जाएं नहीं तो आपके लिए और आपके परिवार के लिए अच्छा नहीं होगा.
एसपी ने बताया कि पांडे गैंग का सरगना विकास तिवारी जो पलामू जेल में बंद है उसके द्वारा इन लोगों को धमकी दी गई थी, यहां तक कि कुछ उम्मीदवारों के पर्चे भी फाड़ दिए गए थे, एक उम्मीदवार जो नामांकन के अंतिम दिन 2 मई को पर्चा दाखिल करना चाहता था उसको पांडे गैंग के लोगों ने किडनैप करके दिनभर अपने गाड़ी में रखा था. जब पुलिस ने सभी नामांकन पत्र खरीदने वाले उम्मीदवारों से एक-एक करके पूछताछ की तो इस बात की पुष्टि हुई. इस मामले में पुलिस ने निशांत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है, इसके विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया. इसका साथ देने वाले अन्य 5 लोग जो फरार हैं उनके खिलाफ भी नामजद मामला दर्ज कर लिया गया है.
इन पर मामला दर्जः इस मामले में निशांत सिंह के अलावा पलामू जेल में बंद पाण्डेय गिरोह के सरगना विकास तिवारी, पाण्डेय गिरोह के लिए सक्रिय निशी पाण्डेय( मृत गैंगस्टर किशोर पांडे की पत्नी), विकास साव, अनिल यादव एवं अन्य पर मामला दर्ज किया गया है. अभियुक्त निशांत सिंह को निर्वाचन अपराधों एवं भ्रष्ट आचरण, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन के निर्विघ्न संचालन में बाधा उत्पन्न कर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.