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रामगढ़ः संयुक्त ट्रेड यूनियन की तीन दिवसीय हड़ताल, CCL की कोलियरी से कोयला उत्खनन और परिवहन हुआ ठप

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Published : Jul 2, 2020, 4:29 PM IST

रामगढ़ में कमर्शियल माइनिंग और अन्य नीतियों के खिलाफ संयुक्त ट्रेड यूनियन की पूर्व घोषित तीन दिवसीय हड़ताल आज से शुरू हो गई है. इस प्रदर्शन से सीसीएल में उत्पादन और ढुलाई का कार्य पूरी तरह से ठप है.

कोयला उत्खनन और परिवहन हुआ ठप.
कोयला उत्खनन और परिवहन हुआ ठप.

रामगढ़ः केंद्र सरकार की कमर्शियल माइनिंग नीति के खिलाफ संयुक्त ट्रेड यूनियन की पूर्व घोषित तीन दिवसीय हड़ताल गुरुवार 2 जुलाई से 4 जुलाई तक की सीसीएल क्षेत्रों में पूरी तरह से प्रभावशाली दिख रही है. कोलियरियों में आज से पूरी तरह से उत्पादन और ढुलाई सहित सीसीएल में सभी तरह के कामकाज ठप हैं.

कमर्शियल माइनिंग नीति वापस लेने की मांग
सीसीएल के कोलियरियों में कामगार नहीं आने से कोलियरियों में सन्नाटा पसरा हुआ है. कोई कामगार न आने की वजह से कोयला खादानों में बड़ी-बड़ी बंद पड़ी हैं. ट्रेड यूनियन के नेताओं के अनुसार केंद्र सरकार की कमर्शियल माइनिंग नीति वापस लेने के लिए यह स्ट्राइक की गई है. हालांकि अधिकारियों द्वारा कामगारों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि वे काम पर लौट आए, लेकिन कामगार मानने को तैयार नहीं है. सभी मजदूर यूनियन के हड़ताल को पूरी तरह से जारी रखा है. हड़ताल पूरी तरह से सफल कहीं जा रही है

इसे भी पढ़ें- रांचीः कोल माइंस की नीलामी को लेकर हड़ताल जारी, सरकार से फैसला वापस लेने की मांग

नीतियों के खिलाफ तीन दिवसीय हड़ताल
कॉमर्शियल माइनिंग को मंजूरी समेत केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ तीन दिवसीय हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ, इंटक, आरसीएमएस ददई गुट, आरकेएमयू, सीएमयू, जनता मजदूर संघ, यूसीडब्ल्यू, सीटू, एजेएकेसएस, दी झाकोमयू और झाकोमयू का समर्थन है. वहीं जिले के सीसीएल बरका सयाल क्षेत्र, सीसीएल कुजू क्षेत्र, सीसीएल रजरप्पा क्षेत्र, सीसीएल चरही क्षेत्र, सीसीएल अरगड्डा क्षेत्र की सभी कोलियरी में संयुक्त मोर्चा के नेता मजदूर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. सीसीएल में उत्पादन और ढुलाई का कार्य पूरी तरह से ठप है.

रामगढ़ः केंद्र सरकार की कमर्शियल माइनिंग नीति के खिलाफ संयुक्त ट्रेड यूनियन की पूर्व घोषित तीन दिवसीय हड़ताल गुरुवार 2 जुलाई से 4 जुलाई तक की सीसीएल क्षेत्रों में पूरी तरह से प्रभावशाली दिख रही है. कोलियरियों में आज से पूरी तरह से उत्पादन और ढुलाई सहित सीसीएल में सभी तरह के कामकाज ठप हैं.

कमर्शियल माइनिंग नीति वापस लेने की मांग
सीसीएल के कोलियरियों में कामगार नहीं आने से कोलियरियों में सन्नाटा पसरा हुआ है. कोई कामगार न आने की वजह से कोयला खादानों में बड़ी-बड़ी बंद पड़ी हैं. ट्रेड यूनियन के नेताओं के अनुसार केंद्र सरकार की कमर्शियल माइनिंग नीति वापस लेने के लिए यह स्ट्राइक की गई है. हालांकि अधिकारियों द्वारा कामगारों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि वे काम पर लौट आए, लेकिन कामगार मानने को तैयार नहीं है. सभी मजदूर यूनियन के हड़ताल को पूरी तरह से जारी रखा है. हड़ताल पूरी तरह से सफल कहीं जा रही है

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नीतियों के खिलाफ तीन दिवसीय हड़ताल
कॉमर्शियल माइनिंग को मंजूरी समेत केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ तीन दिवसीय हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ, इंटक, आरसीएमएस ददई गुट, आरकेएमयू, सीएमयू, जनता मजदूर संघ, यूसीडब्ल्यू, सीटू, एजेएकेसएस, दी झाकोमयू और झाकोमयू का समर्थन है. वहीं जिले के सीसीएल बरका सयाल क्षेत्र, सीसीएल कुजू क्षेत्र, सीसीएल रजरप्पा क्षेत्र, सीसीएल चरही क्षेत्र, सीसीएल अरगड्डा क्षेत्र की सभी कोलियरी में संयुक्त मोर्चा के नेता मजदूर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. सीसीएल में उत्पादन और ढुलाई का कार्य पूरी तरह से ठप है.

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