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पलामू में माइक्रो फाइनांस बैंक की मनमानी, महिलाओं ने लगाया जबरन वसूली का आरोप

पलामू में आदिवासी महिलाओं को माइक्रो फाइनांस बैंक की ओर से तंग किया जा रहा है. ब्याज समेत ऋण चुकाने के बाद भी राशि वसूली को लेकर दबाव बनाए जा रहा है. तंग आकर एक दर्जन महिलाओं ने एसडीओ को आवेदन देकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है.

harassed by the Microfinance Bank In Palamu
पलामू में माइक्रोफाइनेंस बैंक
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Published : Jan 29, 2021, 2:09 PM IST

पलामू: जिले के छत्तरपुर में ब्याज समेत कर्ज चुका देने का मामले को लेकर दर्जनों महिलाओं ने एक लिखित शिकायत अनुमंडल पदाधिकारी छत्तरपुर से की है. मामला छत्तरपुर प्रखंड क्षेत्र के पिंडराही पंचायत में गरीब आदिवासी महिलाओं को माइक्रो फाइनांस बैंक की ओर से तंग किया जा रहा है. राशि वसूली को लेकर बनाये जा रहे दबाव से तंग आकर एक दर्जन महिलाओं ने छतरपुर एसडीओ नरेंद्र गुप्ता को आवेदन देकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है.

इस सम्बन्ध में शिकायतकर्ता पतिया देवी, संता देवी, जनती देवी, निरवा कुंवर, संजू देवी, रीता देवी, गीता देवी, मनिया देवी, मुनि देवी, जाली देवी, जस्मतिया देवी ने अपने आवेदन में बताया है की छत्तरपुर स्थित आरबीएल बैंक की ओर से दो वर्ष पूर्व व्यक्तिगत तौर पर उन सबको तय ब्याज पर तीस-तीस हजार लोन दिया गया था. लोन के एवज में उन्होंने ब्याज सहित 38,480/- रूपए बैंक को चुकता कर दिए. फिर भी बैंक की ओर से उनसे अतिरिक्त पैसे की मांग की जा रही है. इस वजह से गरीब महिलाएं काफी मानसिक तनाव में हैं.

ये भी पढ़ें- खूंटी में किसान रैली में शामिल हुए कृषि मंत्री, कहा- गलत नीतियां लाकर देश को तबाह कर रही मोदी सरकार

एसडीओ ने जांच के दिए आदेश
मामले में महिलाओं की शिकायत पर छत्तरपुर एसडीओ नरेंद्र गुप्ता ने तत्काल संज्ञान लेते हुए अंचल अधिकारी छत्तरपुर को उक्त बैंक की विधिवत जांच करते हुए आवश्यक कार्रवाई का आदेश दिया है. उन्होंने बताया है कि छत्तरपुर में संचालित दर्जनों माइक्रो फाइनांस बैंकों की सभी गतिविधियों पर नजर बनाए रखने की भी बात कही है.

आरबीआई के गाइडलाइन पर होगी ब्याज की वसूली-एसडीओ
उन्होंने ये भी स्पष्ट कहा है कि नॉन बैंकिंग कंपनिया पैसे जमा नहीं ले सकती हैं. वे ऋण दे सकती हैं, लेकिन आरबीआई की0 गाइडलाइन के आधार पर ही ब्याज वसूल सकती हैं.

छत्तरपुर में खुल चुकी हैं, दर्जनों चिटफंड बैंकिंग कंपनियां

छत्तरपुर में पिछले कुछ महीनों में दर्जनों की संख्या में चिटफंड बैंकिंग कंपनिया खुल चुकी हैं. ये मुख्य रूप से महिलाओं और महिला समूहों को ऋण दे रही हैं. कई मामलों में ये शिकायत आती रही है कि पहले तो ये कंपनियां गरीब बेरोजगार लोगों को लालच दे आसानी से ऋण दे देती हैं, फिर बाद में मनमाने तरीके से पैसे वसूलते हैं, वहीं कई बार बदतमीजी व दबंगई पर भी उतारू हो जाते हैं. ऐसे लोगों पर कार्रवाई की मांग की गई है.

पलामू: जिले के छत्तरपुर में ब्याज समेत कर्ज चुका देने का मामले को लेकर दर्जनों महिलाओं ने एक लिखित शिकायत अनुमंडल पदाधिकारी छत्तरपुर से की है. मामला छत्तरपुर प्रखंड क्षेत्र के पिंडराही पंचायत में गरीब आदिवासी महिलाओं को माइक्रो फाइनांस बैंक की ओर से तंग किया जा रहा है. राशि वसूली को लेकर बनाये जा रहे दबाव से तंग आकर एक दर्जन महिलाओं ने छतरपुर एसडीओ नरेंद्र गुप्ता को आवेदन देकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है.

इस सम्बन्ध में शिकायतकर्ता पतिया देवी, संता देवी, जनती देवी, निरवा कुंवर, संजू देवी, रीता देवी, गीता देवी, मनिया देवी, मुनि देवी, जाली देवी, जस्मतिया देवी ने अपने आवेदन में बताया है की छत्तरपुर स्थित आरबीएल बैंक की ओर से दो वर्ष पूर्व व्यक्तिगत तौर पर उन सबको तय ब्याज पर तीस-तीस हजार लोन दिया गया था. लोन के एवज में उन्होंने ब्याज सहित 38,480/- रूपए बैंक को चुकता कर दिए. फिर भी बैंक की ओर से उनसे अतिरिक्त पैसे की मांग की जा रही है. इस वजह से गरीब महिलाएं काफी मानसिक तनाव में हैं.

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एसडीओ ने जांच के दिए आदेश
मामले में महिलाओं की शिकायत पर छत्तरपुर एसडीओ नरेंद्र गुप्ता ने तत्काल संज्ञान लेते हुए अंचल अधिकारी छत्तरपुर को उक्त बैंक की विधिवत जांच करते हुए आवश्यक कार्रवाई का आदेश दिया है. उन्होंने बताया है कि छत्तरपुर में संचालित दर्जनों माइक्रो फाइनांस बैंकों की सभी गतिविधियों पर नजर बनाए रखने की भी बात कही है.

आरबीआई के गाइडलाइन पर होगी ब्याज की वसूली-एसडीओ
उन्होंने ये भी स्पष्ट कहा है कि नॉन बैंकिंग कंपनिया पैसे जमा नहीं ले सकती हैं. वे ऋण दे सकती हैं, लेकिन आरबीआई की0 गाइडलाइन के आधार पर ही ब्याज वसूल सकती हैं.

छत्तरपुर में खुल चुकी हैं, दर्जनों चिटफंड बैंकिंग कंपनियां

छत्तरपुर में पिछले कुछ महीनों में दर्जनों की संख्या में चिटफंड बैंकिंग कंपनिया खुल चुकी हैं. ये मुख्य रूप से महिलाओं और महिला समूहों को ऋण दे रही हैं. कई मामलों में ये शिकायत आती रही है कि पहले तो ये कंपनियां गरीब बेरोजगार लोगों को लालच दे आसानी से ऋण दे देती हैं, फिर बाद में मनमाने तरीके से पैसे वसूलते हैं, वहीं कई बार बदतमीजी व दबंगई पर भी उतारू हो जाते हैं. ऐसे लोगों पर कार्रवाई की मांग की गई है.

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