रामगढ़ः छावनी परिषद क्षेत्र के टायर मोड़ के पास रिहायशी इलाके में बने ट्रेंचिंग ग्राउंड में भीषण आग लग गई. तपती धूप और भीषण गर्मी के बीच ट्रेंचिंग ग्राउंड धधक रहा है, धुएं से आसपास के इलाकों में विजिबिलिटी शून्य हो गई है. लगी आग से प्रदूषण का खतरा बढ़ता जा रहा है. छावनी परिषद के ट्रेंचिंग ग्राउंड में कई एकड़ में फैले ट्रेंचिंग ग्राउंड में आग लग गई और गर्मी और हवा ने आग को और भड़का दिया. जिसके कारण कचरे को आग ने अपनी चपेट में ले लिया भीषण आग लगने से धुएं के गुब्बार पूरे इलाके में देखने को मिल रहे हैं. कूड़े के ढेर से निकलता जहरीला धुआं पूरे आसपास के इलाकों में फैल गया है और वहां रहने वाले और यहां से गुजरने वाले लोगों को सांस लेने में खासा दिक्कत हो रही है. ट्रेंचिंग ग्राउंड के आसपास लगभग 2 किलोमीटर रेडियस में रहने वाले लोगों के लिए अब यह ट्रेंचिंग ग्राउंड परेशानी का सबक बन गया है.
छावनी परिषद ट्रेंचिंग ग्राउंड में लगी भीषण आग को बुझाने में किसी भी तरह की कोई पहल करता नहीं दिख रहा है. समाचार संकलन करने के दौरान ईटीवी भारत संवाददाता को भी सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी. पूरे मामले में जब छावनी अधिशासी अधिकारी से पूछा गया तो उनका कहना था कि पेंटिंग ग्राउंड में लगी आग की सूचना आप से प्राप्त हो रही है, पानी का टैंकर भेजकर बुझा दिया जाएगा.
लेकिन छावनी परिषद के किसी भी अधिकारी व कर्मी ने यह जहमत नहीं उठाई की आग की भयावहता को जाकर मौके पर देखें. अब देखने वाली बात होगी कि प्रदूषण की मार कब तक आसपास के लोग झेलते रहेंगे और बीमारी का शिकार होते रहेंगे. आसपास के लोगों ने भी बताया कि छावनी परिषद की लापरवाही के कारण इस तरह की आग लगी है और इस आग से अगल बगल रहने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है. महिलाओं ने तो यह भी कह दिया कि यह ट्रेंचिंग ग्राउंड को ही यहां से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर देना चाहिए. आस पास रिहायशी इलाके हैंऔर लोग रहने लगे हैं. पूरे शहर की गंदगी लोगों के घरों के बगल में ही गिरा दी जा रही है.
आपको बताते चलें कि करीब 27 लाख रुपए ठेकेदार को दे कर छावनी परिषद क्षेत्र के 8 वार्डों की साफ सफाई की जाती है और शहर से निकलने वाली गंदगी को ट्रेंचिंग ग्राउंड में जमा किया जाता है. साफ सफाई के दौरान निकलने वाली प्लास्टिक से लेकर बोतल मेडिकल वेस्टेज खुले में वहां फेक दिए जाते हैं. अब देखने वाली बात होगी कि क्या छावनी परिषद के अधिशासी अधिकारी ठेकेदार पर कार्रवाई करते हैं या फिर हवा में इसी तरह प्रदूषण फैला कर छावनी क्षेत्र के रहने वाले लोगों को सांस की बीमारियां इसी तरह देते रहेंगे.
रामगढ़ छावनी परिषद के ट्रेंचिंग ग्राउंड में लगी भीषण आग, धुएं के गुबार से फैल रहा प्रदूषण
रामगढ़ छावनी परिषद के ट्रेंचिंग ग्राउंड में आग लग गई. आग की वजह से आसपास के इलाके प्रदूषित हो रहे हैं. आग बुझाने को लेकर किसी भी अधिकारी में तत्परता नहीं दिखी.
रामगढ़ः छावनी परिषद क्षेत्र के टायर मोड़ के पास रिहायशी इलाके में बने ट्रेंचिंग ग्राउंड में भीषण आग लग गई. तपती धूप और भीषण गर्मी के बीच ट्रेंचिंग ग्राउंड धधक रहा है, धुएं से आसपास के इलाकों में विजिबिलिटी शून्य हो गई है. लगी आग से प्रदूषण का खतरा बढ़ता जा रहा है. छावनी परिषद के ट्रेंचिंग ग्राउंड में कई एकड़ में फैले ट्रेंचिंग ग्राउंड में आग लग गई और गर्मी और हवा ने आग को और भड़का दिया. जिसके कारण कचरे को आग ने अपनी चपेट में ले लिया भीषण आग लगने से धुएं के गुब्बार पूरे इलाके में देखने को मिल रहे हैं. कूड़े के ढेर से निकलता जहरीला धुआं पूरे आसपास के इलाकों में फैल गया है और वहां रहने वाले और यहां से गुजरने वाले लोगों को सांस लेने में खासा दिक्कत हो रही है. ट्रेंचिंग ग्राउंड के आसपास लगभग 2 किलोमीटर रेडियस में रहने वाले लोगों के लिए अब यह ट्रेंचिंग ग्राउंड परेशानी का सबक बन गया है.
छावनी परिषद ट्रेंचिंग ग्राउंड में लगी भीषण आग को बुझाने में किसी भी तरह की कोई पहल करता नहीं दिख रहा है. समाचार संकलन करने के दौरान ईटीवी भारत संवाददाता को भी सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी. पूरे मामले में जब छावनी अधिशासी अधिकारी से पूछा गया तो उनका कहना था कि पेंटिंग ग्राउंड में लगी आग की सूचना आप से प्राप्त हो रही है, पानी का टैंकर भेजकर बुझा दिया जाएगा.
लेकिन छावनी परिषद के किसी भी अधिकारी व कर्मी ने यह जहमत नहीं उठाई की आग की भयावहता को जाकर मौके पर देखें. अब देखने वाली बात होगी कि प्रदूषण की मार कब तक आसपास के लोग झेलते रहेंगे और बीमारी का शिकार होते रहेंगे. आसपास के लोगों ने भी बताया कि छावनी परिषद की लापरवाही के कारण इस तरह की आग लगी है और इस आग से अगल बगल रहने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है. महिलाओं ने तो यह भी कह दिया कि यह ट्रेंचिंग ग्राउंड को ही यहां से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर देना चाहिए. आस पास रिहायशी इलाके हैंऔर लोग रहने लगे हैं. पूरे शहर की गंदगी लोगों के घरों के बगल में ही गिरा दी जा रही है.
आपको बताते चलें कि करीब 27 लाख रुपए ठेकेदार को दे कर छावनी परिषद क्षेत्र के 8 वार्डों की साफ सफाई की जाती है और शहर से निकलने वाली गंदगी को ट्रेंचिंग ग्राउंड में जमा किया जाता है. साफ सफाई के दौरान निकलने वाली प्लास्टिक से लेकर बोतल मेडिकल वेस्टेज खुले में वहां फेक दिए जाते हैं. अब देखने वाली बात होगी कि क्या छावनी परिषद के अधिशासी अधिकारी ठेकेदार पर कार्रवाई करते हैं या फिर हवा में इसी तरह प्रदूषण फैला कर छावनी क्षेत्र के रहने वाले लोगों को सांस की बीमारियां इसी तरह देते रहेंगे.