ETV Bharat / state

पति से इंसाफ के लिए कोर्ट की शरण में पहुंची IAS की पत्नी, धनबाद में नगर आयुक्त के पद पर हैं कार्यरत

रामगढ़ में आईएएस चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप की पत्नी ने न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि शादी के एक वर्ष बाद एक बच्चा होने के बाद से उनके पति दुधमुंहे बच्चे और उन्हें छोड़कर चले गए.

डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Aug 8, 2019, 8:52 PM IST

रामगढ़: आईएएस चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप की पत्नी ने इंसाफ के लिए मुख्यमंत्री से लेकर कई आला अधिकारियों तक गुहार लगाई. लेकिन उनके आईएएस पति का दिल नहीं पसीजा. थक हार कर गीताली वर्मा ने रामगढ़ न्यायालय की शरण ली है.

जानकारी देती पीड़िता

2010 को हुई थी आईएएस से शादी
बता दें कि आईएएस चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप धनबाद के नगर आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं. वर्ष 2010 में पहली पत्नी की मौत इनकी शादी पलामू में एसडीओ रहते 8 दिसंबर 2010 को मंदिर विकास समिति श्री राधा कृष्ण मंदिर (रेडमा ठाकुरबाड़ी ) रांची रोड रेड़मा मेदिनीनगर (पलामू) के गायत्री मंदिर में हुई. जिसके बाद सबकुछ ठीक चला एक साल बाद एक बच्चा भी हुआ, लेकिन आईएएस पति को यह रास नहीं आया और पत्नी और दुधमुंहे बच्चे को मायके रामगढ़ के भुरकुंडा रीवर साइड छोड़ दिया और पत्नी को पिछले 8 सालों से दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर कर दिया.

थक-हार कर ली न्यायलय की शरण
जिसके बाद मजबूर होकर आईएएस की पत्नी ने अपने पति चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप से लेकर मुख्यमंत्री और आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बाद में थक-हार कर पत्नी ने 2017 में न्यायालय की शरण ली. गीताली वर्मा ने आरोप लगाया कि वे हर जगह न्याय की गुहार लगाकर थक चुकीं हैं. पिछले 9 वर्षों से किसी तरह अपना जीवन काट रही हैं. उनके पति ने धमकी दी है कि वह इस तरह के 10 केस लड़ लेगें अगर यहां हार भी हुई तो सुप्रीम कोर्ट तक केस लड़ेंगे. इस दौरान वे अपनी आपबीती सुनाते हुए फफक-फफक कर रो पड़ीं.

ये भी पढ़ें- लोहरदगा मॉब लिंचिंग मामले में 22 को उम्रकैद, 2016 में 3 लोगों की हुई थी हत्या

क्या है पूरा मामला ?
गढ़वा के एसडीओ चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप ने हिंदू रीति रिवाज से डाल्टेनगंज के गायत्री मंदिर में 8 दिसंबर 2010 को रीवर साइड भुरकुंडा की गीताली वर्मा से शादी की. परिवार के नजदीकी संबंधी और चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप की ओर से अशोक सम्राट (तत्कालीन कृषि पदाधिकारी खूंटी ) की उपस्थिति में ये शादी हुई थी. उस समय चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप की पहली पत्नी की मृत्यु के एक साल हो चुके थे. उनके 3 बच्चे भी थे. बच्चों के कारण वह उसे अपने घर रांची नहीं ले गए.

गीताली वर्मा ने कहा कि उनके पति चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप मायके में ही आना-जाना करते थे. मायके में मेरे और मेरी मां वृद्ध मां के अलावा कोई नहीं रहने के कारण वह मेरी मजबूरी का नाजायज फायदा उठाते रहे. मेरे पति मुझ को बच्चा नहीं होने देने की हिदायत भी देते थे. 2011 में गर्भवती हुई. इसे सुनकर मेरे पति काफी नाराज हुए और फरवरी में पुत्र जन्म के बाद उन्होंने नाता ही तोड़ दिया. रामगढ़ कोर्ट पहुंचे धनबाद के नगर आयुक्त चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप न ही कैमरे के सामने आए और न ही मोबाइल उठाया, कैमरा देख वे भाग खड़े हुए.

रामगढ़: आईएएस चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप की पत्नी ने इंसाफ के लिए मुख्यमंत्री से लेकर कई आला अधिकारियों तक गुहार लगाई. लेकिन उनके आईएएस पति का दिल नहीं पसीजा. थक हार कर गीताली वर्मा ने रामगढ़ न्यायालय की शरण ली है.

जानकारी देती पीड़िता

2010 को हुई थी आईएएस से शादी
बता दें कि आईएएस चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप धनबाद के नगर आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं. वर्ष 2010 में पहली पत्नी की मौत इनकी शादी पलामू में एसडीओ रहते 8 दिसंबर 2010 को मंदिर विकास समिति श्री राधा कृष्ण मंदिर (रेडमा ठाकुरबाड़ी ) रांची रोड रेड़मा मेदिनीनगर (पलामू) के गायत्री मंदिर में हुई. जिसके बाद सबकुछ ठीक चला एक साल बाद एक बच्चा भी हुआ, लेकिन आईएएस पति को यह रास नहीं आया और पत्नी और दुधमुंहे बच्चे को मायके रामगढ़ के भुरकुंडा रीवर साइड छोड़ दिया और पत्नी को पिछले 8 सालों से दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर कर दिया.

थक-हार कर ली न्यायलय की शरण
जिसके बाद मजबूर होकर आईएएस की पत्नी ने अपने पति चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप से लेकर मुख्यमंत्री और आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बाद में थक-हार कर पत्नी ने 2017 में न्यायालय की शरण ली. गीताली वर्मा ने आरोप लगाया कि वे हर जगह न्याय की गुहार लगाकर थक चुकीं हैं. पिछले 9 वर्षों से किसी तरह अपना जीवन काट रही हैं. उनके पति ने धमकी दी है कि वह इस तरह के 10 केस लड़ लेगें अगर यहां हार भी हुई तो सुप्रीम कोर्ट तक केस लड़ेंगे. इस दौरान वे अपनी आपबीती सुनाते हुए फफक-फफक कर रो पड़ीं.

ये भी पढ़ें- लोहरदगा मॉब लिंचिंग मामले में 22 को उम्रकैद, 2016 में 3 लोगों की हुई थी हत्या

क्या है पूरा मामला ?
गढ़वा के एसडीओ चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप ने हिंदू रीति रिवाज से डाल्टेनगंज के गायत्री मंदिर में 8 दिसंबर 2010 को रीवर साइड भुरकुंडा की गीताली वर्मा से शादी की. परिवार के नजदीकी संबंधी और चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप की ओर से अशोक सम्राट (तत्कालीन कृषि पदाधिकारी खूंटी ) की उपस्थिति में ये शादी हुई थी. उस समय चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप की पहली पत्नी की मृत्यु के एक साल हो चुके थे. उनके 3 बच्चे भी थे. बच्चों के कारण वह उसे अपने घर रांची नहीं ले गए.

गीताली वर्मा ने कहा कि उनके पति चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप मायके में ही आना-जाना करते थे. मायके में मेरे और मेरी मां वृद्ध मां के अलावा कोई नहीं रहने के कारण वह मेरी मजबूरी का नाजायज फायदा उठाते रहे. मेरे पति मुझ को बच्चा नहीं होने देने की हिदायत भी देते थे. 2011 में गर्भवती हुई. इसे सुनकर मेरे पति काफी नाराज हुए और फरवरी में पुत्र जन्म के बाद उन्होंने नाता ही तोड़ दिया. रामगढ़ कोर्ट पहुंचे धनबाद के नगर आयुक्त चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप न ही कैमरे के सामने आए और न ही मोबाइल उठाया, कैमरा देख वे भाग खड़े हुए.

Intro:आईएएस पति से इंसाफ पाने के लिए पत्नी ने ली न्यायालय की शरण ।

आईएएस पति वर्तमान में धनबाद नगर आयुक्त के पद पर है कार्यरत ।

शादी के एक वर्ष पश्चात एक बच्चा होने के बाद से ही दर दर की ठोकरे खाने के लिए छोड़ दिया आईएएस में अपनी पत्नी व दुधमुहे बच्चे को ।






Body:रामगढ़ कोर्ट में अपने आईएएस पति से इंसाफ पाने के एक पत्नी दर दर भटक रही है मुख्यमंत्री से लेकर कई आला अधिकारियों को अपनी गुहार लगा चुकी है लेकिन आईएएस पति का दिल नही पसीजा । थक हार कर गीताली वर्मा रामगढ़ न्यायालय की शरण ली है और न्याय का इंतजार कर रही है

आपको बताते चले कि आईएएस चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप धनबाद के नगर आयुक्त के पद पर कार्यरत है वर्ष 2010 में पत्नी की मौत हुई इनकी पहली पत्नी से तीन बच्चे थे और तीनो बच्चो को संभालने के लिए इनकी शादी पलामू में एसडीओ रहते 8 दिसम्बर 2010 को मंदिर विकास समिति श्री राधा कृष्ण मंदिर (रेडमा ठाकुरबाड़ी )रांची रोड रेडमा मेदिनीनगर (पलामू) के गायत्री मंदिर मंदिर में हुई । जिसके बाद सब कुछ ठीक चला एक साल बाद एक बच्चा भी हुआ लेकिन आईएस पति को यह रास नही आया और पत्नी व दुधमुँहे बच्चे को मायके रामगढ़ के भुरकुंडा रिवर साइड छोड़ दिया और पत्नी पिछले 8 सालो तक दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर कर दिया जिसके बाद मजबूर होकर आईएएस की पत्नी ने अपने आईएएस पति चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप से लेकर मुख्यमंत्री और आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई लेकिन कोई फायदा नही हुआ बाद में थक हार कर पत्नी ने 2017 में न्यायालय की शरण ली ।

गीताली वर्मा ने आरोप लगाया कि हर जगह न्याय की गुहार कर थक चुकी है पिछले 9 वर्षों में जैसे तैसे अपना जीवन काट रही है ट्यूशन और लोगों के कपड़े सिल कर अपना और अपने बच्चे का जीवन बसर कर रही है साथ ही उसके पति नगर आयुक्त चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप ने धमकी दी है कि वह इस तरह के 10 केस लड़ लेगा यदि यहां हार भी हुई तो सुप्रीम कोर्ट तक केस को लड़ेंगे

यही नहीं अपने रूंधे गले से कहा कि उसे न्यायालय पर भरोसा है इसलिए थक हारकर हुए न्याय के लिए यहां तक पहुंची हैं और अपनी आपबीती सुनाते सुनाते फफक फफक कर रो पड़ी ।


बाइट गीताली वर्मा पत्नी नगर आयुक्त चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप धनबाद




क्या है पूरा मामला

गढ़वा के एसडीओ चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप से हिंदू रीति रिवाज के तहत डाल्टेनगंज के गायत्री मंदिर मैं शादी 8 दिसंबर 2010 को रीवर साइड भुरकुंडा की गीताली वर्मा की शादी परिवार के नजदीकी संबंधी एवं पति चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप की ओर से अशोक सम्राट (तत्कालीन कृषि पदाधिकारी खूंटी )की उपस्थिति में संपन्न हुई थी/ उस समय आईएएस पति की पहली पत्नी की मृत्यु 1 वर्ष पूर्व हो चुकी थी एवं उनके पूर्व में 3 बच्चे भी थे । बच्चों के कारण वह अपने घर रांची नहीं ले गए लेकिन मेरे पति चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप मायके में ही आना जाना करते थे मायके में मेरे और मेरी मां वृद्ध मां के अलावा कोई नहीं रहने के कारण वह मेरी मजबूरी का नाजायज फायदा उठाते रहे मेरे पति मुझ को बच्चा नहीं होने देने की हिदायत भी देते थे विपरीत हालातों के बावजूद मैं मई 2011 में गर्भवती हुई इसे सुनकर मेरे पति काफी नाराज हुए और फरवरी में पुत्र जन्म के बाद वे नाता ही तोड़ दिया। जिसके बाद पत्नी गीता ली न्याय के लिए दर-दर भटक रही है
Conclusion:रामगढ़ कोर्ट पहुंचे धनबाद के नगर आयुक्त IAS चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप ना ही कैमरे के सामने आए और ना ही मोबाइल उठाया कैमरा देख वे भाग खड़े हुए
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.