रामगढ़: जिले से सामने आया कल्याण विभाग की प्री-मैट्रिक अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले का मामला धीरे-धीरे पूरे प्रदेश को अपने चपेट में लेता जा रहा है. अब धनबाद में भी कई स्कूलों ने अपने छात्रों के नाम पर फर्जीवाड़ा होने की शिकायत अफसरों से की है. इससे पहले रामगढ़ की अंजुमन कमेटी ने रामगढ़ डीसी को शिकायत देकर रजप्पा थाना क्षेत्र स्थित फैजुल बारी मदरसे में भी छात्रवृत्ति में घोटाले की आशंका जताई थी. आरोप था कि मदरसे के संचालकों ने अल्पसंख्यक छात्रों के हक पर डाका डालने वाले गिरोह संग मिलकर महिला-पुरुषों को छठीं-सातवीं का छात्र-छात्रा बताकर छात्रवृत्ति हड़प लिया है. इसको लेकर तीन सदस्यीय कमेटी मामले की जांच कर रही है.
यह है अंजुमन कमेटी की शिकायत
अंजुमन कमेटी की ओर से दी गई शिकायत में कहा गया है कि मदरसे के अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति में बिचौलिये हावी रहते हैं. अंजुमन कमेटी के आवेदन में लिखा है कि वित्तीय वर्ष 19- 20 में फैजुल बारी मदरसे में महिला-पुरुषों को सातवीं-आठवीं का बताकर छात्रवृत्ति हड़प ली गई है.
यह हैं मदरसे के हालात
मदरसे के चारों ओर झाड़ियां उगी हुई हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि मदरसा लॉकडाउन के समय से बंद है. मदरसे के भीतर के भी हालात ठीक नहीं हैं. हालात देख ऐसा नहीं लगता कि पहले भी यहां पढ़ाई-लिखाई होती होगी या पढ़ाई लिखाई पर तवज्जो है. हालांकि मदरसे के एक शिक्षक का कहना है कि यह मामला आपसी विवाद का है. लोग दो गुटों में बंट गए हैं, जिसके कारण उपायुक्त से शिकायत की गई. शिक्षक का कहना था कि वैसे अधिक जानकारी प्रधान मौलवी ही दे सकते हैं.
यह भी पढ़ें-झारखंड में छात्रवृत्ति घोटाला, फर्जीवाड़ा गिरोह ने डकारे छात्रों के हक के 23 करोड़ रुपए
छात्रवृत्ति सीधे बच्चों के खाते में गई
इस संबंध में प्रधान मौलवी मो. सेराज का कहना है कि सरकार छात्रवृत्ति का पैसा सीधे छात्रों के बैंक खाते में भेजती है. इसमें हम कैसे लेन-देन करेंगे. आपसी जमीन विवाद को दूसरा रूप दिया जा रहा है.
जांच की जा रही
इधर जिला कल्याण पदाधिकारी रामेश्वर चौधरी का कहना था कि उपायुक्त के निर्देश पर 3 सदस्य टीम का गठन किया गया है. 3 सदस्यीय टीम द्वारा अभी जांच की जा रही है. प्रथम दृष्टया अभी फर्जीवाड़े का मामला सामने नहीं आया है, हालांकि अभी जांच प्रक्रिया चल रही है. इसलिए कुछ भी कहना उचित नहीं है.