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रजरप्पा छिन्नमस्तिका मंदिर में चढ़े फूलों से बनेगी अगरबत्ती, महकेगा घर आंगन

रामगढ़ के रजरप्पा छिन्नमस्तिका मंदिर में मां पर चढ़ाए गए फूल से अगरबत्ती बनाई जाएगी. इसको लेकर जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है. इसके लिए 72 लाख की लागत से मिथिनेशन प्लांट के आलावा दो अलग-अलग प्लांट लगाया जाएगा.

waste flowers in Chinnamastika temple
छिन्नमस्तिका मंदिर में अपशिष्ट फूल से बनेगी अगरबत्ती
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Published : Dec 15, 2021, 3:05 PM IST

Updated : Dec 15, 2021, 6:51 PM IST

रामगढ़: जिले के रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर के चढ़ाए गए फूल से अगरबत्ती और बकरों के अपशिष्ट से बिजली तैयार की जाएगी. इसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से योजना तैयार की गई है. योजना के तहत परिसर में मिथिनेशन प्लांट, सेमी ऑटोमैटिक स्लॉटर हाउस और अरगबत्ती प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएगी.

यह भी पढ़ेंःKartik Purnima 2021: मां छिन्नमस्तिका के दर्शन के लिए उमड़े भक्त, कार्तिक पूर्णिमा पर पूजा का बड़ा महत्व

प्रसिद्ध रजरप्पा मंदिर में हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं और मन्नत मांगते हैं. मंदिर आने वाले श्रद्धालु मां छिन्नमस्तिका को फूल और बेलपत्र अर्पित करते है. इसके साथ ही मन्नत पूरा होने पर श्रद्धालु बलि भी चढ़ाते हैं. इससे रोजाना सैकड़ों की संख्या में बकरों की बलि दी जाती है. इससे भारी मात्रा में अपशिष्ट निकलता है. प्रोसेसिंग यूनिट नहीं होने से इस अपशिष्ट को नदी में प्रवाहित किया जाता है या फिर आसपास में फेंक दिया जाता है. इससे मंदिर के आसपास गंदगी बिखरी रहती है.

72 लाख की लागत से लगेगा प्लांट

उपायुक्त माधवी मिश्रा की पहल पर 72 लाख रुपये की लागत से तीन अलग-अलग प्लांट स्थापित किए जाएंगे, ताकि मंदिर परिसर से निकलने वाले अपशिष्टों का समुचित निष्पादन किया जाएगा. उपायुक्त माधवी मिश्रा ने कहा कि मंदिर में चढ़ने वाले फूलों की निगरानी की गई. इससे पता चला कि प्रतिदिन एक क्विंटल फूल चढ़ाया जाता है. पीक सीजन में रोजाना 100 से 150 बकरों की बलि दी जाती है. उन्होंने कहा कि पशु बलि का अपशिष्ट दामोदर या भैरवी नदी में प्रवाहित किया जाता है. उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर से निकलने वाला अपशिष्टों का समुचित निष्पादन हो. इसको लकेर मंदिर परिसर में तीन प्लांट लगाए जाएंगे, जिस पर शीघ्र काम शुरू हो जाएगा.

रामगढ़: जिले के रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर के चढ़ाए गए फूल से अगरबत्ती और बकरों के अपशिष्ट से बिजली तैयार की जाएगी. इसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से योजना तैयार की गई है. योजना के तहत परिसर में मिथिनेशन प्लांट, सेमी ऑटोमैटिक स्लॉटर हाउस और अरगबत्ती प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएगी.

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प्रसिद्ध रजरप्पा मंदिर में हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं और मन्नत मांगते हैं. मंदिर आने वाले श्रद्धालु मां छिन्नमस्तिका को फूल और बेलपत्र अर्पित करते है. इसके साथ ही मन्नत पूरा होने पर श्रद्धालु बलि भी चढ़ाते हैं. इससे रोजाना सैकड़ों की संख्या में बकरों की बलि दी जाती है. इससे भारी मात्रा में अपशिष्ट निकलता है. प्रोसेसिंग यूनिट नहीं होने से इस अपशिष्ट को नदी में प्रवाहित किया जाता है या फिर आसपास में फेंक दिया जाता है. इससे मंदिर के आसपास गंदगी बिखरी रहती है.

72 लाख की लागत से लगेगा प्लांट

उपायुक्त माधवी मिश्रा की पहल पर 72 लाख रुपये की लागत से तीन अलग-अलग प्लांट स्थापित किए जाएंगे, ताकि मंदिर परिसर से निकलने वाले अपशिष्टों का समुचित निष्पादन किया जाएगा. उपायुक्त माधवी मिश्रा ने कहा कि मंदिर में चढ़ने वाले फूलों की निगरानी की गई. इससे पता चला कि प्रतिदिन एक क्विंटल फूल चढ़ाया जाता है. पीक सीजन में रोजाना 100 से 150 बकरों की बलि दी जाती है. उन्होंने कहा कि पशु बलि का अपशिष्ट दामोदर या भैरवी नदी में प्रवाहित किया जाता है. उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर से निकलने वाला अपशिष्टों का समुचित निष्पादन हो. इसको लकेर मंदिर परिसर में तीन प्लांट लगाए जाएंगे, जिस पर शीघ्र काम शुरू हो जाएगा.

Last Updated : Dec 15, 2021, 6:51 PM IST
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