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जुर्म के दलदल की ओर युवा, ग्लैमर खींच रहा अपराध की ओर - पलामू के युवाओं में अपराध

पलामू और उसके आसपास के इलाके में गंभीर अपराध की ओर युवा कदम बढ़ा रहे हैं. अपराध की ओर बढ़ रहे युवाओं के कदम मजबूरी से ज्यादा ग्लैमर से प्रेरित है. प्रेम और पैसे की चाहत उन्हें इस ओर आने पर मजबूर कर रहे हैं. ऐसी स्थिति आ गई है कि अपराध की दुनिया में हर दिन नए चेहरे देखने को मिल रहे हैं. जिसमें से ज्यादातर कम उम्र के युवा शामिल है.

Youth moving towards crime in palamu
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Published : Oct 20, 2020, 4:13 PM IST

पलामू: युवा वर्ग अपराध की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहा है, इस बात की पुष्टि के लिए शहर की पिछली घटनाओं की ओर देखा जा सकता है. युवा हाइ-फाइ लाइफ स्टाइल और चकाचौंध की जिंदगी को अपना रहे है. पलामू के शातिर अपराधी इसी का फायदा उठा रहे हैं. कम उम्र के बच्चों को लालच देकर अपना काम निकलवा रहे हैं. साल 2020 में पलामू पुलिस ने 63 कम उम्र के लड़कों को गिरफ्तार किया. जो गंभीर आपराधिक घटनाओं के आरोपी हैं. इनकी उम्र 18 से 22 साल के बीच है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


आपराधिक गिरोह दे रहा प्रलोभन, ग्लैमर से है प्रभावित
पलामू प्रमंडल में डब्लू सिंह, सुजीत सिन्हा, विकास दुबे का गिरोह सक्रिय है. कुछ दिनों पहले डॉन कुणाल सिंह की हत्या के बाद गिरोह कुणाल सिंह गिरोह खत्म होने के कगार पर था. डब्लू सिंह गिरोह के 16, सुजीत सिन्हा के 14 जबकि विकास दुबे गिरोह के 11 सदस्य हैं, जो गिरोह के बड़े सदस्य है. सभी गिरोह कम उम्र में युवाओं को अपने साथ जोड़ रहा है और इनका इस्तेमाल हत्या, रंगदारी और टेंडर मैनेज के लिए कर रही है. आपराधिक गिरोह पहले इन्हें अपनी ग्लैमर दिखाते हैं, उसके बाद उन्हें प्रलोभन देते हैं.

युवा बढ़े रहे चकाचौंध की ओर

पलामू में कई आंदोलन कर चुके स्थानीय राहुल दुबे बताते हैं कि आपराधिक चकाचौंध और अपनी नई-नई जरूरतों के लिए युवा अपराधिक गिरोह के संपर्क में आ रहे हैं जो कि गंभीर समस्या है. ऐसे में युवाओं को अपनी हालात को समझना की जरूरत है ताकि उनका कोई इस्तेमाल नहीं कर सके.

अपराध के लिए युवाओं का किया जा रहा इस्तेमाल
पलामू और उसके आसपास के इलाके में गंभीर अपराध के लिए कम उम्र के युवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है क्योंकि यह किसी के पहचान में नहीं आते हैं. जिस कारण यह घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. पलामू में गैंगवार में भी कम उम्र के बच्चों का इस्तेमाल किया गया है. 2020 में 80 से अधिक लोगों की हत्या हुई है. 30 से अधिक हत्याओं के आरोपी 20 साल के युवा है. 2019 में 99 लोगों की हत्या हुई. जिसमें 37 हत्याओं में 18 से 23 साल के युवा शामिल थे.

ये भी पढ़े- एयर एंबुलेंस से चेन्नई भेजे गए शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, जानिए सीएम ने क्या कहा

वकील के पास पैरवी के लिए पहुंचते हैं युवा

सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता विक्रांत सिंह बताते है कि उनके पास कम उम्र के युवा हत्या, दुष्कर्म, रंगदारी जैसे मामलों के पैरवी के लिए पंहुचते है. वे युवाओं को सलाह देते है कि वे अपराध से दूर रहें.

पुलिस ने अपराध की ग्लैमर से दूर रहने की अपील
पुलिस युवाओं से अपराध की ग्लैमर से दूर रहने की अपील कर रही है. एसपी संजीव कुमार ने कहा कि हर अपराध के खिलाफ कानून कार्रवाई करती है, अपराध का अंजाम जेल है. ग्लैमर के कारण कम उम्र में युवा अपराध कर रहे है, उन्हें समझाने की जरूरत है वे अपने भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं. युवा अपराध और आपराधिक गिरोह से दूर रहें.

पलामू: युवा वर्ग अपराध की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहा है, इस बात की पुष्टि के लिए शहर की पिछली घटनाओं की ओर देखा जा सकता है. युवा हाइ-फाइ लाइफ स्टाइल और चकाचौंध की जिंदगी को अपना रहे है. पलामू के शातिर अपराधी इसी का फायदा उठा रहे हैं. कम उम्र के बच्चों को लालच देकर अपना काम निकलवा रहे हैं. साल 2020 में पलामू पुलिस ने 63 कम उम्र के लड़कों को गिरफ्तार किया. जो गंभीर आपराधिक घटनाओं के आरोपी हैं. इनकी उम्र 18 से 22 साल के बीच है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


आपराधिक गिरोह दे रहा प्रलोभन, ग्लैमर से है प्रभावित
पलामू प्रमंडल में डब्लू सिंह, सुजीत सिन्हा, विकास दुबे का गिरोह सक्रिय है. कुछ दिनों पहले डॉन कुणाल सिंह की हत्या के बाद गिरोह कुणाल सिंह गिरोह खत्म होने के कगार पर था. डब्लू सिंह गिरोह के 16, सुजीत सिन्हा के 14 जबकि विकास दुबे गिरोह के 11 सदस्य हैं, जो गिरोह के बड़े सदस्य है. सभी गिरोह कम उम्र में युवाओं को अपने साथ जोड़ रहा है और इनका इस्तेमाल हत्या, रंगदारी और टेंडर मैनेज के लिए कर रही है. आपराधिक गिरोह पहले इन्हें अपनी ग्लैमर दिखाते हैं, उसके बाद उन्हें प्रलोभन देते हैं.

युवा बढ़े रहे चकाचौंध की ओर

पलामू में कई आंदोलन कर चुके स्थानीय राहुल दुबे बताते हैं कि आपराधिक चकाचौंध और अपनी नई-नई जरूरतों के लिए युवा अपराधिक गिरोह के संपर्क में आ रहे हैं जो कि गंभीर समस्या है. ऐसे में युवाओं को अपनी हालात को समझना की जरूरत है ताकि उनका कोई इस्तेमाल नहीं कर सके.

अपराध के लिए युवाओं का किया जा रहा इस्तेमाल
पलामू और उसके आसपास के इलाके में गंभीर अपराध के लिए कम उम्र के युवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है क्योंकि यह किसी के पहचान में नहीं आते हैं. जिस कारण यह घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. पलामू में गैंगवार में भी कम उम्र के बच्चों का इस्तेमाल किया गया है. 2020 में 80 से अधिक लोगों की हत्या हुई है. 30 से अधिक हत्याओं के आरोपी 20 साल के युवा है. 2019 में 99 लोगों की हत्या हुई. जिसमें 37 हत्याओं में 18 से 23 साल के युवा शामिल थे.

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वकील के पास पैरवी के लिए पहुंचते हैं युवा

सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता विक्रांत सिंह बताते है कि उनके पास कम उम्र के युवा हत्या, दुष्कर्म, रंगदारी जैसे मामलों के पैरवी के लिए पंहुचते है. वे युवाओं को सलाह देते है कि वे अपराध से दूर रहें.

पुलिस ने अपराध की ग्लैमर से दूर रहने की अपील
पुलिस युवाओं से अपराध की ग्लैमर से दूर रहने की अपील कर रही है. एसपी संजीव कुमार ने कहा कि हर अपराध के खिलाफ कानून कार्रवाई करती है, अपराध का अंजाम जेल है. ग्लैमर के कारण कम उम्र में युवा अपराध कर रहे है, उन्हें समझाने की जरूरत है वे अपने भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं. युवा अपराध और आपराधिक गिरोह से दूर रहें.

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