पलामू: पटना सीरियल ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट ने 09 आरोपियों खिलाफ सोमवार को सजा सुनाई है. ब्लास्ट के दो सजायाफ्ता अभियुक्त नोमान और तौफीक अंसारी पलामू से 2014 में गिरफ्तार हुए थे. नोमान को एनआईए कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. दोनों पलामू में लंबे वक्त तक पहचान बदल कर रह रहे थे. दोनों के पास बड़ी संख्या में फर्जी वोटर आईडी बरामद हुए थे. एनआईए के अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि नुमान कुमार और तौफिक पलामू में अपना ठिकाना बनाए हुए हैं. इसी सूचना के आलोक में एनआईए और पलामू पुलिस की टीम ने 21 मई 2014 को मेदिनीनगर बारालोटा के शंकर लॉज में छापेमारी कर दोनों को गिरफ्तार किया था.
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बिना खिड़की वाले कमरे में रह रहे थे दोनों, कमरे से नही निकलते थे
नोमान और तौफीक ने बारालोटा के शंकर लॉज में बिना खिड़की वाले कमरे को किराया लिया था, कमरा में पंखा तक नहीं था. मई के महीने में भीषण गर्मी पड़ती है, इस गर्मी में भी दोनों कमरे से बाहर नहीं निकलते थे. उस दौरान एनआईए और पुलिस ने नुमान के पास से 11 फर्जी वोटर आईडी बरामद किए थे. दोनों पलामू में तीन महीने तक नाम बदल कर रह रहे थे. दोनों सिर्फ मेदनीनगर के छह मुहाना बाजार के इलाके में जाते थे. दोनों का स्थानीय लोगों से कोई संबंध नहीं. अपने आप को छात्र बता कर लॉज को किराए पर लिया था.
नुमान ने दिल्ली जाने के लिए ए कुमार के नाम से करवाया था टिकट बुक
दोनों पलामू में अपना ठिकाना बदलने वाले थे इससे पहले ही इन आईआर पुलिस की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था. पटना ब्लास्ट के मुख्य आरोपी में से एक मजीबुल्ला ने पलामू का पहले रेकी किया था, उसके बाद नोमान और तौफिक पलामू पंहुचे थे. उस दौरान एनआईए को दोनों का भागने का ट्रेन का टिकट मिला था. दोनों अलग-अलग नाम से महाबोधि एक्सप्रेस में बुकिंग करवाई थी. नोमान दिल्ली भागने वाला था, 24 मई को उसकी महाबोधि एक्सप्रेस में बुकिंग थी. लेकिन के 21 मई को ही वह गिरफ्तार हो गया. नोमान ने ए कुमार के नाम से ट्रेन की टिकट बुक करवाई थी. दोनों के पास इस दौरान पुलिस ने प्रवीण तोगड़िया, अशोक सिंघल, उमा भारती, अश्विनी चौबे समेत संघ और वीएचपी के कई टॉप नेताओं का फोटो बरामद किए थे.