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पीटीआर से थर्ड लाइन मामला: संयुक्त टीम ने फिर दिया सर्वे का प्रस्ताव, पीएमओ भेजा गया प्रपोजल

पीटीआर से थर्ड लाइन मामले को लेकर संयुक्त टीम द्वारा फिर से सर्वे का प्रस्ताव दिया गया है. यह प्रस्ताव पीएमओ कार्यालय को भेजा गया है.

Third line of railways in PTR
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Published : Oct 10, 2022, 10:43 PM IST

पलामू: पीटीआर से होकर गुजरने वाली रेलवे फ्रेट कॉरिडोर (Railway Freight Corridor Project) के थर्ड लाइन का फिर से सर्वे का प्रस्ताव दिया गया है. पीटीआर प्रबंधन और कमेटी ने यह प्रस्ताव (Third line of railways in PTR) पीएमओ कार्यालय को दिया है. कुछ दिनों पहले पीएमओ ने पीटीआर, लातेहार जिला प्रशासन और रेलवे के साथ थर्ड लाइन की समीक्षा की थी. इसी समीक्षा में पीटीआर प्रबंधन ने एक बार फिर से थर्ड लाइन का सर्वे का प्रस्ताव दिया है.

इसे भी पढ़ें: थर्ड लाइन से कैसे दो हिस्सों में बंट जाएगा पलामू टाइगर रिजर्व, जानिए मामला क्यों पहुंचा है पीएम के पास

सोननगर से पतरातू तक रेलवे का फ्रेट कॉरिडोर (थर्ड लाइन) का निर्माण किया जा रहा है. फ्रेट कॉरिडोर के तहत 11 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से होकर गुजरनी है. हालांकि, पलामू टाइगर रिजर्व ने पूरे मामले में रेलवे बोर्ड को रेल लाइन डाइवर्ट करने का आग्रह किया था. कुछ महीने पहले पूरे मामले में सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें रेलवे बोर्ड के आवेदन पर साफ तौर पर नॉट रिकमेंड लिख दिया गया है. उसके बाद पूरा मामला प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाला वाइल्ड लाइफ बोर्ड इंडिया के पास चला गया.

पूरे मामले में पीएमओ के जॉइन्ट सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी ने पीटीआर और लातेहार जिला प्रशासन से जानकारी मांगी है. पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बताया कि उनके द्वारा संयुक्त रूप से रेल लाइन का सर्वे का आग्रह किया गया है. पीटीआर प्रबंधन ने रेल लाइन को डाइवर्ट करने का आग्रह किया. इसी के तहत रेलवे विकास निगम लातेहार जिला प्रशासन और पलामू टाइगर रिजर्व का प्रबंधन संयुक्त रूप से थर्ड लाइन का सर्वे करेगा.

दो हिस्सों में बंट जाएगा पीटीआर: रेलवे विकास निगम ने फरवरी 2021 में ऑनलाइन आवेदन देकर थर्ड लाइन को पीटीआर से गुजरने के बाद एनओसी मांगा था. पलामू टाइगर रिजर्व से होकर गुजरने वाले रेलवे के फ्रेट कॉरिडोर को लेकर कई स्तर पर आवाज उठाई गई है. पीटीआर प्रबंधन का प्रस्ताव है कि थर्ड लाइन को पूरी तरह से डाइवर्ट कर टाइगर प्रोजेक्ट के बाहरी इलाके से गुजारी जाए. पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से रेलवे का सेंट्रल इंडस्ट्रियल कोर (सीआईसी) सेक्शन गुजरता है. प्रतिदिन इस लाइन से 100 से अधिक मालगाड़ियां गुजरती है. पीटीआर की कोर एरिया में रेलवे का स्पीड लिमिट भी है. 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से किसी भी ट्रेन को गुजरने की इजाजत नहीं दी गई है. थर्ड लाइन गुजरने के बाद पलामू टाइगर रिजर्व का एरिया दो हिस्सों में बट जाएगा.

मामले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

  • पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से थर्ड लाइन करीब 11 किलोमीटर गुजारनी है. पीटीआर प्रबंधन ने छिपादोहर रेलवे स्टेशन के पास से रेल लाइन को डाइवर्ट करने का आग्रह किया है जो केड होते हुए हेहेगड़ा तक जाएगी. यह दूरी करीब 14 किलोमीटर की होगी.
  • पूरे मामले में विवाद के निपटारे के लिए रेलवे विकास निगम पीटीआर प्रबंधन की एक संयुक्त टीम बनाई गई थी, यह टीम रेल लाइन डाइवर्ट करने को लेकर सर्वे करने वाली थी. टीम को 2021 में ही अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन, पूरे मामले में रेलवे विकास निगम के कोई भी अधिकारी ने टीम में साथ इलाके का सर्वे नहीं किया.
  • पहली रेल लाइन इलाके में 1924 में बिछाई गई थी लेकिन पलामू टाइगर रिजर्व 1971 - 72 में बना था। टाइगर रिजर्व बनने के बाद इलाके में इससे संबंधित कानून लागू हो गए थे।

पलामू: पीटीआर से होकर गुजरने वाली रेलवे फ्रेट कॉरिडोर (Railway Freight Corridor Project) के थर्ड लाइन का फिर से सर्वे का प्रस्ताव दिया गया है. पीटीआर प्रबंधन और कमेटी ने यह प्रस्ताव (Third line of railways in PTR) पीएमओ कार्यालय को दिया है. कुछ दिनों पहले पीएमओ ने पीटीआर, लातेहार जिला प्रशासन और रेलवे के साथ थर्ड लाइन की समीक्षा की थी. इसी समीक्षा में पीटीआर प्रबंधन ने एक बार फिर से थर्ड लाइन का सर्वे का प्रस्ताव दिया है.

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सोननगर से पतरातू तक रेलवे का फ्रेट कॉरिडोर (थर्ड लाइन) का निर्माण किया जा रहा है. फ्रेट कॉरिडोर के तहत 11 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से होकर गुजरनी है. हालांकि, पलामू टाइगर रिजर्व ने पूरे मामले में रेलवे बोर्ड को रेल लाइन डाइवर्ट करने का आग्रह किया था. कुछ महीने पहले पूरे मामले में सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें रेलवे बोर्ड के आवेदन पर साफ तौर पर नॉट रिकमेंड लिख दिया गया है. उसके बाद पूरा मामला प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाला वाइल्ड लाइफ बोर्ड इंडिया के पास चला गया.

पूरे मामले में पीएमओ के जॉइन्ट सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी ने पीटीआर और लातेहार जिला प्रशासन से जानकारी मांगी है. पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बताया कि उनके द्वारा संयुक्त रूप से रेल लाइन का सर्वे का आग्रह किया गया है. पीटीआर प्रबंधन ने रेल लाइन को डाइवर्ट करने का आग्रह किया. इसी के तहत रेलवे विकास निगम लातेहार जिला प्रशासन और पलामू टाइगर रिजर्व का प्रबंधन संयुक्त रूप से थर्ड लाइन का सर्वे करेगा.

दो हिस्सों में बंट जाएगा पीटीआर: रेलवे विकास निगम ने फरवरी 2021 में ऑनलाइन आवेदन देकर थर्ड लाइन को पीटीआर से गुजरने के बाद एनओसी मांगा था. पलामू टाइगर रिजर्व से होकर गुजरने वाले रेलवे के फ्रेट कॉरिडोर को लेकर कई स्तर पर आवाज उठाई गई है. पीटीआर प्रबंधन का प्रस्ताव है कि थर्ड लाइन को पूरी तरह से डाइवर्ट कर टाइगर प्रोजेक्ट के बाहरी इलाके से गुजारी जाए. पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से रेलवे का सेंट्रल इंडस्ट्रियल कोर (सीआईसी) सेक्शन गुजरता है. प्रतिदिन इस लाइन से 100 से अधिक मालगाड़ियां गुजरती है. पीटीआर की कोर एरिया में रेलवे का स्पीड लिमिट भी है. 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से किसी भी ट्रेन को गुजरने की इजाजत नहीं दी गई है. थर्ड लाइन गुजरने के बाद पलामू टाइगर रिजर्व का एरिया दो हिस्सों में बट जाएगा.

मामले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

  • पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से थर्ड लाइन करीब 11 किलोमीटर गुजारनी है. पीटीआर प्रबंधन ने छिपादोहर रेलवे स्टेशन के पास से रेल लाइन को डाइवर्ट करने का आग्रह किया है जो केड होते हुए हेहेगड़ा तक जाएगी. यह दूरी करीब 14 किलोमीटर की होगी.
  • पूरे मामले में विवाद के निपटारे के लिए रेलवे विकास निगम पीटीआर प्रबंधन की एक संयुक्त टीम बनाई गई थी, यह टीम रेल लाइन डाइवर्ट करने को लेकर सर्वे करने वाली थी. टीम को 2021 में ही अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन, पूरे मामले में रेलवे विकास निगम के कोई भी अधिकारी ने टीम में साथ इलाके का सर्वे नहीं किया.
  • पहली रेल लाइन इलाके में 1924 में बिछाई गई थी लेकिन पलामू टाइगर रिजर्व 1971 - 72 में बना था। टाइगर रिजर्व बनने के बाद इलाके में इससे संबंधित कानून लागू हो गए थे।
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