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रामगढ़: महज शोपीस बना कोविड केयर सेंटर, नहीं बन पाया आइसोलेशन सेंटर - रामगढ़ में आइसोलेशन सेंटर

रामगढ़ जिले में कोरोना से निपटने के लिए 100 बेड के अस्थाई कोविड केयर सेंटर को आइसोलेशन सेंटर में बदलने की प्रक्रिया ठप पड़ी है. 24 मई को कोविड-19 सेंटर का ऑनलाइन उद्घाटन पीटीपीएस कॉलेज में किया गया, लेकिन 5 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक इसको शुरू नहीं किया गया है.

Covid Care is being converted to Isolation Center in rangarh
उद्घाटन के 5 दिन बाद ही कोविड केयर को आइसोलेशन सेंटर में बदलने की कवायद
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Published : May 29, 2021, 10:08 AM IST

रामगढ़: 24 मई को कोविड-19 सेंटर का ऑनलाइन उद्घाटन पीटीपीएस कॉलेज में हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा, बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद, पीवीयूएनएल के पदाधिकारी और जिला प्रशासन के पदाधिकारियों की ओर से किया गया. उद्घाटन के दौरान सभी ने श्रेय लेने के कोशिश की, लेकिन उद्घाटन के बाद कोविड- केयर सेंटर का अब तक संचालन शुरू नहीं हो सका.

ये भी पढ़ें- राज्य के सभी जिलों में खुलेंगे 20 बेड के ICU, तीसरी लहर से निपटने की तैयारी

5 दिन बीत गए लेकिन अभी तक यह तय नहीं हो पाया कि पैरा मेडिकल स्टॉफ और हाउसकीपिंग स्टाफ कौन और कब तक देगा. अब इस अस्थाई कोविड केयर सेंटर को आइसोलेशन सेंटर में बदलने की प्रक्रिया चल रही है. पतरातू पीटीपीएस कॉलेज में 100 बेड के अस्थाई कोविड केयर सेंटर का उद्घाटन तामझाम के साथ जनप्रतिनिधियों ने वर्चुअल रूप से किया था.

राजनीतिक वर्चस्व को लेकर होड़

पीटीपीएस कॉलेज में 100 बेड के कोविड केयर सेंटर के उद्घाटन में राजनीतिक वर्चस्व को लेकर जबरदस्त होड़ मची थी लेकिन इसकी हकीकत शुक्रवार को सामने आई जब देर रात कॉलेज के बगल में रहने वाली एक महिला को सांस लेने में परेशानी होने लगी तो परिजन लेकर पीटीपीएस कॉलेज अस्थाई कोविड केयर सेंटर गए जहां पता चला कि अभी कोविड सेंटर को शुरू नहीं किया गया. इसके बाद बीडीओ और स्थानीय लोगों की मदद से उसे सीसीएल नईसराय कोविड-19 सेंटर में भर्ती कराया गया.

पीटीपीएस कॉलेज में बने अस्थाई अस्पताल के नहीं चालू होने पर स्थानीय समाजसेवी सुजीत पटेल ने कहा कि ऐसे अस्पताल का क्या काम जहां सारी सुविधाएं हैं, लेकिन नहीं डॉक्टर नहीं, पैरा मेडिकल स्टाफ उपलब्ध नहीं है. यह तो वही बात हो गई कि आपको लड़ाई के लिए भेज दिया गया बंदूक दे दी गई, लेकिन बंदूक में गोली ही नहीं दी गई. लोगों को लगा कि अस्थाई कोविड-19 के सेंटर शुरू हो जाने से पतरातू क्षेत्र के लोगों को सुविधा मिलेगी लेकिन यह तो सपना दिख रहा है.

बीडीओ देवदत्त पाठक से किया गया संपर्क

जब ईटीवी भारत ने पूरे मामले में बीडीओ देवदत्त पाठक से बात की तब उन्होंने फोन पर कहा कि अभी पीटीपीएस कॉलेज को आइसोलेशन सेंटर के रूप में रखा गया है. यदि किसी के घर में रहने की जगह नहीं है और वह संक्रमित हो गए है तो वो वहां रह सकते है. अभी सर्वे चल रहा है यदि सस्पेक्टेड रहेंगे तो वह भी रह सकते हैं खाने पीने की सारी व्यवस्था है. डॉक्टर, नर्स वगैरह की खोज में वो लोग हैं.

जिला प्रशासन और निर्वाचित सांसद और विधायक को चाहिए कि पतरातू CHC हॉस्पिटल के समीप ही ब्लॉक की पुरानी बिल्डिंग में कम से कम 2 वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था कराई जाए. पतरातू सीएचसी की निगरानी और संचालन में कराया जाए, ताकि क्रिटिकल समय में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके.

रामगढ़: 24 मई को कोविड-19 सेंटर का ऑनलाइन उद्घाटन पीटीपीएस कॉलेज में हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा, बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद, पीवीयूएनएल के पदाधिकारी और जिला प्रशासन के पदाधिकारियों की ओर से किया गया. उद्घाटन के दौरान सभी ने श्रेय लेने के कोशिश की, लेकिन उद्घाटन के बाद कोविड- केयर सेंटर का अब तक संचालन शुरू नहीं हो सका.

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5 दिन बीत गए लेकिन अभी तक यह तय नहीं हो पाया कि पैरा मेडिकल स्टॉफ और हाउसकीपिंग स्टाफ कौन और कब तक देगा. अब इस अस्थाई कोविड केयर सेंटर को आइसोलेशन सेंटर में बदलने की प्रक्रिया चल रही है. पतरातू पीटीपीएस कॉलेज में 100 बेड के अस्थाई कोविड केयर सेंटर का उद्घाटन तामझाम के साथ जनप्रतिनिधियों ने वर्चुअल रूप से किया था.

राजनीतिक वर्चस्व को लेकर होड़

पीटीपीएस कॉलेज में 100 बेड के कोविड केयर सेंटर के उद्घाटन में राजनीतिक वर्चस्व को लेकर जबरदस्त होड़ मची थी लेकिन इसकी हकीकत शुक्रवार को सामने आई जब देर रात कॉलेज के बगल में रहने वाली एक महिला को सांस लेने में परेशानी होने लगी तो परिजन लेकर पीटीपीएस कॉलेज अस्थाई कोविड केयर सेंटर गए जहां पता चला कि अभी कोविड सेंटर को शुरू नहीं किया गया. इसके बाद बीडीओ और स्थानीय लोगों की मदद से उसे सीसीएल नईसराय कोविड-19 सेंटर में भर्ती कराया गया.

पीटीपीएस कॉलेज में बने अस्थाई अस्पताल के नहीं चालू होने पर स्थानीय समाजसेवी सुजीत पटेल ने कहा कि ऐसे अस्पताल का क्या काम जहां सारी सुविधाएं हैं, लेकिन नहीं डॉक्टर नहीं, पैरा मेडिकल स्टाफ उपलब्ध नहीं है. यह तो वही बात हो गई कि आपको लड़ाई के लिए भेज दिया गया बंदूक दे दी गई, लेकिन बंदूक में गोली ही नहीं दी गई. लोगों को लगा कि अस्थाई कोविड-19 के सेंटर शुरू हो जाने से पतरातू क्षेत्र के लोगों को सुविधा मिलेगी लेकिन यह तो सपना दिख रहा है.

बीडीओ देवदत्त पाठक से किया गया संपर्क

जब ईटीवी भारत ने पूरे मामले में बीडीओ देवदत्त पाठक से बात की तब उन्होंने फोन पर कहा कि अभी पीटीपीएस कॉलेज को आइसोलेशन सेंटर के रूप में रखा गया है. यदि किसी के घर में रहने की जगह नहीं है और वह संक्रमित हो गए है तो वो वहां रह सकते है. अभी सर्वे चल रहा है यदि सस्पेक्टेड रहेंगे तो वह भी रह सकते हैं खाने पीने की सारी व्यवस्था है. डॉक्टर, नर्स वगैरह की खोज में वो लोग हैं.

जिला प्रशासन और निर्वाचित सांसद और विधायक को चाहिए कि पतरातू CHC हॉस्पिटल के समीप ही ब्लॉक की पुरानी बिल्डिंग में कम से कम 2 वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था कराई जाए. पतरातू सीएचसी की निगरानी और संचालन में कराया जाए, ताकि क्रिटिकल समय में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके.

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