पलामूः सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के निवाले पर कोविड महामारी (Corona Pandemic) के कारण आफत आ गई है. कोविड-19 काल में बच्चों को मिलने वाला मध्यान भोजन (Mid Day Meal) पूरी तरह से बंद है. प्रशासनिक अधिकारी सरकारी गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं ताकि बच्चों को मध्याहन भोजन और उनके लिए आवंटित हुई राशि दी जा सके. वहीं बच्चे भी मध्यान भोजन का इंतजार कर रहे है.
पलामू 3.75 लाख बच्चे मध्यान भोजन से जुड़े हुए हैं. लेकिन कोविड-19 के कारण मध्यान भोजन (Mid Day Meal) बच्चों को जनवरी के बाद से नहीं मिल पाया है. बच्चों के लिए 68 दिनों का चावल और राशि उपलब्ध करवाया गया है. कोविड के कारण कुछ ही स्कूलों ने चावल का उठाव किया, जबकि कई स्कूल उठाव नहीं कर पाए. पलामू में 2600 के करीब सरकारी स्कूल है. 31 मार्च तक स्कूलों के लिए 9509 क्विंटल चावल का उठाव होना था.
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माध्यन भोजन के लिए जारी नहीं हुई गाइडलाइन
कोविड काल-2020 में सरकार ने सरकारी शिक्षकों को घर-घर चावल और राशि उपलब्ध करवाने का आदेश जारी किया था. वर्ग एक से पांच तक के प्रति छात्र 100 ग्राम, जबकि वर्ग 6 से 8 तक के प्रति छात्र डेढ़ सौ ग्राम चावल उपलब्ध करवाने का आदेश था. 2021 में मध्यान भोजन को लेकर सरकार ने किसी तरह की गाइडलाइन जारी नहीं की है. पलामू डीसी शशि रंजन ने बताया कि चावल और राशि आवंटित हो गई है, सरकार की गाइडलाइन जारी होते ही मध्यान भोजन बच्चों तक उपलब्ध करवाया जाएगा.
बच्चों को मध्यान भोजन का इंतजार
सरकारी स्कूलों में मिलने वाला मध्यान भोजन कई ग्रामीण इलाके में बच्चों के लिए राहत है, उन्हें भरपेट भोजन मिल पाता है. सरकारी स्कूल के बच्चों को मध्यान भोजन का इंतजार है. पलामू के हैदरनगर में सरकारी स्कूल में पढ़ाई करने वाली छात्रा छाया कुमारी रोशनी कुमारी बताती है कि वो गरीब घर की हैं, काफी दिनों से उन्हें मध्यान भोजन (Mid Day Meal) नहीं मिला. मध्यान भोजन मिलने के बाद उन्हें और उनके परिवार को काफी राहत मिलती थी.
शिक्षक विजय बहादुर सिंह बताते हैं कि वह सरकारी गाइडलाइन के अनुसार ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं, लेकिन मध्यान भोजन (Mid Day Meal) के लिए कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है. बच्चों को मध्यान भोजन नहीं मिल पा रहा है. शिक्षक बताते हैं कि बच्चों के परिजन उनसे मध्यान भोजन के बारे में जानकारी ले रहे है. शिक्षक कुलदीप यादव बताते हैं कि मध्यान भोजन बच्चों को कुपोषण दूर करने में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन यह काफी दिनों से बंद है और उन्हें सरकारी गाइडलाइन का इंतजार है.