पलामूः झारखंड और बिहार चुनाव पर मौजूद नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले चक में पंचायत चुनाव के दौरान वोटरों ने जमकर उत्साह दिखाया है. चक की बात करें तो यह पलामू चतरा और बिहार के गया सीमा पर मौजूद है. इस इलाके में कभी नक्सलियों की समानांतर सरकार चला करती थी. चुनाव के लिए पहली बार मतदान दल इलाके में सड़क मार्ग से पहुंचा था.
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पलामू में नक्सल प्रभावित इलाकों में वोटिंग हो रही है. नक्सलियों के गढ़ में बुलेट पर बैलेट भारी पड़ता दिख रहा है. चक के इलाके में वोटिंग के लिए सुबह से ही वोटरों की लंबी लाइन देखी गयी. चक इलाके में 12 गांव है, सभी का मतदान केंद्र एक ही जगह बनाई गयी है. चक मतदान केंद्र पर पुरुषों से अधिक महिलाओं की भीड़ देखी गयी.
चक पंचायत में पांच हजार से अधिक वोटर है. संभावना जताई जा रही है कि सुबह के 11 बजे बजे तक यहां 55 प्रतिशत मतदान हो चुका है. वोटरों के चेहरे पर नक्सलियों के फरमान का कोई खौफ नहीं देखा गया. पहली बार वोट देने वाली आयशा ने बताया कि सभी लोगों को वोट देने के लिए सभी लोगों को घर से बाहर निकलनी चाहिए. वो पहली बार वोट दे रही हैं, वो सभी महिलाओं से आग्रह कर रही हैं कि वोट देने के लिए सभी घरों से बाहर निकलें. गांव की सरकार बनाने में सभी की भागीदारी जरूरी है. चक के युवक शमीम ने बताया कि अब माहौल बदल गया है इलाके में किसी की खौफ नहीं है.प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से करीब 80 किलोमीटर दूर चक का इलाका मौजूद है. इस इलाके को नक्सलियों ने 2009-10 में दो वर्ष के लिए नाकेबंदी कर दी थी. उससे पहले इलाके में पुलिस कैंप की स्थापना की गयी. पुलिस कैंप की स्थापना के विरोध में नक्सलियों ने इलाके को बंद कर दिया था. नक्सली गतिविधियों की शुरुआत के बाद पहली बार चक में पोलिंग पार्टी सड़क मार्ग से यहां पहुंची. पहले चक जाने के दौरान सभी चुनाव पोलिंग पार्टी हैली ड्रॉपिंग करवाई जाती थी. चक मतदान केंद्र पर सुरक्षा की कमान संभालने वाले सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र पासवान ने बताया कि वोटिंग को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. लोकसभा से ही वोट देने के लिए लाइन में लगे हुए हैं. इलाके का माहौल पूरी तरह बदल गया है, नक्सल खौफ कम हो गयी.