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राजहरा कोलियरी की लौटेगी रौनक, उत्पादन शुरू होने की घोषणा से लोगों में जगी उम्मीद - कोयला उत्पादन

पलामू के राजहरा कोलियरी से उत्पादन शुरू होने की घोषणा के बाद लोगों को सब कुछ अच्छा होने की उम्मीद जगी है. 23 फरवरी से राजहरा कोलियरी से उत्पादन शुरू होने की घोषणा की गई है. राजहरा कोलियरी में 2009 में बाढ़ का पानी भर गया था, उसी वक्त से उत्पादन ठप है.

राजहरा कोलियरी पलामू
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Published : Feb 10, 2019, 2:24 PM IST

पलामू: जहां एक दशक से छाई है वीरानी अब वहां लौटेगी रौनक. कभी कोयला उत्पादन के लिए पूरे एशिया में मशहूर राजहरा कोलियरी में उत्पादन 2009 से बंद है. कोलियरी बंद होने के कारण राजहरा और उसके आस पास के करीब एक दर्जन गांव प्रभावित हुए हैं.

राजहरा कोलियरी पलामू
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2009 में भर गया था बाढ़ का पानी

राजहरा कोलियरी से उत्पादन शुरू होने की घोषणा के बाद लोगों को सब कुछ अच्छा होने की उम्मीद जगी है. 23 फरवरी से राजहरा कोलियरी से उत्पादन शुरू होने की घोषणा की गई है. राजहरा कोलियरी में 2009 में बाढ़ का पानी भर गया था, उसी वक्त से उत्पादन ठप है.

भुखमरी की जिंदगी
कोलियरी से उत्पादन शुरू होने की पहले भी पहल की गई लेकिन वह अमल में नहीं आ पाई. कई बार पानी निकालने का असफल प्रयास भी किया गया है. राजहरा कोलियरी के बंद होने से 600 से अधिक परिवार प्रभावित हुए थे, जबकि सैकड़ों लोगों पर अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ा था. करीब 350 वैगन लोडर आज भी भुखमरी की जिंदगी जी रहे हैं.

500 से अधिक लोग पलायन कर गए हैं
राजहरा कोलियरी की चमक और तबाही देखने वाले लोगों का कहना है कि कोलियरी से उत्पादन शुरू होना सुखद है. लोगों ने बताया कि कोलियरी से उत्पादन शुरू की घोषणा सिर्फ घोषणा न रह जाए. लोगों ने बताया कि कोलियरी बंद होने के बाद करीब 500 से अधिक लोग पलायन कर गए हैं.

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ये भी पढ़ें- राजभवन उद्यान में है स्पेशल किचन गार्डन, राज्यपाल की रसोई में पकती है यहां की सब्जी

राजहरा कोलियरी में 80 लाख टन कोयला
राजहरा कोलियरी में 80 लाख टन कोयला है, जिमसें से 49.30 लाख टन कोयला के उत्पादन की अनुमति मिली है. राजहरा कोलियरी सीसीएल का ओपन कास्ट माइंस है. कोलियरी नदी के किनारे मौजूद है, जिस कारण बरसात के दिनों में पानी भरने का डर है. कोलियरी से 12 में से नौ महीने उत्पादन होगा. 49.30 लाख टन कोयला का उत्पादन अगले 15 वर्षों में किया जाना है.

पलामू: जहां एक दशक से छाई है वीरानी अब वहां लौटेगी रौनक. कभी कोयला उत्पादन के लिए पूरे एशिया में मशहूर राजहरा कोलियरी में उत्पादन 2009 से बंद है. कोलियरी बंद होने के कारण राजहरा और उसके आस पास के करीब एक दर्जन गांव प्रभावित हुए हैं.

राजहरा कोलियरी पलामू
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2009 में भर गया था बाढ़ का पानी

राजहरा कोलियरी से उत्पादन शुरू होने की घोषणा के बाद लोगों को सब कुछ अच्छा होने की उम्मीद जगी है. 23 फरवरी से राजहरा कोलियरी से उत्पादन शुरू होने की घोषणा की गई है. राजहरा कोलियरी में 2009 में बाढ़ का पानी भर गया था, उसी वक्त से उत्पादन ठप है.

भुखमरी की जिंदगी
कोलियरी से उत्पादन शुरू होने की पहले भी पहल की गई लेकिन वह अमल में नहीं आ पाई. कई बार पानी निकालने का असफल प्रयास भी किया गया है. राजहरा कोलियरी के बंद होने से 600 से अधिक परिवार प्रभावित हुए थे, जबकि सैकड़ों लोगों पर अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ा था. करीब 350 वैगन लोडर आज भी भुखमरी की जिंदगी जी रहे हैं.

500 से अधिक लोग पलायन कर गए हैं
राजहरा कोलियरी की चमक और तबाही देखने वाले लोगों का कहना है कि कोलियरी से उत्पादन शुरू होना सुखद है. लोगों ने बताया कि कोलियरी से उत्पादन शुरू की घोषणा सिर्फ घोषणा न रह जाए. लोगों ने बताया कि कोलियरी बंद होने के बाद करीब 500 से अधिक लोग पलायन कर गए हैं.

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राजहरा कोलियरी में 80 लाख टन कोयला
राजहरा कोलियरी में 80 लाख टन कोयला है, जिमसें से 49.30 लाख टन कोयला के उत्पादन की अनुमति मिली है. राजहरा कोलियरी सीसीएल का ओपन कास्ट माइंस है. कोलियरी नदी के किनारे मौजूद है, जिस कारण बरसात के दिनों में पानी भरने का डर है. कोलियरी से 12 में से नौ महीने उत्पादन होगा. 49.30 लाख टन कोयला का उत्पादन अगले 15 वर्षों में किया जाना है.

Intro:एशिया फेम राजहरा कोलियरी की लौटेगी रौनक, उत्पादन शुरू होने के घोषणा के बाद लोंगो में जगी उम्मीद

नीरज कुमार, पलामू

जंहा एक दशक से छाई है वीरानी अब वंहा लौटेगी रौनक । कभी कोयला उत्पादन के लिए पूरे एशिया में मशहूर राजहरा कोलियरी में उत्पादन 2009 से बंद है। कोलियरी बंद होने के कारण राजहरा और उसके आस पास के करीब एक दर्जन गांव प्रभावित हुए है। राजहरा कोलियरी से उत्पादन शुरू होने की घोषणा के बाद लोगों को सब कुछ अच्छा होने की उम्मीद जगी है। 23 फरवरी से राजहरा कोलियरी से उत्पादन शुरू होने घोषणा की गई है। राजहरा कोलियरी में 2009 में बाढ़ का पानी भर गया था , उसी वक्त से उत्पादन ठप है। कोलियरी से उत्पादन शुरू होने की पहले भी पहल की गई लेकिन वह अमल में नही आ पाई है। कई बार पानी निकालने का असफल भी प्रयास किया गया है। राजहरा कोलियरी की बंद होने से सीधे सीधे 600 से अधिक परिवार प्रभावित हुए थे जबकि सैकड़ो लोगो पर अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ा था। करीब 350 वैगन लोडर आज भी भुखमरी की जिंदगी जी रहे हैं।


Body:राजहरा कोलियरी की चमक और तबाही देखने वाले लोगो का कहना है कि कोलियरी से उत्पादन शुरू होना सुखद है । लोगो ने बताया कि कोलियरी से उत्पादन शुरू की घोषणा सिर्फ घोषणा न रह जाए। लोगो ने बताया कि कोलियरी बंद होने के बाद करीब 500 से अधिक लोग पलायन कर गए है। पहले राजहरा में चहल पहल थी अब वीरानी है। पलामू सांसद बीडी राम ने बताया कि कोलियरी के शुरू होने से लोगो को रोजगार मिलेगा और सैकड़ो लोग अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार से जुडेंगे। कोलियरी से उत्पादन शुरू करने के लिए हर स्तर से प्रयास किया गया है।


Conclusion:राजहरा कोलियरी में 80 लाख टन कोयला है, जिमसें से 49.30 लाख टन कोयला के उत्पादन की अनुमति मिली है। राजहरा कोलियरी सीसीएल का ओपन कास्ट माइंस है ।कोलियरी नदी के किनारे मौजूद है, जिस कारण बरसात के दिनों में पानी भरने का डर है। कोलियरी से 12 में से 09 महीने उत्पादन होगा। 49.30 लाख टन कोयला का उत्पादन अगले 15 वर्षो में किया जाना है दो एकड़ रैयत को नौकरी का प्रावधान है।
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