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मौत से जंग लड़ रही है 22 महीने की सृष्टि, 16 करोड़ के इंजेक्शन से बच सकती है जान, सिर्फ 2 महीने का वक्त

पलामू की एक मासूम मौत से जंग लड़ रही है. 16 करोड़ के इंजेक्शन से उसकी जान बच सकती है. लेकिन, अब सिर्फ दो महीने का वक्त बचा है. सृष्टि के लिए अब तक सिर्फ 40 लाख रुपए ही जमा हुए हैं.

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पलामू की सृष्टि
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Published : Sep 7, 2021, 3:59 PM IST

Updated : Sep 7, 2021, 4:17 PM IST

पलामू: जिले की एक मासूम बेटी सृष्टि के जीवन को बचाने के लिए 16 करोड़ रुपये की इंजेक्शन की जरूरत है. उसके पास मात्र दो महीने का ही वक्त बचा है. 22 महीने की मासूम जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है और उसका जीवन वेंटिलेटर पर ही गुजर रहा है. ईटीवी भारत ने फरवरी-मार्च 2021 में अभियान चला कर सृष्टि के लिए फंड जमा करने की अपील भी की थी. फिलहाल सृष्टि मेदिनीनगर में है और परिवार मदद की उम्मीद लगाए हुए है. सृष्टि की मदद के लिए कई लोगों ने हाथ भी बढ़ाए और हैं और अब तक 40 लाख रुपये जमा हुए हैं.

यह भी पढ़ें: सलामत रहे सृष्टि: गंभीर बीमारी से जूझ रही है 14 महीने की मासूम, आपकी एक मदद से बच सकती है जिंदगी

स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी नामक बीमारी से जूझ रही है सृष्टि

22 महीने की सृष्टि स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी नामक बीमारी से जूझ रही है. इस बीमारी के इलाज के लिए स्विट्जरलैंड की नोवार्टिस नामक कंपनी इंजेक्शन बनाती है जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है. सृष्टि की मदद के लिए परिजन कई जगह गुहार लगा चुके हैं लेकिन फंड रेज की गति काफी धीमी है. इंजेक्शन की कीमत 22.5 करोड़ रुपये है लेकिन सरकार आयात शुल्क माफ कर दे तो इसकी कीमत 16 करोड़ रुपये हो जाएगी. सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि पाटन के कांके कला के रहने वाले हैं. सृष्टि मेदिनीनगर के कान्दू मोहल्ला स्थित अपने ननिहाल में है.

देखें पूरी खबर

माता पिता ने ली है वेंटिलेटर चलाने की ट्रेनिंग, हर दिन करीब 10 घंटे तक वेंटिलेटर पर रहती है सृष्टि

सृष्टि फिलहाल अपने ननिहाल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम वेंटिलेटर पर ही है. माता-पिता ने वेंटिलेटर सिस्टम को खरीद लिया है. खरीदने के लिए डॉक्टरों की टीम ने उन्हें एक महीने तक वेंटिलेटर चलाने की ट्रेनिंग दी. उसके बाद सृष्टि को मेदिनीनगर लेकर आए हैं. अगले तीन हफ्ते तक वह यहीं रहेगी. सृष्टि को हर दिन करीब 10 घंटे तक वेंटिलेटर पर रखा जाता है. उसका शरीर हिल नहीं सकता है. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक ऐसी बीमारी है जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है. इसमें दिमाग और मेरुदंड की तंत्रिका की कोशिकाएं टूटने लगती है. सृष्टि का इलाज सीएमसी वेल्लोर और अपोलो बिलासपुर में चल रहा था.

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सृष्टि हर दिन करीब 10 घंटे तक वेंटिलेटर पर रहती है.

माता पिता जान बचाने की लगा रहे गुहार, दो महीने का बचा है वक्त

सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि, उनकी मां ने लोगों आम लोगो से मदद करने की गुहार लगाई है. सतीश कुमार ने बताया कि उनकी बेटी कष्ट में है. उन्होंने हर संभव बचाने का प्रयास किया है. उनकी सारी उम्मीदें उसी इंजेक्शन पर ही है. दो महीने का वक्त उनके पास है. उन्होंने बताया कि सृष्टि की एक जांच रिपोर्ट आने वाली है. उस जांच रिपोर्ट का उन्हें इंतजार है. उन्होंने बताया कि स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी की चार स्टेज है जिसमें स्टेज वन की बीमारी सृष्टि को है. इंजेक्शन ही इलाज है.

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सृष्टि की मदद के लिए बढ़ाएं हाथ.

पलामू: जिले की एक मासूम बेटी सृष्टि के जीवन को बचाने के लिए 16 करोड़ रुपये की इंजेक्शन की जरूरत है. उसके पास मात्र दो महीने का ही वक्त बचा है. 22 महीने की मासूम जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है और उसका जीवन वेंटिलेटर पर ही गुजर रहा है. ईटीवी भारत ने फरवरी-मार्च 2021 में अभियान चला कर सृष्टि के लिए फंड जमा करने की अपील भी की थी. फिलहाल सृष्टि मेदिनीनगर में है और परिवार मदद की उम्मीद लगाए हुए है. सृष्टि की मदद के लिए कई लोगों ने हाथ भी बढ़ाए और हैं और अब तक 40 लाख रुपये जमा हुए हैं.

यह भी पढ़ें: सलामत रहे सृष्टि: गंभीर बीमारी से जूझ रही है 14 महीने की मासूम, आपकी एक मदद से बच सकती है जिंदगी

स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी नामक बीमारी से जूझ रही है सृष्टि

22 महीने की सृष्टि स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी नामक बीमारी से जूझ रही है. इस बीमारी के इलाज के लिए स्विट्जरलैंड की नोवार्टिस नामक कंपनी इंजेक्शन बनाती है जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है. सृष्टि की मदद के लिए परिजन कई जगह गुहार लगा चुके हैं लेकिन फंड रेज की गति काफी धीमी है. इंजेक्शन की कीमत 22.5 करोड़ रुपये है लेकिन सरकार आयात शुल्क माफ कर दे तो इसकी कीमत 16 करोड़ रुपये हो जाएगी. सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि पाटन के कांके कला के रहने वाले हैं. सृष्टि मेदिनीनगर के कान्दू मोहल्ला स्थित अपने ननिहाल में है.

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माता पिता ने ली है वेंटिलेटर चलाने की ट्रेनिंग, हर दिन करीब 10 घंटे तक वेंटिलेटर पर रहती है सृष्टि

सृष्टि फिलहाल अपने ननिहाल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम वेंटिलेटर पर ही है. माता-पिता ने वेंटिलेटर सिस्टम को खरीद लिया है. खरीदने के लिए डॉक्टरों की टीम ने उन्हें एक महीने तक वेंटिलेटर चलाने की ट्रेनिंग दी. उसके बाद सृष्टि को मेदिनीनगर लेकर आए हैं. अगले तीन हफ्ते तक वह यहीं रहेगी. सृष्टि को हर दिन करीब 10 घंटे तक वेंटिलेटर पर रखा जाता है. उसका शरीर हिल नहीं सकता है. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक ऐसी बीमारी है जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है. इसमें दिमाग और मेरुदंड की तंत्रिका की कोशिकाएं टूटने लगती है. सृष्टि का इलाज सीएमसी वेल्लोर और अपोलो बिलासपुर में चल रहा था.

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सृष्टि हर दिन करीब 10 घंटे तक वेंटिलेटर पर रहती है.

माता पिता जान बचाने की लगा रहे गुहार, दो महीने का बचा है वक्त

सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि, उनकी मां ने लोगों आम लोगो से मदद करने की गुहार लगाई है. सतीश कुमार ने बताया कि उनकी बेटी कष्ट में है. उन्होंने हर संभव बचाने का प्रयास किया है. उनकी सारी उम्मीदें उसी इंजेक्शन पर ही है. दो महीने का वक्त उनके पास है. उन्होंने बताया कि सृष्टि की एक जांच रिपोर्ट आने वाली है. उस जांच रिपोर्ट का उन्हें इंतजार है. उन्होंने बताया कि स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी की चार स्टेज है जिसमें स्टेज वन की बीमारी सृष्टि को है. इंजेक्शन ही इलाज है.

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सृष्टि की मदद के लिए बढ़ाएं हाथ.
Last Updated : Sep 7, 2021, 4:17 PM IST
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