रामगढ़: छठी जेपीएससी परीक्षा ( 6th JPSC Exam) में गलत ढंग से चयनित 326 अधिकारियों की नियुक्ति को रद्द करने की लगातार मांग की जा रही है. झारखंड हाई कोर्ट ने भी इस नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया है. इसके बावजूद इसे अब तक रद्द नहीं किया गया है. इसे लेकर मंगलवार को जेपीएससी के असफल अभ्यर्थियों ने सुभाष चौक के समीप प्रदर्शन किया.
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झारखंड में बढ़ रहा भ्रष्टाचार
अभ्यर्थियों ने कहा कि पिछले 20 सालों में जितने भी जेपीएससी एग्जाम (JPSC Exam) हुए हैं, सभी में भ्रष्टाचार हुए हैं, लेकिन छठी जेपीएससी परीक्षा (6th JPSC Exam) सबसे विवादित रही है. अधिकतर जीपीएससी मामले में सीबीआई (CBI) जांच भी चल रही है. अवैध ढंग से चयनित अभ्यर्थी नौकरी कर रहे हैं और झारखंड में भ्रष्टाचार बढ़ा रहे हैं. उनका कहना है कि वे लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं. हाई कोर्ट ने 7 जून को छठी जेपीएससी परीक्षा ( 6th JPSC Exam) में गलत ढंग से मेरिट में चयनित 326 अधिकारियों की नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया है, इसलिए सभी को पदों को खाली कर देना चाहिए और जेपीएससी परीक्षा में पारदर्शिता बरतनी चाहिए.
सभी जिलों में होगा प्रदर्शन
अभ्यर्थियों का कहना कि वे लोग अब राज्य के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन करेंगे. वहीं, जेपीएससी के अभ्यर्थी सफी इमाम ने कहा कि हाई कोर्ट ने जो आदेश दिया है, उसका अनुपालन हेमंत सरकार अब तक नहीं कर पाई है, जिसका वे लोग विरोध कर रहे हैं, ताकि जेपीएससी के भ्रष्ट पदाधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो सके.