पलामू: मिशन बूढ़ापहाड़ के लिए सुरक्षाबलों ने अगले छह महीने के लिए रोड मैप तैयार किया है. सुरक्षाबल बूढ़ापहाड़ पर अपने संसाधन को मजबूत कर रहे हैं. इलाके में जवानों की संख्या को बढ़ाया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बूढ़ापहाड़ पर सुरक्षाबलों के कब्जे की घोषणा की थी. बूढ़ापहाड़ के इलाके से माओवादियों का दस्ता कमजोर हो गया है और इलाके से भाग गया है.
बूढ़ापहाड़ के इलाके में बचे हुए माओवादियों के टॉप कमांडर के खिलाफ कार्रवाई के लिए योजना तैयार की है. अगले छह महीने में माओवादियों के एक-एक कमांडर को टारगेट किया जा रहा है. बूढ़ापहाड़ के कई टॉप कमांडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं या गिरफ्तार हुए हैं. कई टॉप कमांडर अभी भी सुरक्षाबलों के पहुंच से काफी दूर हैं. बचे हुए नक्सल कमांडर के लिए सुरक्षाबल और पुलिस मिलकर रणनीति तय कर रहे हैं और अगले छह महीने में सभी के सफाए के लिए योजना को तैयार किया है.
सुरक्षा बल बूढ़ापहाड़ के इंचार्ज सौरव उर्फ मारकुस, मृत्युंजय भुइयां, रबिन्द्र गंझू, नीरज खरवार, छोटू खरवार के दस्ते के खिलाफ कार्रवाई करेगी. बूढ़ापहाड़ पर तय रणनीति के अनुसार सुरक्षाबल योजना को तैयार कर रहे हैं. पूरा पहाड़ के इलाके में तेजी से रोड बनाए जा रहे हैं ताकि अभियान के दौरान किसी भी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. बूढ़ापहाड़ का टॉप पर मौजूद कैंप के लिए पहाड़ पर रोड बनाया जा रहा है. साथ ही साथ सुरक्षाबल बूढ़ापहाड़ के इलाके में अपनी कम्युनिकेशन को भी बेहतर कर रहे हैं. इलाके में कई मोबाइल टावर भी लगाए जा रहे हैं.
अभियान में शामिल जवानों को एक महीने में बदला जा रहा: बूढ़ापहाड़ अभियान ऑक्टोपस के लिए करीब 6000 से भी अधिक जवानों की तैनाती की गई है. हर महीने अभियान में शामिल जवानों को बदल दिया जा रहा है. बूढ़पहाड़ के इलाके में बेहतर कम्युनिकेशन नहीं है जिस कारण जवानों को अपने परिवार से बातचीत नहीं हो पाती है. कुछ महीने के अंतराल पर बूढ़ापहाड़ पर तैनात किया जा रहा है. जवानों को मानिसक रूप से मजबूत बनाने के लिए स्पेशल योगा क्लास के साथ-साथ उनकी काउंसिलिंग भी की जा रही है. अभियान में शामिल जवान और अधिकारियों को सूचना तंत्र को मजबूत किया जा रहा है. अधिकारियों को स्थानीय ग्रामीणों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने को कहा गया है.
52 वर्ग किलोमीटर को सेनेटाइज करना बड़ी चुनौती: बूढ़ापहाड़ का इलाका 52 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. 52 वर्ग किलोमीटर को सैनिटाइज करना एक बड़ी चुनौती है. बूढ़ापहाड़ की सीमाएं छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जबकि झारखंड के गढ़वा और लातेहार से सटी हुई है. इलाके को सुरक्षित करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. सुरक्षाबल एक एक पहाड़ और जंगल की तलाशी ली रहे हैं और लैंडमाइंस को डिफ्यूज कर रहे हैं.