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पलामू: जून में सामान्य से बेहद कम हुई बारिश, जल संचयन के लिए हर गांव में शुरू होंगी ये 5 योजनाएं

पलामू जिला प्रशासन ने बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए योजना बनाई है. पलामू के सभी 1913 गांव में पांच-पांच योजनाएं शुरू की जा रही हैं, ताकि बारिश के पानी को बचाया जा सके. पूरे जिले में 9500 गांवों का चयन हुआ है, जो मनरेगा के तहत पूरी होंगी.

जल संचयन के लिए हर गांव में शुरू होगी ये 5 योजनाएं
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Published : Jul 1, 2019, 4:11 PM IST

पलामू: 2018 में सुखाड़ घोषित होने वाला पलामू जिला 2019 में भी सुखाड़ की नौबत पर है. जून महीने में पलामू में सामान्य से कम बारिश हुई है. यहां सामान्य तौर पर 160 मिलीलीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार सिर्फ 51 मिलीलीटर ही बारिश हुई है. कई इलाकों में 15 जून के बाद खेती शुरू हो जाती है. हालांकि अभी तक खेतों में जुताई भी शुरू नहीं हुई है. पलामू का तापमान अभी भी लगातार 40 डिग्री के पार बना हुआ हुआ है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

पलामू जिला प्रशासन ने बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए योजना बनाई है. पलामू के सभी 1913 गांव में पांच-पांच योजनाएं शुरू की जा रही हैं, ताकि बारिश के पानी को बचाया जा सके. पूरे जिले में 9500 योजना चयन की गई, जो मनरेगा के तहत पूरी होंगी.

जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि जल संचयन की योजना से ग्रामीण इलाकों में रोजगार उपलब्ध कराया जाए. पलामू प्रभारी डीसी सह डीडीसी बिंदु माधव सिंह ने बताया कि तालाब, मेड बंदी, डोभा आदि योजना के माध्यम से जल संचयन का प्रयास किया जा रहा है.

पलामू: 2018 में सुखाड़ घोषित होने वाला पलामू जिला 2019 में भी सुखाड़ की नौबत पर है. जून महीने में पलामू में सामान्य से कम बारिश हुई है. यहां सामान्य तौर पर 160 मिलीलीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार सिर्फ 51 मिलीलीटर ही बारिश हुई है. कई इलाकों में 15 जून के बाद खेती शुरू हो जाती है. हालांकि अभी तक खेतों में जुताई भी शुरू नहीं हुई है. पलामू का तापमान अभी भी लगातार 40 डिग्री के पार बना हुआ हुआ है.

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पलामू जिला प्रशासन ने बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए योजना बनाई है. पलामू के सभी 1913 गांव में पांच-पांच योजनाएं शुरू की जा रही हैं, ताकि बारिश के पानी को बचाया जा सके. पूरे जिले में 9500 योजना चयन की गई, जो मनरेगा के तहत पूरी होंगी.

जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि जल संचयन की योजना से ग्रामीण इलाकों में रोजगार उपलब्ध कराया जाए. पलामू प्रभारी डीसी सह डीडीसी बिंदु माधव सिंह ने बताया कि तालाब, मेड बंदी, डोभा आदि योजना के माध्यम से जल संचयन का प्रयास किया जा रहा है.

Intro:पलामू में जून महीने में सामान्य से बेहद कम हुई बारिश, जल संचयन के लिए हर गांव में शुरू होगी पांच योजना

नीरज कुमार । पलामू

2018 में सुखाड़ घोषित होने वाला पलामू 2019 में भी सुखाड़ की राह पर चल पड़ा है। जून महीने में पलामू में सामान्य से कम बारिश हुई है। जून महीने में पलामू में सामान्य तौर पर 160 मिलीलीटर बारिश होती है लेकिन इस बार सिर्फ 51 मिलीलीटर ही बारिश हुई है। कई इलाकों में 15 जून के बाद खेती शुरू हो जाती है लेकिन अभी तक खेतों में जोताई भी शुरू नही हुई है। पलामू का तापमान अभी भी लगातार 40 के पार बना हुआ हुआ है। पलामू ज़िला प्रशासन ने स्थिति को देखते पहल करना शुरू कर दिया है।


Body:पलामू के सभी गांव में जल संचयन के ली जा रही है पांच पांच योजना

पलामू ज़िला प्रशासन बारिस के पानी को संरक्षित करने के लिए योजना बनाई है।पलामू के सभी 1913 गांव में पांच पांच योजना शुरू की जा रही है ताकि बारिश के पानी को बचाया जा सके। पूरे जिले में 9500 योजना चयन किया गया जो मनरेगा के तहत पूरी होंगी। ज़िला प्रशासन का लक्ष्य है कि जल संचयन की योजना से ग्रामीण इलाकों में रोजगार उपलब्ध करवाई जाए। पलामू के प्रभारी डीसी सह डीडीसी बिंदु माधव सिंह ने बताया कि तालाब, मेड बंदी, डोभा आदि योजना के माध्यम से जल संचयन का प्रयास किया जा रहा है।


Conclusion:डीडीसी ने बताया कि जिला प्रसाशन का लक्ष्य है कि पलामू में दिसम्बर जनवरी में पानी खत्म हो जाती है उसे अप्रैल तक ले जाने की।

BYTE - बिंदु माधव सिंह, प्रभारी डीसी सह डीडीसी , पलामू
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