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यूपी के सोनभद्र से भटक कर झारखंड के रामगढ़ पहुंचा 8 साल का मासूम, आधार ने लापता बच्चे को पिता से मिलाया - Ramgarh News

रामगढ़ में यूपी के एक मासूम को करीब 8 महीने बाद आधार कार्ड की मदद से उसके परिजनों को सौंप दिया गया. बीते साल 18 सितंबर 2018 को मासूम ट्रेन से झारखंड के रामगढ़ पहुंच गया था.

आधार कार्ड से यूपी का लड़का झाऱखंड में मिला
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Published : May 15, 2019, 11:44 PM IST

रामगढ़: आधार कार्ड हर भारतीय नागरिक की पहचान है लेकिन इसके दूसरे फायदे भी हैं, जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे. आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके जरिए करीब 8 साल के एक मासूम को उसका परिवार वापस मिल गया है वो भी बिना आधार कार्ड या बगैर नंबर के. दरअसल, बीते 18 सितंबर 2018 को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले का एक मासूम अमन भटककर झारखंड के बरकाकाना रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया था. बच्चे को लावारिस हालत में देख रेलवे पुलिस ने उससे पूछताछ की. बच्चा अपने बारे में कोई जानकारी पुलिस को नहीं दे पाया तो उसे बाल संरक्षण इकाई को सौंप दिया गया.

वीडियो में देखें पूरी खबर

बाल संरक्षण विभाग ने बच्चे का स्कूल में दाखिला कराया. इस दौरान स्कूल में बच्चे का आधार कार्ड मांगा गया. तब विभाग की ओर से बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए अधिकारी आधार कार्ड सेंटर पहुंचे. यहां जब बच्चे का आधार कार्ड बनाया जाने लगा तो सिस्टम ने रिक्वेस्ट को रिजेक्ट कर दिया. आधार कार्ड बनाने वाले कर्मी ने बताया कि बच्चे का आधार कार्ड पहले ही बन चुका है और फिर सिस्टम से उसके घर का पता मिल गया.

बाल संरक्षण विभाग ने तुरंत इसकी सूचना उपायुक्त को दी. इसके बाद बच्चे के परिजनों को फोन पर संपर्क किया गया. बच्चे के मिलने की खबर सुनते ही परिजन फौरन झारखंड पहुंच गए. अपने खोए मासूम को करीब 8 महीने बाद वापस पाकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

आधार कार्ड बनवाते वक्त आपका बायोमेट्रिक भी लिया जाता है. बायोमेट्रिक की वजह से फर्जी या दोबारा आधार कार्ड नहीं बनवाया जा सकता. इसी सिक्योरिटी फीचर की वजह से एक मासूम अपने परिवार को वापस मिल गया है.

रामगढ़: आधार कार्ड हर भारतीय नागरिक की पहचान है लेकिन इसके दूसरे फायदे भी हैं, जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे. आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके जरिए करीब 8 साल के एक मासूम को उसका परिवार वापस मिल गया है वो भी बिना आधार कार्ड या बगैर नंबर के. दरअसल, बीते 18 सितंबर 2018 को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले का एक मासूम अमन भटककर झारखंड के बरकाकाना रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया था. बच्चे को लावारिस हालत में देख रेलवे पुलिस ने उससे पूछताछ की. बच्चा अपने बारे में कोई जानकारी पुलिस को नहीं दे पाया तो उसे बाल संरक्षण इकाई को सौंप दिया गया.

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बाल संरक्षण विभाग ने बच्चे का स्कूल में दाखिला कराया. इस दौरान स्कूल में बच्चे का आधार कार्ड मांगा गया. तब विभाग की ओर से बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए अधिकारी आधार कार्ड सेंटर पहुंचे. यहां जब बच्चे का आधार कार्ड बनाया जाने लगा तो सिस्टम ने रिक्वेस्ट को रिजेक्ट कर दिया. आधार कार्ड बनाने वाले कर्मी ने बताया कि बच्चे का आधार कार्ड पहले ही बन चुका है और फिर सिस्टम से उसके घर का पता मिल गया.

बाल संरक्षण विभाग ने तुरंत इसकी सूचना उपायुक्त को दी. इसके बाद बच्चे के परिजनों को फोन पर संपर्क किया गया. बच्चे के मिलने की खबर सुनते ही परिजन फौरन झारखंड पहुंच गए. अपने खोए मासूम को करीब 8 महीने बाद वापस पाकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

आधार कार्ड बनवाते वक्त आपका बायोमेट्रिक भी लिया जाता है. बायोमेट्रिक की वजह से फर्जी या दोबारा आधार कार्ड नहीं बनवाया जा सकता. इसी सिक्योरिटी फीचर की वजह से एक मासूम अपने परिवार को वापस मिल गया है.

Intro:8 महीने बाद अपने पिता को देख कर खुशी के आंसू गिरने लगे यह कहानी नहीं बल्कि सच्चाई है रामगढ़ जिले में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रामगढ़ से भटक कर बच्चा बरकाकाना स्टेशन पर लावारिस हालत में रेल पुलिस को मिला था रेल पुलिस ने जिले के सीडब्ल्यूसी के हवाले कर दिया था सीडब्ल्यूसी ने चाइल्ड वेलफेयर सेंटर में उसे रखा था जिसे आधार कार्ड की मदद से 8 महीने बाद पिता से मिलवाया जा सका


Body:यह कहानी नहीं बल्कि सच्चाई है सितंबर 18 से गुमशुदा बच्चा बन बैठा को पिता राजेश्वर बैठा को सौंपा गया यह बच्चा उत्तर प्रदेश सोनभद्र के रामगढ़ का रहने वाला था सितंबर 18 में बरकाकाना स्टेशन पर सोनभद्र से भटक कर शक्तिपुंज एक्सप्रेस से पहुंचा था जहां से जीआरपी पुलिस ने बाल संरक्षण इकाई रामगढ़ को सौंप दिया था जिसके बाद बाल संरक्षण इकाई बच्चे को परिजनों से मिलाने के लिए प्रयासरत था लेकिन आधार कार्ड की वजह से सफलता बाल संरक्षण इकाई को मिल गई

बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए अधिकारी सेंटर पहुंचे और आधार कार्ड बनवाया तो पता चला कि पहले ही अमन बैठा का आधार कार्ड बना हुआ है और जब इसकी पूरी पड़ताल की गई तब पिता के मोबाइल नंबर से संपर्क हुआ और पिता पुत्र का रामगढ़ जिले में आधार की मदद से मिलवाया गया दोनों के चेहरे पर काफी खुशी देखी जा रही थी ।

जिला के उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बच्चे को पिता को सौंपा ।जिला उपायुक्त ने बताया कि यह बच्चा पिछले 8 महीनों से चाइल्ड केयर यूनिट में रखा गया था काफी खोजबीन की गई लेकिन इसके माता-पिता का पता नहीं चल पाया था जिसके बाद इस का नामांकन स्कूल में करवाया गया था और नामांकन के दौरान जब इसका आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया शुरू हुई तब पता चला कि इसका आधार कार्ड पहले से ही बना हुआ था जिसकी मदद से इसके पिता तक पहुंचा गया और दोनों का मिलन कराया गया बहुत खुशी है कि बिछड़े को मिलाया गया ।

बाइट राजेश्वरी बी डीसी रामगढ़


वही बच्चे के पिता राजेश्वर बैठा ने बताया कि सितंबर में ही यह घर से बिछड़ गया था हम लोगों द्वारा काफी खोजबीन की गई थी लेकिन इसका कोई भी पता नहीं चल पाया था अचानक यहां से फोन गया तब पता चला कि मेरा बेटा सकुशल है और सुरक्षित रामगढ़ में है जिसे लेने के लिए हम आए हैं आधार कार्ड के कारण हम आज अपने बच्चे को 8 माह बाद अपने घर ले जा रहे हैं बहुत खुशी है

बाइट राजेश्वर बैठा बच्चे का पिता


Conclusion:आधार कार्ड की वजह से बिछड़े को 8 माह बाद मिलाया गया यह रामगढ़ जिले का पहला मामला है जहां आधार कार्ड की मदद से नाबालिक किशोर को अपने परिवार से मिलाया गया है यदि सभी जागरूक हो जाएंगे तो गुमशुदा और लापता लोगों की पहचान काफी आसानी से हो सकेगी
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