रामगढ़: रजरप्पा के मां छिन्नमस्तिके मंदिर में पूरे हर्षोल्लास और पारंपरिक रूप से आषाढ़ी पूजा की गई. इस दौरान विशेष पूजा अर्चना और श्रृंगार का आयोजन हुआ. आषाढ़ी पूजा को लेकर मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई.
हिंदू मान्यता के अनुसार सालभर में 4 नवरात्र आते हैं. जिसमें, शारदीय और चैत्र नवरात्र के अलावा दो गुप्त नवरात्र भी आते हैं. पहला गुप्त नवरात्र माघ महीने के शुक्ल पक्ष में, और दूसरा आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष में आता है.
पूजा-अर्चना के दौरान मंदिर परिसर में पूरे समय ढोल-नगाड़ों के साथ शंख और घंटों की धुन गूंजती रही. पूजा-अर्चना के दौरान माता को चढ़ाए गए 56 प्रकार के भोग का प्रसाद श्रद्धालुओं के बीच वितरण किया गया.
आषाढ़ी पूजा के बारे में मंदिर न्यास समिति के असीम पंडा कहते हैं कि इस पूजा में मां छिन्नमस्तिके से बेहतर फसल की उपज, समाज की तरक्की और लोगों के सुख-शांति की कामना की जाती है.
वहीं, आषाढ़ कृष्णपक्ष की एकादशी तिथि विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है. इसलिए मंदिर परिसर में काफी भीड़ उमड़ी. भीड़ को लेकर मंदिर न्यास समिति और स्थानीय पुलिस प्रशासन ने व्यापक तैयारी की थी. श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध हो कर पूजा अर्चना की.