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Leopard In Garhwa: 36 घंटे तक इंतजार में बैठी रही टीम, बगल के गांव से भाग निकला तेंदुआ - Garhwa News

गढ़वा में तेंदुआ को पकड़ने के लिए वन विभाग और शूटर की टीम तीन जनवरी से इलाके में कैंप कर रही है, पर अब तक तेंदुआ पकड़ में नहीं आया है. बताया जाता है कि जिस स्थान पर टीम कैंप कर रही थी उसके समीप एक गांव से तेंदुआ निकल कर भाग गया. ऐसे में तेंदुआ को पकड़ना किसी चुनौती से कम नहीं है. हालांकि तेंदुआ को पकड़ने के लिए जगह-जगह केज लगाए गए हैं.

Leopard In Garhwa
Garhwa Forests
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Published : Jan 17, 2023, 5:15 PM IST

पलामू/गढ़वाः मानव जीवन के लिए खतरा बन गए तेंदुआ के इंतजार में मशहूर शूटर नवाब सफत अली खान के नेतृत्व में टीम एक ही जगह पर 36 घंटे तक बैठी रही. इधर, टीम तेंदुआ का इंतजार करती रही और उधर तेंदुआ बगल के गांव से भाग निकला. दरसअल, गढ़वा में रमकंडा, रंका और भंडरिया के इलाके में पिछले तीन जनवरी से नवाब सफत अली खान की टीम कैंप कर रही है. वहीं रविवार की रात तेंदुआ ने गढ़वा के रमकंडा के कुशवार के इलाके में एक बकरे को निशाना बनाया था. रात में बकरे को मारने के बाद सोमवार की सुबह तक उसे खा गया था.

ये भी पढे़ं-पानी बड़ी परेशानी, तलाश में वन्य जीव निकल रहे बाहर, मानव जीवन को बना रहे शिकार

शूटर की टीम करती रही इंतजार, बगल के गांव से भाग निकला तेंदुआः वन विभाग और नवाब की टीम का मानना था कि तेंदुआ दुबारा बकरे को खाने के लिए मौके पर आएगा. नवाब की टीम बकरे के पास ही मचान बना कर 36 घंटे तक इंतजार करती रही, लेकिन तेंदुआ नहीं आया और बगल के गांव से निकल भागा. टीम मंगलवार की दोपहर तक तेंदुए का इंतजार करती रही. इस संबंध में आरसीसीएफ कुमार आशुतोष ने बताया कि तेंदुआ के लिए ट्रैप लगाया गया है, लेकिन वह नहीं आया. विभाग की टीम इलाके में कैंप कर रही है. तेंदुआ का इलाके में पगमार्क मिला है.

तेंदुआ को पकड़ना बना चुनौतीः गढ़वा के इलाके में मानव जीवन के लिए खतरा बन गए तेंदुए को पकड़ना चुनौती बन गई है. इस चुनौती को देखते हुए विभाग की कमेटी ने पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ से तेंदुआ को मारने की अनुमति मांगी है. इस संबंध में पीसीसीएफ को एक सप्ताह पहले पत्र भेजा गया है. पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने अभी तक तेंदुआ को ट्रैंकुलाइज कर पकड़ने की अनुमति दी है. जनवरी के पहले सप्ताह तक तेंदुआ गढ़वा के रंका रमकंडा और भंडरिया के सीमावर्ती इलाकों के 10 किलोमीटर के दायरे में विचरण कर रहा था. अब इसका दायरा घट कर चार किलोमीटर तक रह गया है.

तेंदुआ पर निगरानी के लिए 50 ट्रैकिंग कैमरे लगाए गएः वहीं तेंदुआ पर निगरानी के लिए 50 ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं. जबकि छह केज भी पकड़ने के लिए लगाया गया है. नवाब सफत अली खान की टीम जिस ट्रैंकुलाइजर का इस्तेमाल कर रही है, उसका रेंज 25 मीटर के करीब है, जबकि तेंदुआ को इतनी नजदीक से ट्रैंकुलाइज करना काफी मुश्किल है. तेंदुआ ने अंतिम मानव जीवन पर हमला 28 दिसंबर को किया था. उसके बाद तेंदुआ द्वारा किसी भी मानव जीवन पर हमला की खबर निकल कर सामने नहीं आई है. हर बार तेंदुआ मानव बस्ती के अगल-बगल ही देखा गया है.

पलामू/गढ़वाः मानव जीवन के लिए खतरा बन गए तेंदुआ के इंतजार में मशहूर शूटर नवाब सफत अली खान के नेतृत्व में टीम एक ही जगह पर 36 घंटे तक बैठी रही. इधर, टीम तेंदुआ का इंतजार करती रही और उधर तेंदुआ बगल के गांव से भाग निकला. दरसअल, गढ़वा में रमकंडा, रंका और भंडरिया के इलाके में पिछले तीन जनवरी से नवाब सफत अली खान की टीम कैंप कर रही है. वहीं रविवार की रात तेंदुआ ने गढ़वा के रमकंडा के कुशवार के इलाके में एक बकरे को निशाना बनाया था. रात में बकरे को मारने के बाद सोमवार की सुबह तक उसे खा गया था.

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शूटर की टीम करती रही इंतजार, बगल के गांव से भाग निकला तेंदुआः वन विभाग और नवाब की टीम का मानना था कि तेंदुआ दुबारा बकरे को खाने के लिए मौके पर आएगा. नवाब की टीम बकरे के पास ही मचान बना कर 36 घंटे तक इंतजार करती रही, लेकिन तेंदुआ नहीं आया और बगल के गांव से निकल भागा. टीम मंगलवार की दोपहर तक तेंदुए का इंतजार करती रही. इस संबंध में आरसीसीएफ कुमार आशुतोष ने बताया कि तेंदुआ के लिए ट्रैप लगाया गया है, लेकिन वह नहीं आया. विभाग की टीम इलाके में कैंप कर रही है. तेंदुआ का इलाके में पगमार्क मिला है.

तेंदुआ को पकड़ना बना चुनौतीः गढ़वा के इलाके में मानव जीवन के लिए खतरा बन गए तेंदुए को पकड़ना चुनौती बन गई है. इस चुनौती को देखते हुए विभाग की कमेटी ने पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ से तेंदुआ को मारने की अनुमति मांगी है. इस संबंध में पीसीसीएफ को एक सप्ताह पहले पत्र भेजा गया है. पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने अभी तक तेंदुआ को ट्रैंकुलाइज कर पकड़ने की अनुमति दी है. जनवरी के पहले सप्ताह तक तेंदुआ गढ़वा के रंका रमकंडा और भंडरिया के सीमावर्ती इलाकों के 10 किलोमीटर के दायरे में विचरण कर रहा था. अब इसका दायरा घट कर चार किलोमीटर तक रह गया है.

तेंदुआ पर निगरानी के लिए 50 ट्रैकिंग कैमरे लगाए गएः वहीं तेंदुआ पर निगरानी के लिए 50 ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं. जबकि छह केज भी पकड़ने के लिए लगाया गया है. नवाब सफत अली खान की टीम जिस ट्रैंकुलाइजर का इस्तेमाल कर रही है, उसका रेंज 25 मीटर के करीब है, जबकि तेंदुआ को इतनी नजदीक से ट्रैंकुलाइज करना काफी मुश्किल है. तेंदुआ ने अंतिम मानव जीवन पर हमला 28 दिसंबर को किया था. उसके बाद तेंदुआ द्वारा किसी भी मानव जीवन पर हमला की खबर निकल कर सामने नहीं आई है. हर बार तेंदुआ मानव बस्ती के अगल-बगल ही देखा गया है.

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