रामगढ़ः जिले के भुरकुंडा रेलवे स्टेशन के समीप रह रहे लगभग डेढ़ सौ घरों और दुकानदारों को रेलवे ने उजाड़ने के दौरान मंदिर की चाहरदीवारी तोड़ी जिसके बाद लोग आक्रोशित हो गए और पतरातू-बरकाकाना मार्ग जाम कर दिया. मौके पर आरपीएफ-जीआरपी के साथ-साथ जिला पुलिस की भी तैनाती की गई थी. घंटों लोगों को समझाने के बाद लोग मानने को तैयार हुए तब जाकर जाम खत्म हुआ और भीड़ हटी.
ये भी पढ़ें-पार्टी की तरफ से दी गई जिम्मेवारी को बखूबी निभाउंगा, बिहार चुनाव में होगी एनडीए की जीत: रघुवर दास
जानकारी के अनुसार भुरकुंडा रेलवे स्टेशन के किनारे रेलवे की भूमि पर लगभग 30 वर्षों से रह रहे लोगों को रेलवे प्रशासन की ओर से हटाया जा रहा है. भूमि खाली करने के दौरान ही मंदिर की चाहरदीवारी को भी जेसीबी से गिरा दिया गया जिसके बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़का और वो चाहरदीवारी निर्माण को लेकर अड़ गए.
वहीं, बात बनता ना देख लोग पतरातू बरकाकाना मुख्य मार्ग को भदानी नगर थाना के सामने जाम कर दिया. आक्रोशित लोगों को पुलिस और पतरातू अंचलाधिकारी ने काफी समझाया और आश्वासन दिया जिसके बाद लोगों का गुस्सा ठंडा हुआ. रेलवे विभाग ने बरसों से रह रहे घरों और दुकानों को बुलडोजर चलाकर पूरी तरह से हटा दिया है. लोगों ने कहा कि रेलवे प्रशासन उनके घरों पर बुलडोजर चला रहा था तब वह उसका विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन आस्था के साथ खिलवाड़ वह बर्दाश्त नहीं करेंगे.
वहीं, रेल प्रशासन का कहना है कि रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण कर यह लोग रह रहे हैं इसलिए इन्हें खाली कराया जा रहा है. वहीं, 30 सालों से रह रहे लोगों का कहना है कि कोरोना की मार में बेरोजगारी से उनके घर में भुखमरी दस्तक दे रही है और अचानक विपदा की इस घड़ी में अब उनका घर भी जा रहा है समझ में नहीं आ रहा है करें तो क्या करें.