ETV Bharat / state

बढ़ते तापमान के साथ बढ़ी 'देसी फ्रिज' की डिमांड, दुकानदारों में खुशी

रामगढ़ में तापमान बढ़ने के बाद लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. गर्मी के कारण लोगों को ठंडे पानी पीने की चाहत बढ़ जाती है ऐसे में लोग बिजली के फ्रिज की बजाय देसी फ्रिज यानी घड़ा और सुराही को पसंद कर रहे हैं. रामगढ़ में भी देसी फ्रिज की डिमांड बढ़ (demand for clay pitcher increased) गई है.

ramgarh news
ramgarh news
author img

By

Published : Apr 24, 2022, 6:37 PM IST

रामगढ़: जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सड़क किनारे घड़ा, सुराही और बोतल की दुकान देखने को मिल रहे हैं. भीषण गर्मी से परेशान लोगों को ठंडे पानी के लिए फ्रिज की जरुरत पड़ रही है. ऐसे में लोग फ्रिज की जगह देसी फ्रिज यानी मिट्टी के घड़े को चुन रहे हैं. लोगों का मानना है कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं (clay pitcher water is good for health) होता. ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों तक घरों में ठंडे पानी के लिए घड़े का ही प्रयोग कर रहे है.

इसे भी पढ़ें: अब बैग में रखिए देसी फ्रिज, मिनरल से भरपूर रहेगा पानी

मिट्टी से बने सामान की डिमांड बढ़ी: दुकानदार ने बताया कि दो साल कोरोना काल के बाद बिक्री काफी अच्छी हुई है. घड़ा, सुराही और मिट्टी के बोतल की भी डिमांड बड़ी (demand for clay pitcher increased) हुई है. महंगा होने के बावजूद इसके बिक्री काफी अच्छी है. इस बार मिट्टी से बनने वाले बर्तनों की संख्या भी बढ़ी है, जिसमें मिट्टी से बना बॉटल भी उपलब्ध है. जिसे आप साथ में रख सकते हैं और कही भी ले जा सकते हैं. दुकानदार ने बताया कि हर साल कोशिश करते हैं कि मटके में कुछ नए बदलाव करें, जो ग्राहक डिमांड कर रहे हैं.

जानकारी देते संवाददाता राजेश कुमार

ग्राहक डिमांड पर घड़े में हो रहे बदलाव: समय के साथ अब घड़ो के डिजाइन में बदलाव किए जा रहे हैं. पहले घड़े और सुराही को सादे तरीके से बनाए जाते थे. पीने के लिए जब भी पानी की जरूरत पड़ती तो घड़े के उपर रखी कटोरी से पानी पी लिया करते थे, लेकिन अब घड़ों में भी नल (टोटी) लगाई जाने लगी है.

घड़े और सुराही की कीमत में आया उछाल: एक महीने पहले तक 125 से 150 रुपये का बिकने वाला देसी फ्रिज, अब 200 से 230 रुपये में मिल रहा है. मौसम के साथ ही घड़ों की भी मांग बढ़ने लगी है, जिसके चलते घड़ों, सुराही और बोतल की कीमत में उछाल आया (price hike of clay pitcher) है. सामान्य और छोटे मटके कम कीमत में उपलब्ध है. जबकि टोंटी यानी नल लगे मटकों और सुराही की कीमत ज्यादा रखी गई है.

रामगढ़: जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सड़क किनारे घड़ा, सुराही और बोतल की दुकान देखने को मिल रहे हैं. भीषण गर्मी से परेशान लोगों को ठंडे पानी के लिए फ्रिज की जरुरत पड़ रही है. ऐसे में लोग फ्रिज की जगह देसी फ्रिज यानी मिट्टी के घड़े को चुन रहे हैं. लोगों का मानना है कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं (clay pitcher water is good for health) होता. ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों तक घरों में ठंडे पानी के लिए घड़े का ही प्रयोग कर रहे है.

इसे भी पढ़ें: अब बैग में रखिए देसी फ्रिज, मिनरल से भरपूर रहेगा पानी

मिट्टी से बने सामान की डिमांड बढ़ी: दुकानदार ने बताया कि दो साल कोरोना काल के बाद बिक्री काफी अच्छी हुई है. घड़ा, सुराही और मिट्टी के बोतल की भी डिमांड बड़ी (demand for clay pitcher increased) हुई है. महंगा होने के बावजूद इसके बिक्री काफी अच्छी है. इस बार मिट्टी से बनने वाले बर्तनों की संख्या भी बढ़ी है, जिसमें मिट्टी से बना बॉटल भी उपलब्ध है. जिसे आप साथ में रख सकते हैं और कही भी ले जा सकते हैं. दुकानदार ने बताया कि हर साल कोशिश करते हैं कि मटके में कुछ नए बदलाव करें, जो ग्राहक डिमांड कर रहे हैं.

जानकारी देते संवाददाता राजेश कुमार

ग्राहक डिमांड पर घड़े में हो रहे बदलाव: समय के साथ अब घड़ो के डिजाइन में बदलाव किए जा रहे हैं. पहले घड़े और सुराही को सादे तरीके से बनाए जाते थे. पीने के लिए जब भी पानी की जरूरत पड़ती तो घड़े के उपर रखी कटोरी से पानी पी लिया करते थे, लेकिन अब घड़ों में भी नल (टोटी) लगाई जाने लगी है.

घड़े और सुराही की कीमत में आया उछाल: एक महीने पहले तक 125 से 150 रुपये का बिकने वाला देसी फ्रिज, अब 200 से 230 रुपये में मिल रहा है. मौसम के साथ ही घड़ों की भी मांग बढ़ने लगी है, जिसके चलते घड़ों, सुराही और बोतल की कीमत में उछाल आया (price hike of clay pitcher) है. सामान्य और छोटे मटके कम कीमत में उपलब्ध है. जबकि टोंटी यानी नल लगे मटकों और सुराही की कीमत ज्यादा रखी गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.