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रामगढ़: नेता और अधिकारी की लड़ाई में रामगढ़ की जनता त्राहिमाम

जेएमएम के जिला अध्यक्ष विनोद किस्कू और छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी सपन कुमार की लड़ाई में रामगढ़ की जनता परेशान है. नेता के खिलाफ और अधिकारी के समर्थन पर छावनी परिषद के कर्मचारी हड़ताल करते हुए छावनी परिषद के मुख्य गेट के सामने धरना दे दिया है. शहर में साफ-सफाई और पानी की आपूर्ति को बंद कर दी गई है.

Cantonment council strike in ramgarh, Water supply closed in Ramgarh, People of Ramgarh upset due to lack of water, रामगढ़ में छावनी परिषद की हड़ताल, रामगढ़ में पानी की सप्लाई बंद, पानी नहीं मिलने से रामगढ़ की जनता परेशान
हड़ताल पर बैठे छावनी परिषद के कर्मचारी
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Published : Jun 10, 2020, 8:53 PM IST

रामगढ़: झारखंड मुक्ति मोर्चा जिलाध्यक्ष विनोद किस्कू और छावनी परिषद के सीईओ सपन कुमार के बीच चल रही लड़ाई में अब रामगढ़ शहर की जनता त्राहिमाम कर रही है. जेएमएम नेता के रवैया के खिलाफ छावनी परिषद के सभी कर्मचारी एक साथ गेट के बाहर धरने पर बैठ गए. सभी कर्मचारियों ने कैंटोनमेंट सीईओ सपन कुमार पर हुए प्राथमिकी को गलत करार दिया और कहा कि राजनीतिक दबाव में पुलिस यह काम कर रही है.

देखें पूरी खबर
शहर में पानी सप्लाई बंदकर्मचारियों ने शहर में पानी सप्लाई बंद कर दिया है. इसके अलावा सफाई कर्मचारियों ने अपना काम ठप कर दिया है. शहर की गलियों में हर जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है. हड़ताल पर गए कर्मचारियों की वजह से शहर में लोगों को परेशानी होने लगी है. शहर के कई वार्ड तो ऐसे हैं, जहां सैकड़ों लोग सिर्फ सप्लाई की पानी पर ही निर्भर हैं. ऐसी स्थिति में पानी का बंद होना लोगों के लिए बेहद कष्टकारी हो गया है.

ये भी पढ़ें- डीआईजी ने की दो दिनों में 8 मौतों की जांच, अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश

'जन सुविधा शहर की शुरू रहनी चाहिए'
छावनी परिषद के वरीय अधिकारी वर्तमान परिवेश में सुरक्षित नहीं है, तो कर्मचारी कैसे अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगे. छावनी परिषद के कर्मियों ने कहा कि जेएमएम के जिला अध्यक्ष की ओर से जो कार्रवाई की गई है, वह पूरी तरह से गलत है. नेता अपनी पहुंच का गलत फायदा उठा रहे हैं, जब तक वह केस उठाते नहीं हैं, तब तक यह धरना चलता रहेगा और छावनी परिषद के कर्मी काम नहीं करेंगे. पूरे प्रकरण को देखते हुए 8 वार्ड में से 5 वार्ड के वार्ड सदस्य कर्मियों को मनाने के लिए धरनास्थल पर पहुंचे, लेकिन बावजूद उसके कर्मी नहीं माने. वार्ड सदस्यों ने कहा कि कर्मियों को मनाने के लिए पहुंचे हैं कि 2 लोगों की लड़ाई में जनता को दिक्कत नहीं होना चाहिए. काम नहीं होने से जन सुविधा नहीं मिलने से जनता काफी परेशान है. इसलिए जन सुविधा शहर की शुरू रहनी चाहिए.

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आमरण अनशन
रामगढ़ छावनी परिषद के कर्मचारी के अचानक हुए हड़ताल को रामगढ़ बचाओ संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष ने सीईओ का साजिश करार दिया है. भाजपा नेता वाह रामगढ़ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष धनंजय कुमार पुटूस छावनी परिषद कार्यालय के समीप आमरण अनशन में सड़क पर ही बैठ गए. उन्होंने कहा कि जब तक जनसेवा यानी कि जो जरूरी सुविधा है, जब तक शुरू नहीं होगी तब तक वह आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे. कड़ी धूप में अकेले यह युवा सड़क पर ही शहर में पानी, सफाई और मूलभूत सुविधाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए आमरण अनशन पर बैठा है. सीईओ सपन कुमार ने राजनीतिक लड़ाई को अपनी निजी लड़ाई बना लिया है.

पुलिस के पहुंचते ही धरना खत्म

वहीं, धरना स्थल पर जैसे ही पुलिस पहुंची वैसेे ही धरने को कर्मियों ने खत्म कर दिया. कारण था कि धारा 144 लागू है और किसी भी तरह की परमिशन धरना के लिए नहीं लिया गया था. जिसको लेकर कार्रवाई की बात जैसे हुई, धरना खत्म कर सभी कर्मी कार्यालय के अंदर चले गए.

ये भी पढ़ें- पाकुड़: साइबर अपराध का खुलासा करने में नाकाम पुलिस, अब करेगी जागरूक करने का काम

क्या है मामला
जेएमएम के जिला अध्यक्ष विनोद किस्कू ने छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी के खिलाफ एससी/एसटी थाने में मामला दर्ज करवाया है. उन्होंने मुख्य अधिशासी अधिकारी सपन कुमार पर आरोप लगाया है कि जब वह उनसे मिलने उनके कार्यालय गए तो उन्हें धक्का देकर बाहर निकाल दिया गया. गालियां दी गई, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया. इधर, छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी सपन कुमार ने भी रामगढ़ थाना में विनोद किस्कू के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने और कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है.

रामगढ़: झारखंड मुक्ति मोर्चा जिलाध्यक्ष विनोद किस्कू और छावनी परिषद के सीईओ सपन कुमार के बीच चल रही लड़ाई में अब रामगढ़ शहर की जनता त्राहिमाम कर रही है. जेएमएम नेता के रवैया के खिलाफ छावनी परिषद के सभी कर्मचारी एक साथ गेट के बाहर धरने पर बैठ गए. सभी कर्मचारियों ने कैंटोनमेंट सीईओ सपन कुमार पर हुए प्राथमिकी को गलत करार दिया और कहा कि राजनीतिक दबाव में पुलिस यह काम कर रही है.

देखें पूरी खबर
शहर में पानी सप्लाई बंदकर्मचारियों ने शहर में पानी सप्लाई बंद कर दिया है. इसके अलावा सफाई कर्मचारियों ने अपना काम ठप कर दिया है. शहर की गलियों में हर जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है. हड़ताल पर गए कर्मचारियों की वजह से शहर में लोगों को परेशानी होने लगी है. शहर के कई वार्ड तो ऐसे हैं, जहां सैकड़ों लोग सिर्फ सप्लाई की पानी पर ही निर्भर हैं. ऐसी स्थिति में पानी का बंद होना लोगों के लिए बेहद कष्टकारी हो गया है.

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'जन सुविधा शहर की शुरू रहनी चाहिए'
छावनी परिषद के वरीय अधिकारी वर्तमान परिवेश में सुरक्षित नहीं है, तो कर्मचारी कैसे अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगे. छावनी परिषद के कर्मियों ने कहा कि जेएमएम के जिला अध्यक्ष की ओर से जो कार्रवाई की गई है, वह पूरी तरह से गलत है. नेता अपनी पहुंच का गलत फायदा उठा रहे हैं, जब तक वह केस उठाते नहीं हैं, तब तक यह धरना चलता रहेगा और छावनी परिषद के कर्मी काम नहीं करेंगे. पूरे प्रकरण को देखते हुए 8 वार्ड में से 5 वार्ड के वार्ड सदस्य कर्मियों को मनाने के लिए धरनास्थल पर पहुंचे, लेकिन बावजूद उसके कर्मी नहीं माने. वार्ड सदस्यों ने कहा कि कर्मियों को मनाने के लिए पहुंचे हैं कि 2 लोगों की लड़ाई में जनता को दिक्कत नहीं होना चाहिए. काम नहीं होने से जन सुविधा नहीं मिलने से जनता काफी परेशान है. इसलिए जन सुविधा शहर की शुरू रहनी चाहिए.

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आमरण अनशन
रामगढ़ छावनी परिषद के कर्मचारी के अचानक हुए हड़ताल को रामगढ़ बचाओ संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष ने सीईओ का साजिश करार दिया है. भाजपा नेता वाह रामगढ़ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष धनंजय कुमार पुटूस छावनी परिषद कार्यालय के समीप आमरण अनशन में सड़क पर ही बैठ गए. उन्होंने कहा कि जब तक जनसेवा यानी कि जो जरूरी सुविधा है, जब तक शुरू नहीं होगी तब तक वह आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे. कड़ी धूप में अकेले यह युवा सड़क पर ही शहर में पानी, सफाई और मूलभूत सुविधाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए आमरण अनशन पर बैठा है. सीईओ सपन कुमार ने राजनीतिक लड़ाई को अपनी निजी लड़ाई बना लिया है.

पुलिस के पहुंचते ही धरना खत्म

वहीं, धरना स्थल पर जैसे ही पुलिस पहुंची वैसेे ही धरने को कर्मियों ने खत्म कर दिया. कारण था कि धारा 144 लागू है और किसी भी तरह की परमिशन धरना के लिए नहीं लिया गया था. जिसको लेकर कार्रवाई की बात जैसे हुई, धरना खत्म कर सभी कर्मी कार्यालय के अंदर चले गए.

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क्या है मामला
जेएमएम के जिला अध्यक्ष विनोद किस्कू ने छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी के खिलाफ एससी/एसटी थाने में मामला दर्ज करवाया है. उन्होंने मुख्य अधिशासी अधिकारी सपन कुमार पर आरोप लगाया है कि जब वह उनसे मिलने उनके कार्यालय गए तो उन्हें धक्का देकर बाहर निकाल दिया गया. गालियां दी गई, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया. इधर, छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी सपन कुमार ने भी रामगढ़ थाना में विनोद किस्कू के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने और कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है.

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