पलामू: जिले का उत्तर कोयल नहर जो कि एक मुख्य नहर भी है. नहर का पानी झारखंड से बिहार की ओर जाती है. कोयल नहर के 21 आरडी से परता लघु नहर का निर्माण किया जाना है, जिसके लिए अबतक 1 करोड़ 35 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन 18 वर्षों में अबतक सिर्फ1500 फिट ही इस नहर का निर्माण कार्य हो सका है.
आंकड़े के अनुसार वर्ष 2000 में हुसैनाबाद की जनता ने संजय कुमार सिंह यादव को विधायक चुना. उन्होंने 2001 में परता लघु नहर के निर्माण की आधारशिला रखी थी, जिससे किसानों को लगा अब उन्हें सुखाड़ से मुक्ति मिल जाएगी. नहर के निर्माण के लिए 20 लाख रुपये की निविदा भी निकाली गई. इसके ठेकेदार को इसका टेंडर भी दे दिया गया और निर्माण कार्य के लिए पैसा भी निकाला गया, लेकिन नहर का निर्माण नहीं हो सका.
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2005 में कमलेश कुमार सिंह हुसैनाबाद के नए विधायक चुने गए और वो सरकार में सिंचाई मंत्री भी बने. कमलेश कुमार ने फिर परता लघु नहर के निर्माण का शिलान्यास किया, पूरी प्रक्रिया फिर से हुई. नहर के निर्माण के लिए 45 लाख रुपये का टेंडर भी दिया गया लेकिन जनता को फिर से धोखा ही मिला.
जनता ने 2009 में संजय कुमार सिंह यादव को विधायक बनाया. उन्होंने जीत के बाद परता लघु नहर की निविदा निकलवाई. इस बार नहर निर्माण का टेंडर 70 लाख तक पहुंच गया, ठेकेदारों ने नहर का निर्माण 2011 में सिर्फ1500 फिट करवा दिया और टेंडर के सारे पैसे निकाल लिए.
वर्तमान विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने भी नहर को बनवाने का जनता से वादा जरूर किया था, लेकिन अबतक उन्होंने उस नहर को देखा तक नहीं है. किसानों ने बताया कि जनप्रतिनिधियों और ठेकेदारों ने मिलकर परता लघु नहर को लूट का अड्डा बना दिया है. उन्होंने कहा कि परता लघु नहर का निर्माण हो जाने से तीन पंचायत रामबांध, परता और पंसा के किसानों की 5000 एकड़ भूमि सिंचित हो सकती है.