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सुखाड़ के आंकलन के लिए पलामू में राज्य स्तरीय टीम, जानें किसानों को क्या मिलेगा लाभ

पलामू में सुखाड़ (drought in Palamu) का आंकलन करने के लिए राज्यस्तरीय टीम कैंप कर रही है. यह टीम सभी प्रखंडों का दौरा करने के बाद सरकार को रिपोर्ट भेजेगी.

State level team to assess drought in Palamu
State level team to assess drought in Palamu
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Published : Sep 1, 2022, 8:13 AM IST

पलामू: सुखाड़ के आंकलन के लिए पलामू में राज्यस्तरीय टीम (State level team to assess drought) कैंप कर रही है. कृषि निदेशक निशा उरांव और पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा के नेतृत्व में अलग अलग टीम पलामू में कैंप कर रही है. हालांकि, पलामू जिला प्रशासन ने अगस्त के दूसरे सप्ताह में जिला को सत प्रतिशत सुखाड़ घोषित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है. ईटीवी भारत को कृषि निदेशक निशा उरांव ने बताया कि पलामू में सुखाड़ (drought in Palamu) के आंकलन के लिए कैंप कर रही टीम सभी प्रखंडों के 10 प्रतिशत पंचायतों का दौरा करेगी. उन्होंने बताया कि क्षेत्र के हालात की फोटो जियो टैग के साथ अपलोड किया जाना है. सुखाड़ की पूरी रिपोर्ट राज्य और केंद्र सरकार को भेजी जाएगी. रिपोर्ट और आंकलन के आधार पर राहत राशि तय की जाएगी.

इसे भी पढ़ें: पलामू को 100 प्रतिशत सुखाड़ घोषित करने का प्रस्ताव, जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को भेजी रेपोर्ट

किसानों को शत प्रतिशत अनुदान पर मिलेंगे चना, सरसों और मक्का के बीज: कृषि निदेशक निशा उरांव के साथ कई टॉप अधिकारी भी कैंप कर रहे हैं. बुधवार को कृषि निदेशक ने पलामू के मेदिनीनगर सदर और सतबरवा प्रखंड का जायजा लिया. कृषि निदेशक ने बताया कि सुखाड़ के हालात को देखते हुए सरकार ने दो तरह की योजनाओं को तैयार किया. रबी फसल के लिए किसानों को शत-प्रतिशत अनुदान पर सरसों, चना और मक्का के बीज दिए जांएगे. वहीं, 90 प्रतिशत अनुदान पर गेहूं और मसूर के बीज दिए जाने हैं. कृषि निदेशक ने कहा कि पलामू जिला में देखा गया है कि अधिकतर लोग धान की ही खेती करते हैं. सरकार ने लॉन्ग टर्म योजना तैयार करते हुए फसलों के विविधीकरण की सोची है. प्रत्येक वर्ष पलामू के इलाके में 51 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगाई जाती है. किसानों के लिए फसलों के विविधीकरण को लेकर सरकार पहल करेगी.

देखें पूरी खबर



सुखाड़ राहत के लिए किसानों को करवाना होगा रजिस्ट्रेशन: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कृषि निदेशक निशा उरांव ने कहा कि सुखाड़ राहत के लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. सरकार ने सूखे के हालात को देखते हुए कई तरह की योजनाओं की शुरुआत की है. योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों को ब्लॉक चैन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. यह रजिस्ट्रेशन मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा हुआ होगा. किसानों को एक ओटीपी जाएगा जिसके तहत वे रजिस्टर होंगे. उन्होंने बताया कि इस तरह के सिस्टम से फर्जीवाड़ा नहीं होगा.

पलामू: सुखाड़ के आंकलन के लिए पलामू में राज्यस्तरीय टीम (State level team to assess drought) कैंप कर रही है. कृषि निदेशक निशा उरांव और पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा के नेतृत्व में अलग अलग टीम पलामू में कैंप कर रही है. हालांकि, पलामू जिला प्रशासन ने अगस्त के दूसरे सप्ताह में जिला को सत प्रतिशत सुखाड़ घोषित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है. ईटीवी भारत को कृषि निदेशक निशा उरांव ने बताया कि पलामू में सुखाड़ (drought in Palamu) के आंकलन के लिए कैंप कर रही टीम सभी प्रखंडों के 10 प्रतिशत पंचायतों का दौरा करेगी. उन्होंने बताया कि क्षेत्र के हालात की फोटो जियो टैग के साथ अपलोड किया जाना है. सुखाड़ की पूरी रिपोर्ट राज्य और केंद्र सरकार को भेजी जाएगी. रिपोर्ट और आंकलन के आधार पर राहत राशि तय की जाएगी.

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किसानों को शत प्रतिशत अनुदान पर मिलेंगे चना, सरसों और मक्का के बीज: कृषि निदेशक निशा उरांव के साथ कई टॉप अधिकारी भी कैंप कर रहे हैं. बुधवार को कृषि निदेशक ने पलामू के मेदिनीनगर सदर और सतबरवा प्रखंड का जायजा लिया. कृषि निदेशक ने बताया कि सुखाड़ के हालात को देखते हुए सरकार ने दो तरह की योजनाओं को तैयार किया. रबी फसल के लिए किसानों को शत-प्रतिशत अनुदान पर सरसों, चना और मक्का के बीज दिए जांएगे. वहीं, 90 प्रतिशत अनुदान पर गेहूं और मसूर के बीज दिए जाने हैं. कृषि निदेशक ने कहा कि पलामू जिला में देखा गया है कि अधिकतर लोग धान की ही खेती करते हैं. सरकार ने लॉन्ग टर्म योजना तैयार करते हुए फसलों के विविधीकरण की सोची है. प्रत्येक वर्ष पलामू के इलाके में 51 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगाई जाती है. किसानों के लिए फसलों के विविधीकरण को लेकर सरकार पहल करेगी.

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सुखाड़ राहत के लिए किसानों को करवाना होगा रजिस्ट्रेशन: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कृषि निदेशक निशा उरांव ने कहा कि सुखाड़ राहत के लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. सरकार ने सूखे के हालात को देखते हुए कई तरह की योजनाओं की शुरुआत की है. योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों को ब्लॉक चैन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. यह रजिस्ट्रेशन मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा हुआ होगा. किसानों को एक ओटीपी जाएगा जिसके तहत वे रजिस्टर होंगे. उन्होंने बताया कि इस तरह के सिस्टम से फर्जीवाड़ा नहीं होगा.

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