रामगढ़: गोला प्रखंड का उप स्वास्थ्य केंद्र नेमरा को आधुनिक तरीके से लाखों की लागत से बनवाया गया था. लेकिन वर्तमान में यह झाड़ियों से घिरा है. बिजली की कोई व्यवस्था नहीं, न पानी की कोई सुविधा. एक कमरे को छोड़कर यहां किचन से लेकर बाकी सभी कमरे में जानवर रहते हैं. गंदगी का अंबार लगा हुआ है.
गांव वालों को नहीं मिलती सुविधा
स्वास्थ्य केंद्र के एक कमरे में नर्स आकर बैठती हैं. इस कमरे में एक्सपायरी दवाइयों का ढेर भी पड़ा हुआ है, जिसे देखने वाला कोई नहीं. इस उप स्वास्थ्य केंद्र को बरलगा और नेमरा के आसपास रहने वाले लोगों के लिए बनवाया गया था, ताकि मरीज को यहां से करीब 25 किलोमीटर दूर इलाज के लिए नहीं जाना पड़े. लेकिन अब यह उप स्वास्थ्य केंद्र केवल सफेद हाथी बन खड़ा है. बता दें कि इसका उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था.
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डॉक्टर महीने में एक दिन आते हैं
इस गांव के आसपास के मरीजों को आज भी मीलों तक भागकर इलाज कराने जाना पड़ रहा है. नेमरा उप स्वास्थ्य की एएनएम ने कहा कि महीने में एक बार टीकाकरण के दिन डॉ. साहब आते हैं. सिविल सर्जन को जानकारी नहीं है कि कौन डॉक्टर की ड्यूटी है. एएनएम के अनुसार प्रफुल्ल कुमार और कमलेश डॉक्टर की ड्यूटी है, लेकिन इनका आना केवल टीकाकरण वाले दिन ही होता है.
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सिविल सर्जन को जानकारी नहीं
स्वास्थ्य केंद्र की हालत के बारे में जब सिविल सर्जन नीलम चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें पता ही नहीं है कि नेमरा में कोई उप स्वास्थ्य केंद्र भी चल रहा है. कौन डॉक्टर है, क्या स्थिति है इसकी भी जानकारी रामगढ़ जिले के सिविल सर्जन को नहीं है.