पलामूः जिला में कोरोना कहें या इसका खौफ, हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है. शमशान में अंतिम संस्कार के लिए लाने वाले शवों में अधिकतर की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है. पलामू के मेदिनीनगर राजा हरिश्चंद्र घाट पर 29 मार्च से अब तक 70 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया है. जिसमें से 55 से अधिक लोगों की मौत हार्ट अटैक से बताई गई है.
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यह आंकड़ा सिर्फ प्रमंडलीय मुख्यालय के एक श्मशान की है. जिला में 24 से अधिक श्मशान घाट है. जिला के सरकारी रिकॉर्ड में 60 के करीब मौत कोविड-19 से बताई गई है. जबकि जिला में विभिन्न घाटों पर पिछले डेढ़ महीने 130 से अधिक लोगों का अंतिम संस्कार हुआ है.
श्मशान पर परिजन बता रहे हार्ट अटैक से हुई मौत
राजा हरिश्चंद्र घाट पर शवों के अंतिम संस्कार करने वाले रामचंद्र शर्मा और वसीम खान बताते हैं कि प्रतिदिन चार से छह शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा. पूछने पर परिजन बताते हैं कि हार्ट अटैक से मौत हुई है, वो बताते हैं कि अस्पताल से एंबुलेंस से शव सीधे श्मशान घाट तक पहुंचाया जा रहा है और शव पूरी तरह पैक रहते हैं. वो सभी का अंतिम संस्कार कर रहे हैं और दस्तावेजों में सभी का डिटेल दर्ज किया जा रहा है.
कोविड-19 का खौफ लोगों को कर रहा पैनिक
मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर आरके रंजन बताते हैं कि लोगों में कोविड-19 का खौफ हो रहा है. विभिन्न समाचार और मौजूदा हालात को देखकर वह पैनिक हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि लोगों को समझने की जरूरत है, यह एक तरह से फ्लू ही है, डॉक्टर सभी का इलाज कर रहे हैं. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर संजय कुमार बताते हैं कि विल पावर की भी यह लड़ाई है, लोगों को आत्मविश्वास बनाए रखने की जरूरत है. कोरोना से बड़ी संख्या में लोग ठीक हो रहे हैं, समाज के साथ-साथ हर तबके को चाहिए कि लोगों का हौसला बढ़ाएं.
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खान-पान, दिनचर्या और वर्जिश से बढ़ाएं आत्मविश्वास
मेडिकल कॉलेज में तैनात मनोचिकित्सक सुनील कुमार बताते हैं कि खान-पान दिनचर्या और कसरत से लोग अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं. उन्होंने बताया कि लोगों को नकारात्मक सोच नहीं रखना चाहिए. उनके आत्मविश्वास से ही हर बीमारी से जीता जा सकता है, पैनिक होना और घबराहट ही हार्ट अटैक का बड़ा कारण है.