रामगढ़ः जिले में फर्जी पासपोर्ट मामले में बांग्लादेश के नागरिक को अदालत में दोषी ठहराया गया है. व्यवहार न्यायालय में एडीजे तृतीय रजनीकांत पाठक की कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई.
जानकारी के अनुसार रजरप्पा थाना क्षेत्र से 2014 में फर्जी पासपोर्ट व नकली दस्तावेज बनाने के आरोपी व बांग्लादेश के फरीदपुर निवासी शेख फरीदुल आलम उर्फ रिजाउल को दोषी करार दिया है. न्यायालय ने 12 अप्रैल को सजा के बिंदु पर मामले की सुनवाई सुनिश्चित की है.
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न्यायालय ने बांग्लादेश के फरीदपुर निवासी शेख फरीदुल आलम को इंडियन फारेन एक्ट 14 (ए), 14 (बी), धारा 419, 468, 471 के तहत दोषी पाया है.
इस मामले में तत्कालीन रजरप्पा थाना प्रभारी लिलेश्वर महतो ने अपने बयान पर मामला दर्ज किया था और इस केस के अनुसंधानकर्ता वहां पदस्थ उमेश शर्मा पुलिस पदाधिकारी थे.
अपर लोक अभियोजक एस के शुक्ला ने कोर्ट में इस पूरे मामले में आरोपी को दोषी करार देने से पूर्व जांच अधिकारी उमेश शर्मा सहित सभी 12 गवाहों की गवाही करवाई.
साथ ही साथ अपर लोक अभियोजक एसके शुक्ला ने कोलकाता पुलिस से सभी तरह के जब्त दस्तावेज को मंगाया और उसके आधार व वोटर आईडी कार्ड का सत्यापन कराया जो फर्जी निकला.
प्रस्तुत साक्ष्यों व अपर लोक अभियोजक के दलीलों के आधार पर न्यायालय ने फरीदुल को दोषी करार दे दिया. वर्तमान में आरोपी रामगढ़ उपकारा में बंद है.
क्या था मामला
शेख फरीदुल आलम को कोलकाता एयरपोर्ट में छह नवंबर 2014 में पकड़ा गया था. उसके पास से बांग्लादेश व हिंदुस्तान का पासपोर्ट बरामद हुआ था.
उसने रामगढ़ जिले के चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के इस्लाम नगर के पते को दर्शाते हुए गलत कागजात के आधार पर अपना पासपोर्ट बनवाया था.
इस मामले में कोलकाता के पंचशायर थाने में कांड संख्या 153/2014 दर्ज हुआ था. उसके पास से रेसिडेंट परमिट भी फरीदपुर बांग्लादेश के नाम पर था.
मामले में रजरप्पा थाना पुलिस ने कांड संख्या 05/2015 दर्ज किया था, जिसके बाद उसे रजरप्पा थाना पुलिस रिमांड पर रामगढ़ लाई थी. पूछताछ के दौरान यह मामला सामने आया था कि फर्जी कागजात के आधार पर कई दस्तावेज तैयार करा लिया था