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पलामूः क्वॉरेंटाइन सेंटर के मजदूरों ने स्कूल में रंग रोगन शुरू किया, डीसी के विचारों से हुए प्रभावित

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Published : May 28, 2020, 12:12 PM IST

पलामू के दंगवार गांव के सरकारी विद्यालय के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूरों ने समय का सदुपयोग करते हुए स्कूल में रंग रोगन शुरू कर दिया है. मजदूरों ने बताया कि अब वह दूसरे राज्य में काम करने नहीं जायेंगे. अब अपने राज्य में ही खेती बाड़ी व रोजगार करेंगे.

मजदूरों ने स्कूल में रंग रोगन शुरू किया
मजदूरों ने स्कूल में रंग रोगन शुरू किया

पलामूः जिले के हुसैनाबाद प्रखंड के झारखंड-बिहार सीमा स्थित दंगवार गांव के सरकारी विद्यालय को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. यहां रह रहे मजदूरों ने अपने श्रम व हुनर से झारखंड को सजाने व सवारने का संकल्प लिया है. इसी क्रम में स्कूल में तेज गति से रंग रोगन का कार्य शुरू कर भी दिया है.

दरअसल बीते दिनों उपायुक्त शान्तनु कुमार अग्रहरि ने दंगवार क्वॉरेंटाइन सेंटर का भ्रमण किया था. उन्होंने वहां क्वॉरेंटाइन मजदूरों से बातचीत भी की थी.

उनके विचारों से प्रभावित होकर मजदूरों ने अपने श्रमशक्ति व हुनर से झारखंड राज्य को सजाने व सवारने का संकल्प ले लिया. वे उपायुक्त के जाते ही विद्यालय का रंग रोगन करने के साथ उसे स्वच्छ व सुंदर बनाने में जुट गये. इस सेंटर में 39 मजदूर क्वॉरेंटाइन हैं. उन्होंने कहा कि समय का उपयोग कर वह अपने श्रम से व हुनर से विद्यालय की तस्वीर बदलने में जुट गये हैं.

उन्होंने यह भी संकल्प लिया है कि अब वह दूसरे राज्य में काम करने नहीं जायेंगे. अब अपने राज्य में ही खेती बाड़ी व रोजगार करेंगे. मुखिया नीलम देवी, पंसस संतोष राम बीएचडब्लू सचिदानंद ने बताया कि डीसी शान्तनु कुमार अग्रहरि के भ्रमण के बाद मजदूरों में काफी उत्साह है.

अलग अलग इलाके के होने के बावजूद सभी मजदूर आपसी समन्वय बनाकर विद्यालय का कायाकल्प करने में जुटे हैं. बहुत जल्द दंगवार विद्यालय की तस्वीर बदल जायेगी.

वहीं हुसैनाबाद के अनुमंडल अधिकारी कुन्दन कुमार ने बताया कि बाहर से आने वाले मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में सरकारी पहल शुरू कर दी गयी है. उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा.

यह भी पढ़ेंः Top 10 AM @ 10 AM में पढ़िए झारखंड की अब तक की बड़ी खबरें

क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवीण राम ने बताया कि घर लौटने की बेताबी तो है. मगर संतोष है अपने ही इलाके में हैं, अब कोई चिंता नही है. उन्हें झारखंड लाने में सरकार ने सक्रियता दिखाई. अब रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था जरुरी है. सेंटर में रह रहे मनीष कुमार ने कहा कि समय नही कट रहा था.

उपायुक्त के सुझाव ने उनमें उत्साह जगाने का काम किया है. उन्होंने अनुमंडल अधिकारी कुंदन कुमार का भी आभार जताया. उन्होंने कहा कि एसडीओ ने पेंट व अन्य सामग्री उपलब्ध कराने का काम किया है. समय भी आसानी से कट रहा है और राज्य के विकास में योगदान भी हो रहा है.

उन्होंने सरकार से राज्य में उद्योगों की स्थापना करने की मांग की, जिसमें स्थानीय मजदूरों को रोजगार मिल सके. उन्होंने कहा कि राज्य की सरकारों ने झारखंड के मजदूरों की श्रमशक्ति व हुनर का फायदा नहीं उठाया. इसका उन्हें मलाल है.

पलामूः जिले के हुसैनाबाद प्रखंड के झारखंड-बिहार सीमा स्थित दंगवार गांव के सरकारी विद्यालय को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. यहां रह रहे मजदूरों ने अपने श्रम व हुनर से झारखंड को सजाने व सवारने का संकल्प लिया है. इसी क्रम में स्कूल में तेज गति से रंग रोगन का कार्य शुरू कर भी दिया है.

दरअसल बीते दिनों उपायुक्त शान्तनु कुमार अग्रहरि ने दंगवार क्वॉरेंटाइन सेंटर का भ्रमण किया था. उन्होंने वहां क्वॉरेंटाइन मजदूरों से बातचीत भी की थी.

उनके विचारों से प्रभावित होकर मजदूरों ने अपने श्रमशक्ति व हुनर से झारखंड राज्य को सजाने व सवारने का संकल्प ले लिया. वे उपायुक्त के जाते ही विद्यालय का रंग रोगन करने के साथ उसे स्वच्छ व सुंदर बनाने में जुट गये. इस सेंटर में 39 मजदूर क्वॉरेंटाइन हैं. उन्होंने कहा कि समय का उपयोग कर वह अपने श्रम से व हुनर से विद्यालय की तस्वीर बदलने में जुट गये हैं.

उन्होंने यह भी संकल्प लिया है कि अब वह दूसरे राज्य में काम करने नहीं जायेंगे. अब अपने राज्य में ही खेती बाड़ी व रोजगार करेंगे. मुखिया नीलम देवी, पंसस संतोष राम बीएचडब्लू सचिदानंद ने बताया कि डीसी शान्तनु कुमार अग्रहरि के भ्रमण के बाद मजदूरों में काफी उत्साह है.

अलग अलग इलाके के होने के बावजूद सभी मजदूर आपसी समन्वय बनाकर विद्यालय का कायाकल्प करने में जुटे हैं. बहुत जल्द दंगवार विद्यालय की तस्वीर बदल जायेगी.

वहीं हुसैनाबाद के अनुमंडल अधिकारी कुन्दन कुमार ने बताया कि बाहर से आने वाले मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में सरकारी पहल शुरू कर दी गयी है. उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा.

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क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवीण राम ने बताया कि घर लौटने की बेताबी तो है. मगर संतोष है अपने ही इलाके में हैं, अब कोई चिंता नही है. उन्हें झारखंड लाने में सरकार ने सक्रियता दिखाई. अब रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था जरुरी है. सेंटर में रह रहे मनीष कुमार ने कहा कि समय नही कट रहा था.

उपायुक्त के सुझाव ने उनमें उत्साह जगाने का काम किया है. उन्होंने अनुमंडल अधिकारी कुंदन कुमार का भी आभार जताया. उन्होंने कहा कि एसडीओ ने पेंट व अन्य सामग्री उपलब्ध कराने का काम किया है. समय भी आसानी से कट रहा है और राज्य के विकास में योगदान भी हो रहा है.

उन्होंने सरकार से राज्य में उद्योगों की स्थापना करने की मांग की, जिसमें स्थानीय मजदूरों को रोजगार मिल सके. उन्होंने कहा कि राज्य की सरकारों ने झारखंड के मजदूरों की श्रमशक्ति व हुनर का फायदा नहीं उठाया. इसका उन्हें मलाल है.

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