पाकुड़: जिले में एक ऐसा कुंड है जो आस्था का प्रतीक तो है ही, इसमें नहाने से कई तरह की बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है. इस कुंड में नहाने के लिए पाकुड़ जिले से ही नहीं बल्कि देश के कई अन्य राज्यों के अलावा विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं.
यह कुंड पाकुड़ जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूरी पर स्थित पाकुड़िया प्रखंड के सीतपुर गांव में है. इस कुंड से निकलने वाला पानी काफी गर्म होता है और लोग खास कर मकर संक्रांति के दिन यहां नहाने के बाद ईष्ट देव की पूजा अर्चना करते हैं. मान्यता है कि इस कुंड में नहाने से कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं. साथ ही जीवन में किए गए पाप से भी मुक्ति मिलती है.
इस कुंड में नहाने के बाद खासकर सफाहोड़ आदिवासी समाज के लोग यहां पूजा-अर्चना, भजन कीर्तन करते हैं और दिनभर भक्ति में लीन रहते हैं. इस कुंड में नहाने के लिए झारखंड के अलावे निकटवर्ती पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, मणिपुर, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश सहित नेपाल, भूटान से हजारों की संख्या में श्रद्धालु मकर संक्रांति के दिन पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण तीन दिनों तक मेला का भी आयोजन किया जाता है. मेले में श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो इसके लिए जिला व पुलिस प्रशासन विशेष निगरानी भी करते हैं.
गर्म कुंड पहुंचे पुरखा बाबा ने बताया कि यहां हमलोग पूजा-अर्चना के साथ भजन-कीर्तन भी करते हैं. साथ ही अपने इष्ट देवता का ध्यान करते हैं. उन्होंने बताया कि गर्म कुंड में पूजा अर्चना के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए यहां सड़क का निर्माण कराना चाहिए. साथ ही कुंड के निकट श्रद्धालुओं के बैठने एवं साफ-सफाई की व्यवस्था करनी चाहिए. मेला देखने पहुंचे लोगों ने बताया कि मकर संक्रांति के मौके पर सफहोड़ आदिवासियों की संस्कृति और सभ्यता देखने को मिलती है.
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