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रामगढ़ः छात्रों के भविष्य को लेकर DAV स्कूल की नई पहल, इंटरनेट के माध्यम से घर बैठे हो रही पढ़ाई - इंटरनेट के माध्यम से घर बैठे हो रही पढ़ाई

लॉकडाउन के दौरान स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए डीएवी प्रबंधन ने नई पहल की है. उन्होंने बच्चों को इंटरनेट के जरिए पढ़ाने का फैसला लिया है, जो अब सफल भी हो रहा है. बच्चे भी इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं और संकट के समय स्कूल के शिक्षकों ने एक महीने का वेतन राहत कोष में देने का फैसला भी लिया है.

DAV, डीएवी
डीएवी स्कूल की नई पहल
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Published : Mar 31, 2020, 11:46 PM IST

रामगढ़: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई है. इस दौरान सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश भी पारित किया गया है. शिक्षण संस्थानों के बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. इसे देखते हुए डीएवी के क्षेत्रीय प्रबंधक की तरफ से बरकाकाना डीएवी सहित क्षेत्र के 15 डीएवी स्कूलों में बच्चों के भविष्य को देखते हुए ऑनलाइन पढ़ाई की शुरुआत की गई है.

देखें पूरी खबर

इस दौरान बच्चे भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और बच्चों को होने वाले नुकसान की पूरी तरह भरपाई हो जा रही है. लॉकडाउन के बाद जिले के हर एक शैक्षिणिक संस्थान को बंद करने का आदेश दिया गया है. इसे देखते हुए बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए डीएवी स्कूल बरकाकाना सहित डीएवी जोन (डी) झारखंड में इंटरनेट के माध्यम से व्हाट्सएप और स्कूल एप के सहारे टीचर घर बैठे बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- तबलीग ए जमात से 46 लोग लौटे हैं झारखंड, पुलिस-प्रशासन की उड़ी नींद

इस प्रयास से 25,000 बच्चे प्रत्येक दिन लाभान्वित हो रहे हैं, प्रत्येक दिन जिस तरह से स्कूल में पढ़ाई होती थी, उसी अंदाज में टीचर व्हाट्सएप और स्कूल एप के जरिए बच्चों को प्रश्न देकर पढ़ा रहे हैं. छात्र भी व्हाट्सएप और स्कूल एप के जरिए दिए गए प्रश्नों का उत्तर लिखकर टीचर को भेज रहे हैं. इस पर बरकाकाना डीएवी स्कूल की प्राचार्य सह डीएवी जोन डी के क्षेत्रीय पदाधिकारी डॉ उर्मिला सिंह ने बताया कि बच्चों के सिलेबस के हिसाब से पढ़ाई लॉकडाउन में प्रभावित न हो इसलिए इस तरह के कदम उठाए गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आपदा की इस घड़ी में स्कूल के शिक्षकों ने एक महीने का वेतन राहत कोष में देने का फैसला किया है.

रामगढ़: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई है. इस दौरान सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश भी पारित किया गया है. शिक्षण संस्थानों के बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. इसे देखते हुए डीएवी के क्षेत्रीय प्रबंधक की तरफ से बरकाकाना डीएवी सहित क्षेत्र के 15 डीएवी स्कूलों में बच्चों के भविष्य को देखते हुए ऑनलाइन पढ़ाई की शुरुआत की गई है.

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इस दौरान बच्चे भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और बच्चों को होने वाले नुकसान की पूरी तरह भरपाई हो जा रही है. लॉकडाउन के बाद जिले के हर एक शैक्षिणिक संस्थान को बंद करने का आदेश दिया गया है. इसे देखते हुए बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए डीएवी स्कूल बरकाकाना सहित डीएवी जोन (डी) झारखंड में इंटरनेट के माध्यम से व्हाट्सएप और स्कूल एप के सहारे टीचर घर बैठे बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

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इस प्रयास से 25,000 बच्चे प्रत्येक दिन लाभान्वित हो रहे हैं, प्रत्येक दिन जिस तरह से स्कूल में पढ़ाई होती थी, उसी अंदाज में टीचर व्हाट्सएप और स्कूल एप के जरिए बच्चों को प्रश्न देकर पढ़ा रहे हैं. छात्र भी व्हाट्सएप और स्कूल एप के जरिए दिए गए प्रश्नों का उत्तर लिखकर टीचर को भेज रहे हैं. इस पर बरकाकाना डीएवी स्कूल की प्राचार्य सह डीएवी जोन डी के क्षेत्रीय पदाधिकारी डॉ उर्मिला सिंह ने बताया कि बच्चों के सिलेबस के हिसाब से पढ़ाई लॉकडाउन में प्रभावित न हो इसलिए इस तरह के कदम उठाए गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आपदा की इस घड़ी में स्कूल के शिक्षकों ने एक महीने का वेतन राहत कोष में देने का फैसला किया है.

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