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लॉकडाउन: ग्रामीणों को सताने लगी है पेट की चिंता, संकट में  ग्रामीण

पलामू में लॉकडाउन के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों ने कहा कि सरकार की सारी योजनाएँ फेल साबित हो रही है. वहीं, धीरे-धीरे सभी के घरों से राशन भी खत्म होता जा रहा है और अब लोगों को पेट की चिंता सताने लगी है.

People are worried due to lockdown
लॉकडाउन के कारण भूख से परेशान लोग
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Published : Mar 31, 2020, 1:34 PM IST

पलामू: कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन हुए एक सप्ताह हो गया है. शहरी क्षेत्र में लोगो की मदद के लिए कई संस्थाए आगे आयी है. लेकिन अभी तक कोई ग्रामीण इलाके में पहुंचा ही नहीं है. जिले के प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से करीब 60 किलोमीटर दूर छत्तरपुर के सिलदाग पंचायत के चौखडा गांव का एक परिवार आज भूख की संकट से जूझ रहा है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

लॉकडाउन के कारण भूख से परेशान लोग

जिले के चौखडा गांव में करीब 500 लोगों की आबादी है. आबादी का अधिकतर हिस्सा मजदूरी पर निर्भर है. लॉकडाउन के कारण सब कुछ बंद है, मजदूरों के पास पैसे धीरे-धीरे खत्म होने लगे है. अगले कुछ दिनों में राशन और पैसे भी खत्म हो जाएंगे. चौखडा के अवध यादव ने बताया कि उनके घर में सिर्फ छह से सात दिनों का राशन बचा है. गांव के अधिकतर लोगों के घरों में यही हालात है. अधिकतर लोग स्टोन माइंस में काम करते हैं. जिसके बाद माइंस बंद होने से कई संकट उत्पन्न होने लगा है.

ये भी पढ़ें- नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, सभी छह आरोपी गिरफ्तार

वहीं, लोगों का कहना है कि गांव के करीब 60 से 70 लोग मजदूर है. गांव में जाने के लिए पगडंडी और पथरीले रास्तों का सफर तय करना पड़ता है. जिसके कारण गांव तक राशन पहुंच ही नहीं पाई है. इस गांव में प्रशासन की योजना की पोल खुलती नजर आ रही है. लोगों ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों तक राशन पंहुचाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन अभी तक चौखडा में राशन का एक दाना भी नही पंहुचा है.

पलामू: कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन हुए एक सप्ताह हो गया है. शहरी क्षेत्र में लोगो की मदद के लिए कई संस्थाए आगे आयी है. लेकिन अभी तक कोई ग्रामीण इलाके में पहुंचा ही नहीं है. जिले के प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से करीब 60 किलोमीटर दूर छत्तरपुर के सिलदाग पंचायत के चौखडा गांव का एक परिवार आज भूख की संकट से जूझ रहा है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

लॉकडाउन के कारण भूख से परेशान लोग

जिले के चौखडा गांव में करीब 500 लोगों की आबादी है. आबादी का अधिकतर हिस्सा मजदूरी पर निर्भर है. लॉकडाउन के कारण सब कुछ बंद है, मजदूरों के पास पैसे धीरे-धीरे खत्म होने लगे है. अगले कुछ दिनों में राशन और पैसे भी खत्म हो जाएंगे. चौखडा के अवध यादव ने बताया कि उनके घर में सिर्फ छह से सात दिनों का राशन बचा है. गांव के अधिकतर लोगों के घरों में यही हालात है. अधिकतर लोग स्टोन माइंस में काम करते हैं. जिसके बाद माइंस बंद होने से कई संकट उत्पन्न होने लगा है.

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वहीं, लोगों का कहना है कि गांव के करीब 60 से 70 लोग मजदूर है. गांव में जाने के लिए पगडंडी और पथरीले रास्तों का सफर तय करना पड़ता है. जिसके कारण गांव तक राशन पहुंच ही नहीं पाई है. इस गांव में प्रशासन की योजना की पोल खुलती नजर आ रही है. लोगों ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों तक राशन पंहुचाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन अभी तक चौखडा में राशन का एक दाना भी नही पंहुचा है.

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