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सोबरन सोरेन का मनाया गया 63वां शहादत दिवस, CM सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि - रामगढ़ में सोबरन सोरेन का 63वां शहादत दिवस मनाया गया

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दादा सोबरन सोरेन का शुक्रवार को 63वां शहादत दिवस मनाया गया. इस दौरान राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन, रामगढ़ विधायक ममता देवी सहित कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद हुए और उन्हें श्रद्धांजलि दी.

63rd Martyrdom Day of Sobran Soren celebrated in ramgarh
सोबरन सोरेन का मनाया गया 63वां शहादत दिवस
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Published : Nov 27, 2020, 8:16 PM IST

Updated : Nov 27, 2020, 8:55 PM IST

रामगढ़: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दादा सोबरन सोरेन का 63वां शहादत दिवस समारोह लुकैया टाड़ में मनाया गया. इस समारोह में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन, रामगढ़ विधायक ममता देवी सहित कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे. इससे पहले हेमंत सोरेन पहले अपने पैतृक गांव नेमरा पहुंचे और वहां पैतृक आवास में जनता दरबार लगाकर लोगों की जन समस्याओं को सुना और उन्हें समाधान करने के दिशा निर्देश उपायुक्त को दिए.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान
सुनी जनता की फरियाद


झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दो दिनों के दौरा पर अपने पैतृक गांव नेमरा पहुंचे हुए थे. गुरुवार देर रात तक उन्होंने सोहराई में पूरे परिवार के साथ हिस्सा लिया और शुक्रवार को अपने दादा के शहीद स्थल पर अपने पिता शिबू सोरेन के साथ पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. अपने पैतृक निवास में जनता दरबार के दौरान आम लोगों की कई समस्याएं उनके सामने आई. इस दौरान उन्होंने गांव के खेल मैदान तालाब के साथ-साथ नौकरी और कई जनसमस्याओं के समाधान का निर्देश जिला उपायुक्त को दिया. यही नहीं, कई थानों से जुड़े मामलों के भी समाधान का निर्देश दिया, ताकि जनता को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो.

ये भी पढ़ें-झारखंड हाई कोर्ट में शोक सभा का आयोजन, न्यायिक कार्य स्थगित


महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन

सोबरन सोरेन का 63वां शहादत दिवस नेमरा के लुकैया टाड़ में मनाया गया. प्रत्येक साल इस स्थल पर दिशोम गुरू शिबू सोरेन के पिता सोबरन सोरेन का शहादत दिवस धूमधाम से मनाया जाता है. शिबू सोरेन के पिता सोबरन सोरेन ने महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन की बिगुल फूंकी थी. इसके कारण उनकी हत्या महाजनों ने इसी स्थल पर कर दिया था, जिसके बाद यही से चिंगारी उठी और शिबू सोरेन महाजनी प्रथा का विरोध किए और झारखंड राज्य को अलग करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

जल, जंगल और जमीन के लिए क्रांती

हेमंत सोरेन ने कहा कि शहीद स्थल पर प्रत्येक साल शहादत दिवस मनाने के लिए वे सभी एकत्रित होते हैं. आज इस पवित्र भूमि को प्रदेश के सभी लोग जान रहे हैं. इस राज्य के मूल वासियों के लिए जल, जंगल और जमीन के लिए क्रांतिकारी आवाज बुलंद हुई थी. उन्होंने कहा कि उनके मार्गदर्शक दादा जी सोबरन मांझी ने जो आवाज बुलंद की थी, उस आवाज को आगे बढ़ाने का काम उनके पिता दिशोम गुरू शिबू सोरेन ने किया. अब उन्होंने उस कमान को युवाओं के हाथ में दे दिया है.

ये भी पढ़ें-दशम फॉल में कूदकर युवक ने की जान देने की कोशिश, नौकरी नहीं मिलने से था परेशान

1 सालों में देखा काफी उतार-चढ़ाव

सीएम ने कहा कि युवा झारखंड को आगे बढ़ाने के लिए कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं. यह सरकार आम लोगों की सरकार है. इस सरकार के 1 साल पूरे होने वाले हैं. इन 1 सालों में सरकार ने काफी उतार-चढ़ाव देखा है. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को देखा है. इस कठिन घड़ी में भी सरकार सबको साथ लेकर चलने का प्रयास कर रही है. यही नहीं जो झारखंड के जो लोग अन्य राज्यों में फंसे हुए थे, उन्हें बस, ट्रेन, हवाई जहाज के माध्यम से वापस घर लाया गया और उनकी पूरी देखभाल की गई.

ये भी पढ़ें-मौर्य एक्सप्रेस चलाने की अवधि बढ़ाई गई, यात्रियों की सुविधा के लिए 31 दिसंबर तक चलेगी ट्रेन

लड़कर झारखंड को करवाया अलग

झारखंड में विकास के संबंध में पूछे जाने पर सीएम ने कहा कि आने वाले समय में इसकी पूरी घोषणा की जाएगी. रूपरेखा तैयार की जा चुकी है. 1 साल पूरा होने के उपलक्ष में इसकी पूरी रूपरेखा जनता के सामने रखेंगे. इस दौरान शिबू सोरेन ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि उनके पिता की हत्या किसने की है. झारखंड राज्य को लड़कर अलग करवाया. उनकी जवाबदेही और जिम्मेवारी है कि झारखंड को बेहतर राज्य बनाए, ताकि पूरा देश ही नहीं. पूरे विश्व में झारखंड का नाम हो.

रामगढ़: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दादा सोबरन सोरेन का 63वां शहादत दिवस समारोह लुकैया टाड़ में मनाया गया. इस समारोह में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन, रामगढ़ विधायक ममता देवी सहित कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे. इससे पहले हेमंत सोरेन पहले अपने पैतृक गांव नेमरा पहुंचे और वहां पैतृक आवास में जनता दरबार लगाकर लोगों की जन समस्याओं को सुना और उन्हें समाधान करने के दिशा निर्देश उपायुक्त को दिए.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान
सुनी जनता की फरियाद


झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दो दिनों के दौरा पर अपने पैतृक गांव नेमरा पहुंचे हुए थे. गुरुवार देर रात तक उन्होंने सोहराई में पूरे परिवार के साथ हिस्सा लिया और शुक्रवार को अपने दादा के शहीद स्थल पर अपने पिता शिबू सोरेन के साथ पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. अपने पैतृक निवास में जनता दरबार के दौरान आम लोगों की कई समस्याएं उनके सामने आई. इस दौरान उन्होंने गांव के खेल मैदान तालाब के साथ-साथ नौकरी और कई जनसमस्याओं के समाधान का निर्देश जिला उपायुक्त को दिया. यही नहीं, कई थानों से जुड़े मामलों के भी समाधान का निर्देश दिया, ताकि जनता को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो.

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महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन

सोबरन सोरेन का 63वां शहादत दिवस नेमरा के लुकैया टाड़ में मनाया गया. प्रत्येक साल इस स्थल पर दिशोम गुरू शिबू सोरेन के पिता सोबरन सोरेन का शहादत दिवस धूमधाम से मनाया जाता है. शिबू सोरेन के पिता सोबरन सोरेन ने महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन की बिगुल फूंकी थी. इसके कारण उनकी हत्या महाजनों ने इसी स्थल पर कर दिया था, जिसके बाद यही से चिंगारी उठी और शिबू सोरेन महाजनी प्रथा का विरोध किए और झारखंड राज्य को अलग करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

जल, जंगल और जमीन के लिए क्रांती

हेमंत सोरेन ने कहा कि शहीद स्थल पर प्रत्येक साल शहादत दिवस मनाने के लिए वे सभी एकत्रित होते हैं. आज इस पवित्र भूमि को प्रदेश के सभी लोग जान रहे हैं. इस राज्य के मूल वासियों के लिए जल, जंगल और जमीन के लिए क्रांतिकारी आवाज बुलंद हुई थी. उन्होंने कहा कि उनके मार्गदर्शक दादा जी सोबरन मांझी ने जो आवाज बुलंद की थी, उस आवाज को आगे बढ़ाने का काम उनके पिता दिशोम गुरू शिबू सोरेन ने किया. अब उन्होंने उस कमान को युवाओं के हाथ में दे दिया है.

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1 सालों में देखा काफी उतार-चढ़ाव

सीएम ने कहा कि युवा झारखंड को आगे बढ़ाने के लिए कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं. यह सरकार आम लोगों की सरकार है. इस सरकार के 1 साल पूरे होने वाले हैं. इन 1 सालों में सरकार ने काफी उतार-चढ़ाव देखा है. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को देखा है. इस कठिन घड़ी में भी सरकार सबको साथ लेकर चलने का प्रयास कर रही है. यही नहीं जो झारखंड के जो लोग अन्य राज्यों में फंसे हुए थे, उन्हें बस, ट्रेन, हवाई जहाज के माध्यम से वापस घर लाया गया और उनकी पूरी देखभाल की गई.

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लड़कर झारखंड को करवाया अलग

झारखंड में विकास के संबंध में पूछे जाने पर सीएम ने कहा कि आने वाले समय में इसकी पूरी घोषणा की जाएगी. रूपरेखा तैयार की जा चुकी है. 1 साल पूरा होने के उपलक्ष में इसकी पूरी रूपरेखा जनता के सामने रखेंगे. इस दौरान शिबू सोरेन ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि उनके पिता की हत्या किसने की है. झारखंड राज्य को लड़कर अलग करवाया. उनकी जवाबदेही और जिम्मेवारी है कि झारखंड को बेहतर राज्य बनाए, ताकि पूरा देश ही नहीं. पूरे विश्व में झारखंड का नाम हो.

Last Updated : Nov 27, 2020, 8:55 PM IST
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